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कोरोना वायरस: सराज घाटी में थम गए देव समागम

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Published : Mar 24, 2020, 11:19 PM IST

कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते देव समाज ने भी अपनी तमाम गतिविधिओं व देवलुयों पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी है. देव समाज के लोगों पर काफी दिनों से कोरोना को लेकर दवाब था.

Dev activities stops in Seraj valley
सराज घाटी में थम गए देव समागम

सराज: कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते देव समाज ने भी अपनी तमाम गतिविधिओं व देवलुयों पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी है. देव समाज के लोगों पर काफी दिनों से कोरोना को लेकर दवाब था.

सराज घाटी के बड़ा देव माने जाने वाले देव श्री मतलोड़ा व देव श्री चुंजवाला के देवरथों को कोरोना वायरस के चलते अनिश्चितकाल के लिए देव कोठियों में बंद कर दिया गया है. देव मतलोड़ा के हरियान एवं देवी देवता कारदार संघ के मंडी जिला सलाहकार हेमराज ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि देवता के देव रथ को देवता की चोहठ कोठी में रखा गया है. इस दौरान मात्र देवता के पुजारी को ही कोठी में प्रवेश करने को अधिकृत किया गया है. इस दौरान देवता की तमाम आध्यात्मिक गतिविधियां और व्यक्तिगत देउलियां भी अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है.

Dev activities stops in Seraj valley
कोरोना वायरस के चलते सराज घाटी में थम गए देव समागम

वहीं, सराज घाटी के दूसरे प्रमुख देवता देव श्री चुंजवाला को भी बालीचौकी क्षेत्र के कांढा गांव में निर्मित देव कोठी में व्यक्तिगत दर्शनों के लिए रखा गया है. देवता प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरि सिंह चौहान ने बताया कि देव कमेटी के इस फैसले को लेकर देवता के समस्त कारदारों को भी सूचित कर दिया है.

हरि सिंह चौहान ने बताया कि अनिश्चितकाल तक अब देवरथ को निमंत्रण देने की पर्चियां नहीं काटी जाएगी. उन्होंने बताया कि इस दौरान देवी देवता कारदार संघ और प्रशासन द्वारा तय मापदंडों के तहत ही देव समाज अपनी अगली कार्रवाई अमल में लायेगा.

स्थगित हुआ बालुनाग व चुंजवाला का देव मिलन समारोह

दूसरी ओर देव श्री चुंजवाला का देव रथ बंद होने से चुंजवाला और बंजार क्षेत्र के देवता देव श्री बालुनाग का मिलन समारोह भी स्थगित हो गया है. उक्त समारोह 24 मार्च को माणी गांव में आयोजित किया जाना था. देव श्री चुंजवाला के खुंढा छापेराम ने बताया कि देव श्री चुंजवाला ने 3 महीने पहले ही कई स्थानों पर कुछ अनिष्ट होने की आशंका जाहिर की थी, जिसे लेकर ही दोनों देवताओं के मध्य उक्त मिलन कार्यक्रम तय किया गया था.

देवता के खुंढा ने उक्त समारोह स्थगित होने पर दुख जताया और कहा कि मंडी और कुल्लू सराज के इन दोनों देवताओं का मिलन हमेशा जन कल्याणकारी होता है.

ये भी पढ़ें: एक्शन मोड में आया करसोग प्रशासन, तीन गाड़ियां कीं जब्त, 5 दुकानदारों के भी काटे चालान

सराज: कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते देव समाज ने भी अपनी तमाम गतिविधिओं व देवलुयों पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी है. देव समाज के लोगों पर काफी दिनों से कोरोना को लेकर दवाब था.

सराज घाटी के बड़ा देव माने जाने वाले देव श्री मतलोड़ा व देव श्री चुंजवाला के देवरथों को कोरोना वायरस के चलते अनिश्चितकाल के लिए देव कोठियों में बंद कर दिया गया है. देव मतलोड़ा के हरियान एवं देवी देवता कारदार संघ के मंडी जिला सलाहकार हेमराज ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि देवता के देव रथ को देवता की चोहठ कोठी में रखा गया है. इस दौरान मात्र देवता के पुजारी को ही कोठी में प्रवेश करने को अधिकृत किया गया है. इस दौरान देवता की तमाम आध्यात्मिक गतिविधियां और व्यक्तिगत देउलियां भी अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है.

Dev activities stops in Seraj valley
कोरोना वायरस के चलते सराज घाटी में थम गए देव समागम

वहीं, सराज घाटी के दूसरे प्रमुख देवता देव श्री चुंजवाला को भी बालीचौकी क्षेत्र के कांढा गांव में निर्मित देव कोठी में व्यक्तिगत दर्शनों के लिए रखा गया है. देवता प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरि सिंह चौहान ने बताया कि देव कमेटी के इस फैसले को लेकर देवता के समस्त कारदारों को भी सूचित कर दिया है.

हरि सिंह चौहान ने बताया कि अनिश्चितकाल तक अब देवरथ को निमंत्रण देने की पर्चियां नहीं काटी जाएगी. उन्होंने बताया कि इस दौरान देवी देवता कारदार संघ और प्रशासन द्वारा तय मापदंडों के तहत ही देव समाज अपनी अगली कार्रवाई अमल में लायेगा.

स्थगित हुआ बालुनाग व चुंजवाला का देव मिलन समारोह

दूसरी ओर देव श्री चुंजवाला का देव रथ बंद होने से चुंजवाला और बंजार क्षेत्र के देवता देव श्री बालुनाग का मिलन समारोह भी स्थगित हो गया है. उक्त समारोह 24 मार्च को माणी गांव में आयोजित किया जाना था. देव श्री चुंजवाला के खुंढा छापेराम ने बताया कि देव श्री चुंजवाला ने 3 महीने पहले ही कई स्थानों पर कुछ अनिष्ट होने की आशंका जाहिर की थी, जिसे लेकर ही दोनों देवताओं के मध्य उक्त मिलन कार्यक्रम तय किया गया था.

देवता के खुंढा ने उक्त समारोह स्थगित होने पर दुख जताया और कहा कि मंडी और कुल्लू सराज के इन दोनों देवताओं का मिलन हमेशा जन कल्याणकारी होता है.

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