मंडीः लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिले भारी समर्थन के बाद अब कांग्रेस ने नगर परिषद नेरचौक में तख्तापलट की तैयारी कर दी है. नगर परिषद नेरचौक के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी को भाजपा से छीनने के लिए कांग्रेस समर्थित पार्षद एकजुट हो गए हैं. बुधवार को कांग्रेस समर्थित 7 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पारित डीसी मंडी को ज्ञापन सौंपा.
लोकसभा चुनाव में बहुत बड़ी हार के बाद कांग्रेसी एकजुट होते दिख रहे हैं. वहीं, भाजपा में नगर परिषद की कुर्सी छिनने के डर से हलचल मची हुई है. मुख्यमंत्री के गृह जिले में इस तरह की हरकत होने से सभी नेता हरकत में आ गए हैं, लेकिन कांग्रेस के पार्षद सभी एकजुट दिख रहे हैं.
लोकसभा चुनाव में जीत के बाद मंडी जिला में यह भाजपा के लिए झटका हो सकता है. नगर परिषद नेरचौक की सुमन चौधरी, आलम राम, सरस्वती ठाकुर, अमरप्रीत कौर, मनीराम रामकृष्ण, रजनीश सोनी ने हिमाचल प्रदेश नगर निकाय चुनाव नियम 2015 की धारा 92 के अंतर्गत यह मांग की है कि वे पूर्ण बहुमत में है और जल्द ही नगर परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर चुनाव करवाए जाएं.
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संयुक्त बयान में सभी पार्षदों ने आरोप लगाया है कि कई वार्डों में विकास कार्य तक शुरू नहीं हो पाए हैं. निजी ठेकेदार बिना कार्य रोज कार्यालय में डेरा जमाए रहते हैं तथा परिषद दफ्तर में अव्यवस्था का माहौल बना रहता है. बता दें कि 18 जनवरी 2016 को नगर परिषद के प्रथम पार्षद ने शपथ ली थी. 2021 में नगर परिषद का कार्यकाल पूरा हो जाएगा. नगर परिषद नेरचौक में वर्तमान में लता कुमारी अध्यक्षा हैं, जबकि चेत सिंह उपाध्यक्ष के पद पर हैं.
डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने अविश्वास पत्र मिलने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि नियमानुसार आगामी कार्रवाई अमल पर लाई जाएगी.