मंडी: 22 मार्च को शुरू हुए चैत्र नवरात्रों का आज अंतिम दिन है. पूरे देश सहित छोटी काशी मंडी में भी चैत्र नवरात्रों के अंतिम दिन मंदिरों में खासी धूम देखी जा रही है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम का जन्म भी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यानि नवरात्रों के अंतिम दिन हुआ था. छोटी काशी मंडी के टारना माता, बृजेश्वरी माता, सिद्ध काली, भीमा काली, महिषासुर मर्दिनी सहित विभिन्न मंदिरों में पहुंचकर श्रद्धालु मां का आशीर्वाद ले रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में यदि भक्त मां दुर्गा की विधिवत पूजा श्रद्धा भाव के साथ करते हैं तो उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है.
नवरात्रों के अंतिम दिन छोटी काशी के मंदिरों में कन्या पूजन सहित भंडारों का भी आयोजन किया जा रहा है. वहीं, नवरात्रों के अंतिम दिन पूर्णाहुति के साथ भीमा काली मंदिर में जारी शतचंडी यज्ञ का भी समापन हो गया. मंडी के ऐतिहासिक टारना माता मंदिर में पहुंचे श्रद्धालु स्थानीय निवासी किशोरी लाल वर्मा का कहना है कि बचपन से ही इस मंदिर में उनकी आस्था जुड़ी है. वहीं, जोगिंदर नगर से आए श्रद्धालु विजय शर्मा ने बताया कि वे हर साल नवरात्रों के दौरान मंदिर में पहुंचकर मां श्यामाकाली का आशीर्वाद ग्रहण करने मां के दरबार पहुंचते हैं. उन्होंने बताया कि मां श्यामाकाली ने उनकी हर इच्छा को पूर्ण किया है और करोड़ों लोगों की आस्था इस मंदिर के साथ जुड़ी है.
बता दें कि साल में चार नवरात्रें होते हैं, जिनमें दो गुप्त नवरात्रें होते हैं. नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, पांचवे दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, आठवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी व 9वें दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्रों के अंतिम दिन को रामनवमी व दुर्गा नवमी भी कहते हैं.
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