मंडी: आपदा की इस घड़ी में बहुत से लोगों द्वारा प्रदेश सरकार के साथ सहानुभूति जताई जा रही है. कर्ज में डूबे इस प्रदेश को इस समय सहानुभूति की नहीं मदद की दरकार है. केंद्र सरकार द्वारा भी अभी तक हिमाचल पर आई इस त्रासदी को ना तो आपदा घोषित किया गया है और ना ही कर्ज में डूबे प्रदेश को कोई राहत पैकेज देने का ऐलान किया है. यह बात है मंडी में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कही.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बीते दिनों पूरे प्रदेश में हुए महा जल प्रलय के कारण सैंकड़ों लोग बेघर हो गए. वहीं, विभिन्न विभागों को करोड़ों रुपए नुकसान पहुंचा है. प्रदेश सरकार द्वारा बीते दिनों हुए नुकसान मूल्यांकन केंद्र सरकार भेजा जा रहा है. बावजूद इसके अभी तक का प्रदेश सरकार को कुछ भी मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने केंद्र से इस जल प्रलय को आपदा घोषित करने व मुआवजा देने की मांग उठाई है, ताकि प्रदेश सरकार द्वारा रीस्टोरेशन के कार्य में तेजी ला सके.
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जल शक्ति विभाग की पूरे प्रदेश में बाढ़ की तबाही से 1 हजार करोड़ की स्कीमें तबाह हो गई. जिसे 10 हजार में से करीब 50 फीसदी योजनाएं में बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में पानी की स्थिति में नदी के किनारे बनी हुई है. ऐसे में भारी बारिश के कारण हुई तबाही में पंप हाउस, पंपिंग मशीनरी सहित लाइनें पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं.
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस जल प्रलय के कारण इन सभी स्कीमों को पुनः स्थापित करना जल शक्ति विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है. तबाही के इस मंजर में कुल्लू मंडी जिले में जल शक्ति विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. ऐसे में इन दोनों जिलों में वाटर स्कीमों को पुनः स्थापित करने के लिए विभाग के कर्मचारी दिन-रात जुटे हुए हैं. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग प्रयास कर रहा है कि अगले 24 घंटे में मंडी शहर में पानी की नॉर्मल सप्लाई बहाल की जा सके, लेकिन बाढ़ से 82 करोड़ की ऊहल पेयजल योजना प्रभावित होने से समस्या विकट हुई है. इसे सुचारू करने के लिए पूरी वर्क फोर्स और मशीनरी जुटी हुई है.
अग्निहोत्री ने कहा कि इसके अलावा पड्डल पेयजल योजना को भी बहुत नुकसान हुआ है. इसे बहाल करने के लिए सरकार ने फौरी तौर पर 2 करोड़ रुपये जारी किए हैं. इसके पुनर्निर्माण के साथ लोगों को पानी की सुचारू सप्लाई के लिए नई मशीनरी मंगवा ली गई है, इससे शहर के लिए पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था बहाल हो जाएगी. भविष्य में यह योजना बाढ़ से बची रहे इसके लिए नदी की ओर से प्रोटेक्शन वॉल लगाई जाएगी.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल योजनाओं की बहाली तक जल शक्ति विभाग मंडी शहर में टैंकर और सार्वजनिक नल लगाकर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगा. विभाग ने शहर में पानी आपूर्ति के लिए 60 टैंकर चलाए हैं. वहीं, चिन्हित जगहों पर सार्वजनिक नलों के जरिए पेयजल आपूर्ति के प्रयास किए गए हैं. अग्निहोत्री ने कहा कि मंडी में सीवरेज योजना को भी बड़ा नुकसान हुआ है. रघुनाथ का पधर और खलियार में सीवरेज लाइन क्षतिग्रस्त हुई हैं. इन्हें ठीक करने के लिए भी तेज गति से काम किया जा रहा है.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा में एचआरटीसी बसों का बेड़ा पूरी तरह सुरक्षित है. जहां कुछ जगहों पर बसें फंसी भी हैं, वे भी सुरक्षित हैं. मंडी में ज्यादातर रूट बहाल कर लिए गए हैं. इससे पूर्व उप मुख्यमंत्री ने पंचवक्त्र महादेव मंदिर में रीस्टोरेशन कार्य का निरीक्षण किया. इस मौके पर उन्होंने मंदिर में माथा टेक कर बाबा भोलेनाथ से सभी के कुशल क्षेम की भी प्रार्थना की.
ये भी पढ़ें- Mandi News: 4 फीट कीचड़ में चलकर CM सुक्खू ने जाना लोगों का हाल, प्रभावित परिवारों को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा