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मंडी में मनरेगा के तहत 198 करोड़ रुपये की राशि व्यय : ऋग्वेद ठाकुर - विकास कार्यों में पारदर्शिता तय करने के निर्देश

डीसी ने कहा कि सभी विकास खंडों में नए चुने हुए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. यह कार्यक्रम 22 फरवरी से आरंभ होंगे. उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम पर विशेष ध्यान देने तथा वित्तिय मामलों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्रदान करने को कहा ताकि नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में नए विकासकार्यां को अमलीजामा पहना सकें. उन्होंने सफलता की कहानियों के माध्यम से विकास कार्यों के बारे में जानकारी प्रदान करने को भी कहा.

अधिकारियों के साथ डीसी की बैठक
अधिकारियों के साथ डीसी की बैठक
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Published : Feb 17, 2021, 8:33 PM IST

मंडी: जिला में मनरेगा के अंतर्गत अब तक इस वित्त वर्ष में 198 करोड़ रुपये खर्च करके 74 लाख कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं. यह जानकारी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने बुधवार को उपायुक्त कार्यालय सभागार में खंड विकास अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी.

डीसी ने कहा कि सभी विकास खंडों में नए चुने हुए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. यह कार्यक्रम 22 फरवरी से आरंभ होंगे. उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम पर विशेष ध्यान देने तथा वित्तिय मामलों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्रदान करने को कहा ताकि नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में नए विकासकार्यां को अमलीजामा पहना सकें. उन्होंने सफलता की कहानियों के माध्यम से विकास कार्यों के बारे में जानकारी प्रदान करने को भी कहा.

चरणबद्ध तरीके से पर्वतधारा योजना लागू

उपायुक्त ने बताया कि जिला में चरणबद्ध तरीके से पर्वतधारा योजना लागू की गई है. अभी दो विकास खंडों धर्मपुर व सिराज में पर्वत धारा योजना आरंभ की गई है, जिसके तहत जल शक्ति विभाग के माध्यम से 1-1लाख लीटर क्षमता के वर्षा जल संग्रहण टैंक बनाए जाएंगे, जिनका उपयोग कृषि, बागवानी तथा मत्स्य पालन के कार्यों के लिए किया जाएगा.

डीसी ने बताया कि जिला में पिछले तीन वर्षों में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को 622 मकान स्वीकृत किए गए हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिला में 14.60 करोड़ रुपये के क्रेडिट मोबलाइजेशन का प्रावधान है. जिला में 775 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है. उन्होंने खंड विकास अधिकारियों का आह्वान किया कि वे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित करें. अपनी आर्थिक गतिविधियों को विस्तार दें, ताकि उनकी आर्थिकी सुदृढ़ हो सके.

विकास कार्यों में पारदर्शिता तय करने के निर्देश

उपायुक्त ने पंचायतों में विकास कार्यों में पारदर्शिता तय करने के निर्देश दिए. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जो भी धनराशि व्यय की जा रही है, उनके खर्च को लेकर सूचना बोर्ड लगाए जाएं तथा बोर्डों पर विकास कार्यां का ब्यौरा व व्यय की गई धनराशि भी दर्शाएं ताकि पारदर्शिता बनी रहे.

ये भी पढ़ें: चिट्टे के साथ पकड़ा गया अफ्रीकी नागरिक पुलिस रिमांड पर, नशे के नेटवर्क को तोड़ने में जुटी कुल्लू पुलिस

मंडी: जिला में मनरेगा के अंतर्गत अब तक इस वित्त वर्ष में 198 करोड़ रुपये खर्च करके 74 लाख कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं. यह जानकारी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने बुधवार को उपायुक्त कार्यालय सभागार में खंड विकास अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी.

डीसी ने कहा कि सभी विकास खंडों में नए चुने हुए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. यह कार्यक्रम 22 फरवरी से आरंभ होंगे. उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम पर विशेष ध्यान देने तथा वित्तिय मामलों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्रदान करने को कहा ताकि नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में नए विकासकार्यां को अमलीजामा पहना सकें. उन्होंने सफलता की कहानियों के माध्यम से विकास कार्यों के बारे में जानकारी प्रदान करने को भी कहा.

चरणबद्ध तरीके से पर्वतधारा योजना लागू

उपायुक्त ने बताया कि जिला में चरणबद्ध तरीके से पर्वतधारा योजना लागू की गई है. अभी दो विकास खंडों धर्मपुर व सिराज में पर्वत धारा योजना आरंभ की गई है, जिसके तहत जल शक्ति विभाग के माध्यम से 1-1लाख लीटर क्षमता के वर्षा जल संग्रहण टैंक बनाए जाएंगे, जिनका उपयोग कृषि, बागवानी तथा मत्स्य पालन के कार्यों के लिए किया जाएगा.

डीसी ने बताया कि जिला में पिछले तीन वर्षों में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को 622 मकान स्वीकृत किए गए हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिला में 14.60 करोड़ रुपये के क्रेडिट मोबलाइजेशन का प्रावधान है. जिला में 775 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है. उन्होंने खंड विकास अधिकारियों का आह्वान किया कि वे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित करें. अपनी आर्थिक गतिविधियों को विस्तार दें, ताकि उनकी आर्थिकी सुदृढ़ हो सके.

विकास कार्यों में पारदर्शिता तय करने के निर्देश

उपायुक्त ने पंचायतों में विकास कार्यों में पारदर्शिता तय करने के निर्देश दिए. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जो भी धनराशि व्यय की जा रही है, उनके खर्च को लेकर सूचना बोर्ड लगाए जाएं तथा बोर्डों पर विकास कार्यां का ब्यौरा व व्यय की गई धनराशि भी दर्शाएं ताकि पारदर्शिता बनी रहे.

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