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पराशर हादसा: एक बार फिर ओवरलोडिंग बना हादसे का कारण, 10 लोगों की क्षमता वाले वाहन में ठूंसे थे 17 यात्री - kullu road accident

पराशर हादसे में दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन ओवरलोड था. इस दर्दनाक हादसे ने 10 वर्षीय बच्‍चे समेत दो लोगों की जानें लील ली है. दुर्घटनाग्रस्‍त टैंपो ट्रेक्‍स की आरसी ईटीवी भारत के हाथ लगी है. आरसी में साफ तौर पर वाहन की क्षमता केवल दस लिखा गया है, जबकि पुलिस के अनुसार इस वाहन में बच्‍चों के समेत कुल 17 लोग सवार थे.

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Published : Jun 30, 2019, 8:26 PM IST

मंडी: बंजार बस हादसे के बाद बसों में ओवरलोडिंग से निपटने के लिए रोजाना बस चालकों और परिचालकों पर कार्रवाई की जा रही है. रोजाना बसों में यात्री न बिठाने को लेकर नोंक झोंक व बहसबाजी भी हो रही है, लेकिन प्रदेश सरकार छोटे वाहनों में हो रही ओवरलोडिंग की तरफ ध्‍यान नहीं दे रही है. पराशर हादसे में दुर्घटनाग्रस्‍ त वाहन ओवरलोड था. चांदी कूटने के लिए दस लोगों की क्षमता वाले वाहन में बच्‍चों समेत 17 लोग ठूंसे गए थे.

हादसे ने 10 वर्षीय बच्‍चे समेत दो लोगों की जानें लील ली है. ऐसे में प्रदेश सरकार के ओवरलोडिंग से निपटने के अभियान पर भी सवाल उठ रहे हैं. दुर्घटनाग्रस्‍त टैंपो ट्रेक्‍स की आरसी ईटीवी भारत के हाथ लगी है. आरसी में साफ तौर पर वाहन की क्षमता केवल दस लिखा गया है, जबकि पुलिस के अनुसार इस वाहन में बच्‍चों के समेत कुल 17 लोग सवार थे.

बंजार हादसे के बाद एक बार फिर से दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन में ओवरलोडिंग जगजाहिर हुई है. प्रदेश सरकार की लाख कोशिशें ओवरलोडिंग को रोक नहीं पा रही है. बसों में ओवरलोडिंग कुछ हद तक कम हुई है, लेकिन छोटे वाहनों में अभी भी भेड़-बकरियों की तरह ठूंसे जा रहे लोग नियमों को सीधे तौर पर धत्‍ता दिखा रहे हैं. सीएम के गृह जिला के धार्मिक पर्यटन स्‍थल पराशर के लिए बस सेवा भी नाममात्र है. ऐसे में पर्यटकों व श्रद्धालुओं को टैक्‍सी का सहारा लेना पड़ता है. चांदी कमाने के चक्‍कर में टैक्‍सी आपरेटर भी ओवरलोडिंग करते हैं.

पुलिस अधीक्षक मंडी गुरदेव शर्मा ने कहा कि वाहन में बच्‍चों के साथ 17 लोग सवार थे. उन्‍होंने माना कि वाहन ओवरलोड था. कहा कि ओवरलोडिंग करने वालों के खिलाफ सख्‍ती से निपटा जाएगा. कहा कि शुरूआती जांच में चालक की लापरवाही पाई है. आरोपी चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले में छानबीन जारी है.

बता दें कि हाल ही में बंजार बस हादसे में 46 लोगों की जान चली गई है. बस ओवरलोड थी. 42 सीटर बस में 87 लोग सवार थे. इस हादसे के बाद प्रदेश सरकार ने बसों में ओवरलोडिंग को लेकर शिकंजा कसा है, लेकिन छोटे वाहनों की स्थिति जस की तस है. ओवरलोड वाहनों में यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं.

मंडी: बंजार बस हादसे के बाद बसों में ओवरलोडिंग से निपटने के लिए रोजाना बस चालकों और परिचालकों पर कार्रवाई की जा रही है. रोजाना बसों में यात्री न बिठाने को लेकर नोंक झोंक व बहसबाजी भी हो रही है, लेकिन प्रदेश सरकार छोटे वाहनों में हो रही ओवरलोडिंग की तरफ ध्‍यान नहीं दे रही है. पराशर हादसे में दुर्घटनाग्रस्‍ त वाहन ओवरलोड था. चांदी कूटने के लिए दस लोगों की क्षमता वाले वाहन में बच्‍चों समेत 17 लोग ठूंसे गए थे.

हादसे ने 10 वर्षीय बच्‍चे समेत दो लोगों की जानें लील ली है. ऐसे में प्रदेश सरकार के ओवरलोडिंग से निपटने के अभियान पर भी सवाल उठ रहे हैं. दुर्घटनाग्रस्‍त टैंपो ट्रेक्‍स की आरसी ईटीवी भारत के हाथ लगी है. आरसी में साफ तौर पर वाहन की क्षमता केवल दस लिखा गया है, जबकि पुलिस के अनुसार इस वाहन में बच्‍चों के समेत कुल 17 लोग सवार थे.

बंजार हादसे के बाद एक बार फिर से दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन में ओवरलोडिंग जगजाहिर हुई है. प्रदेश सरकार की लाख कोशिशें ओवरलोडिंग को रोक नहीं पा रही है. बसों में ओवरलोडिंग कुछ हद तक कम हुई है, लेकिन छोटे वाहनों में अभी भी भेड़-बकरियों की तरह ठूंसे जा रहे लोग नियमों को सीधे तौर पर धत्‍ता दिखा रहे हैं. सीएम के गृह जिला के धार्मिक पर्यटन स्‍थल पराशर के लिए बस सेवा भी नाममात्र है. ऐसे में पर्यटकों व श्रद्धालुओं को टैक्‍सी का सहारा लेना पड़ता है. चांदी कमाने के चक्‍कर में टैक्‍सी आपरेटर भी ओवरलोडिंग करते हैं.

पुलिस अधीक्षक मंडी गुरदेव शर्मा ने कहा कि वाहन में बच्‍चों के साथ 17 लोग सवार थे. उन्‍होंने माना कि वाहन ओवरलोड था. कहा कि ओवरलोडिंग करने वालों के खिलाफ सख्‍ती से निपटा जाएगा. कहा कि शुरूआती जांच में चालक की लापरवाही पाई है. आरोपी चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले में छानबीन जारी है.

बता दें कि हाल ही में बंजार बस हादसे में 46 लोगों की जान चली गई है. बस ओवरलोड थी. 42 सीटर बस में 87 लोग सवार थे. इस हादसे के बाद प्रदेश सरकार ने बसों में ओवरलोडिंग को लेकर शिकंजा कसा है, लेकिन छोटे वाहनों की स्थिति जस की तस है. ओवरलोड वाहनों में यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं.

Intro:मंडी। बंजार बस हादसे के बाद बसों में ओवरलोडिंग से निपटने के लिए रोजाना बस चालक व परिचालक के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। रोजाना बसों में यात्री न बिठाने को लेकर नोंक झोंक व बहसबाजी भी हो रही है, लेकिन प्रदेश सरकार छोटे वाहनों में हो रही ओवरलोडिंग की तरफ ध्‍यान नहीं दे रही है। पराशर हादसे में भी दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन ओवरलोड था। चांदी कूटने के लिए दस लोगों की क्षमता वाले वाहन में बच्‍चों समेत 17 लोग ठूंसे गए थे।
Body:हादसे ने 10 वर्षीय बच्‍चे समेत दो लोगों की जानें लील ली हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार के ओवरलोडिंग से निपटने के अभियान पर भी सवाल उठ रहे हैं। दुर्घटनाग्रस्‍त टैंपो ट्रेक्‍स की आरसी ईटीवी भारत के हाथ लगी है। जिसमें साफ तौर पर वाहन की क्षमता केवल दस लिखा गया है। जबकि पुलिस के अनुसार इस वाहन में बच्‍चों के समेत कुल 17 लोग सवार थे। बंजार हादसे के बाद एक बार फिर से दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन में ओवरलोडिंग जगजाहिर हुई है। प्रदेश सरकार की लाख कोशिशें ओवरलोडिंग को रोक नहीं पा रही हैं। बसों में ओवरलोडिंग कुछ हद तक कम हुई है, लेकिन छोटे वाहनों में भेड़ बकरियों की तरह ठूंसे जा रहे लोग नियमों को सीधे तौर पर धत्‍ता दिखा रहे हैं। सीएम के गृह जिला के धार्मिक पर्यटन स्‍थल पराशर के लिए बस सेवा भी नाममात्र है। ऐसे में पर्यटकों व श्रद्धालुओं को टैक्‍सी का सहारा लेना पड़ता है। चांदी कमाने के चक्‍कर में टैक्‍सी आपरेटर भी ओवरलोडिंग करते हैं।

पुलिस अधीक्षक मंडी गुरदेव शर्मा ने कहा कि वाहन में बच्‍चों के साथ 17 लोग सवार थे। उन्‍होंने माना कि वाहन ओवरलोड था। कहा कि ओवरलोडिंग करने वालों के खिलाफ सख्‍ती से निपटा जाएगा। कहा कि शुरूआती जांच में चालक की लापरवाही पाई है। आरोपी चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले में छानबीन जारी है।

बता दें कि हाल ही में बंजार बस हादसे में 46 लोगों की जान चली गई है। बस ओवरलोड थी। 42 सीटर बस में 87 लोग सवार थे। इस हादसे के बाद प्रदेश सरकार ने बसों में ओवरलोडिंग को लेकर शिकंजा कसा है, लेकिन छोटे वाहनों की स्थिति जस की तस है। ओवरलोड वाहनाें में यात्री अपनी जान जोखिम में डाल कर यात्रा कर रहे हैं।

Conclusion:----
दिल्‍ली के डॉक्‍टर ने गाडि़यों के फर्स्‍ट एड बॉक्‍स से दिया प्राथमिक उपचार
दिल्‍ली के पर्यटक डॉक्‍टर ने गाडि़यों के फर्स्‍ट एड बॉक्‍स के माध्‍यम से घायलों को उपचार दिया। डॉक्‍टर का यह पुण्‍य कार्य सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। एंबुलेंस पहुंचने से पहले उक्‍त डॉक्‍टर ने मरीजों को उपचार देकर उनके दर्द को कम करने की कोशिश की।
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