सुंदरनगर: एक तरफ कोरोना ने जहां नौकरी करने वालों की नौकरीयां छीन ली वहीं लोगों को अपना व्यवसाय शुरू करने का मार्गदर्शन भी दिखाया. .शहरों में नौकरी छूट जाने के बाद गांव में अपना खुद का काम शुरू कर एक मिसाल पेश की है. अपने परिवार के साथ-साथ कोट गांव के अन्य बेरोजगारों को भी घर द्वार रोजगार मुहैया करवा रहे हैं.
नौकरी छूटने के बाद पति-पत्नी ने अपनाई स्वावलंबन की राह
बता दें जिला मंडी के नाचन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नलसर में सरकाघाट के मंजीत शर्मा की दिल्ली में नौकरी छूट जाने के बाद अपना खुद का व्यवसाय करने की सोची और मध्यप्रदेश के झाबुआ से कड़कनाथ मुर्गे की नस्ल लेकर आए. नलसर में अब मंजीत अपने पिता और पत्नी के साथ कड़कनाथ मुर्गा पालन का काम करते हैं. मंजीत बताते हैं कि कड़कनाथ की इतनी डिमांड है कि लोग खुद उनके पास आकर कड़कनाथ लेकर जाते हैं. एक मुर्गे की कीमत लगभग 2000 रुपये रहती है और इसका एक अंडा 50 से 70 रुपये तक बिक जाता है. इसके साथ ही मंजीत ने देसी गायों का फार्म भी चला रहे है जिसमें कई प्रकार की देसी गाय रखी गई हैं.
लोगों को दे रहे घर द्वार रोजगार
मंजीत ने बताया कि नौकरी छूट जाने के बाद उन्होंने स्वाबलंबन की राह अपनाई और आज वे अपने परिवार के साथ-साथ कोट गांव के अन्य बेरोजगारों को भी घर द्वार रोजगार मुहैया करवा रहे हैं. वहीं, मंजीत शर्मा की पत्नी पूजा भी उनका भरपूर सहयोग कर रहीं हैं. बता दें कि मंजीत दिल्ली में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म में कार्य करते थे लेकिन कोरोना के कारण काम बंद होने की स्थिति में इन्होंने अपना व्यवसाय शुरू कर औरों को भी एक संदेश दिया है.
कड़कनाथ मुर्गा पालन के साथ, विदेशी परिंदों का भी कर रहे कारोबार
मंजीत शर्मा की पत्नी पूजा ने भी घरों में पालने वाले विदेशी परिंदों का कारोबार शुरू किया है. पूजा ने बताया कि उन्हें भी लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. अब पूजा ने मंडी और आसपास के लोगों को कम कीमत पर विदेशी परिंदे मुहैया करवाने के लिए बर्ड ब्रिडिंग फार्म खोलने का मन भी बना लिया है.
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