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'कोविड टेस्ट के लिए सैंपल लेना एक रैंडम प्रक्रिया, ना घबराएं, ना अफवाह फैलाएं'

उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि कोविड टेस्ट के लिए लोगों के सैंपल लेना एक रैंडम प्रक्रिया है, इसलिए जिनके सैंपल लिए जा रहे हैं उन्हें निशाना बनाने और कोरोना संदिग्ध के तौर पर प्रचारित कर समाज में अफवाहें, भ्रम व भय फैलाने से बचें.

mandi news, मंडी न्यूज
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Published : May 12, 2020, 11:40 AM IST

मंडी: जिला मंडी में अन्य राज्यों से काफी लोग आ रहे हैं. पिछले 15 दिनों में 6800 के करीब लोग जिला में आए हैं. इन सभी लोगों को होम क्वारंटाइन व संस्थागत क्वारंटाइन में रखा गया है. इसका सख्ती से पालन तय बनाया गया है. अभी तक जिला में 600 से अधिक कोविड-19 टेस्ट के लिए सैंपल लिए गए हैं.

हाल ही के दिनों में जो लोग बाहर से आए है उनके लगभग 350 सैंपल लिए गए हैं इनमें अभी तक केवल 2 सैंपल पॉजिटिव आए हैं. उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि कोविड टेस्ट के लिए लोगों के सैंपल लेना एक रैंडम प्रक्रिया है, इसलिए जिनके सैंपल लिए जा रहे हैं उन्हें निशाना बनाने और कोरोना संदिग्ध के तौर पर प्रचारित कर समाज में अफवाहें, भ्रम व भय फैलाने से बचें.

वीडियो.

उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल के अनुरूप मंडी जिला में कोरोना संक्रमण के लक्षणों के अलावा उन लोगों के भी सैंपल लिए जा रहे हैं, जिनमें कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं. यह पूरी तरह रैंडम (क्रम रहित) प्रक्रिया है. इसके लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है कि किसका सैंपल लेना है और किसका सैंपल नहीं लेना है.

उपायुक्त ने कहा कि जिला में अलग अलग जगहों से हर दिन 30 से 40 सैंपल लिए जा रहे हैं, लेकिन कुछ जगहों पर व्यक्ति विशेष को निशाना बनाने और सैंपल के नतीजे आने से पहले ही परिणाम को लेकर अफवाहें फैलाने के मामले सामने आए हैं. उन्होंने समाज के सभी वर्गों से इस तरह की अफवाहें न फैलाने का आग्रह किया.

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डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि जो भी सैंपल लिए जाते हैं यदि उनमें कोई सैंपल पॉजिटिव आता है तो उसकी सूचना समय पर उपयुक्त माध्यमों से सभी लोगों तक पहुंचाई जाती है. सैंपल के नतीजों को लेकर अपनी तरफ से कयास न लगाएं. उपायुक्त ने लोगों से अपील कि किसी भी तरह की अफवाह ना फैलाएं.

ये भी पढे़ं- गलत जानकारी पर SP हमीरपुर ने दी सफाई, कोरोना मामले मिलने की FB पोस्ट हटाई

मंडी: जिला मंडी में अन्य राज्यों से काफी लोग आ रहे हैं. पिछले 15 दिनों में 6800 के करीब लोग जिला में आए हैं. इन सभी लोगों को होम क्वारंटाइन व संस्थागत क्वारंटाइन में रखा गया है. इसका सख्ती से पालन तय बनाया गया है. अभी तक जिला में 600 से अधिक कोविड-19 टेस्ट के लिए सैंपल लिए गए हैं.

हाल ही के दिनों में जो लोग बाहर से आए है उनके लगभग 350 सैंपल लिए गए हैं इनमें अभी तक केवल 2 सैंपल पॉजिटिव आए हैं. उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि कोविड टेस्ट के लिए लोगों के सैंपल लेना एक रैंडम प्रक्रिया है, इसलिए जिनके सैंपल लिए जा रहे हैं उन्हें निशाना बनाने और कोरोना संदिग्ध के तौर पर प्रचारित कर समाज में अफवाहें, भ्रम व भय फैलाने से बचें.

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उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल के अनुरूप मंडी जिला में कोरोना संक्रमण के लक्षणों के अलावा उन लोगों के भी सैंपल लिए जा रहे हैं, जिनमें कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं. यह पूरी तरह रैंडम (क्रम रहित) प्रक्रिया है. इसके लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है कि किसका सैंपल लेना है और किसका सैंपल नहीं लेना है.

उपायुक्त ने कहा कि जिला में अलग अलग जगहों से हर दिन 30 से 40 सैंपल लिए जा रहे हैं, लेकिन कुछ जगहों पर व्यक्ति विशेष को निशाना बनाने और सैंपल के नतीजे आने से पहले ही परिणाम को लेकर अफवाहें फैलाने के मामले सामने आए हैं. उन्होंने समाज के सभी वर्गों से इस तरह की अफवाहें न फैलाने का आग्रह किया.

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डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि जो भी सैंपल लिए जाते हैं यदि उनमें कोई सैंपल पॉजिटिव आता है तो उसकी सूचना समय पर उपयुक्त माध्यमों से सभी लोगों तक पहुंचाई जाती है. सैंपल के नतीजों को लेकर अपनी तरफ से कयास न लगाएं. उपायुक्त ने लोगों से अपील कि किसी भी तरह की अफवाह ना फैलाएं.

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