मंडी: जिले के उपमंडल थुनाग के सराज क्षेत्र में 12 साल बाद प्रसिद्ध देव शैटीनाग रविवार से देवलुओं के साथ देव कमरुनाग व शिकारी देवी की यात्रा पर निकल पड़े हैं. देवता शैटीनाग ने अपने लाव लश्कर के साथ ऐतिहासिक यात्रा शुरू कर दी है.
देवता शैटीनाग की ऐतिहासिक यात्रा शुरू
देवता शैटीनाग ने हाल ही में आयोजित पूजा के दौरान यात्रा को लेकर आदेश दिए थे और देवता के कारदार ने अनुपालना अनुसार यात्रा शुरू कर दी है. जानकारी देते हुए देव शैटीनाग के मुख्य कारदार हिम्मत राम ठाकुर ने कहा कि चार जुलाई को देवता अपनी मूल बूंग कोठी से वाया शैटाधार मंदिर होते हुए थुनाग या बगस्याड़ में ठहरेंगे.
कमरुनाग पवित्र झील की करेंगे परिक्रमा
पांच जुलाई को रात्रि पड़ाव जाच्छ में होगा. उन्होंने कहा कि 6 जुलाई को जाच्छ से देव कमरुनाग पवित्र झील की परिक्रमा और विश्राम करेंगे. वहीं, 7 जुलाई को शिकारी देवी मंदिर के लिए प्रस्थान होगा और रात्रि विश्राम शिकारी देवी मंदिर परिसर में होगा. हिम्मत राम ठाकुर ने कहा कि 8 जुलाई को वाया जंजैहली और रात्रि विश्राम जंजैहली क्षेत्र में होगा. 9 जुलाई को रात्रि विश्राम चेत बहड़ में होगा. उन्होंने कहा 10 जुलाई को पवित्र महायात्रा के अंतिम दिन वाया शैटाधार-जोगीपत्थर होते हुए देवता बूंग स्थित कोठी पहुंचेंगे.
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