धर्मपुर/मंडी: अभी हाल ही में संपन्न हुए नीलकंठ महादेव कमेटी कांढापतन के चुनाव को लेकर खिंचतान शुरू हो गई है. पूर्व प्रधान मांचल देव सरोच चुनाव को अवैध बता रहे हैं, जबकि नवनियुक्त प्रधान इस वैध बता रहे हैं.
नियमानुसार हुए चुनाव
नवनियुक्त प्रधान चमारू राम ने कहा कि जो चुनाव 6 तारीख को हुए हैं वह नियमानुसार हुए हैं. इसकी तिथि बैठक में तय की गई थी. कमेटी के अधिकांश पदाधिकारी इस चुनाव प्रक्रिया में शामिल हुए हैं. पूर्व प्रधान का विरोध बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि पहले यह चुनाव मई 2020 में होना था, लेकिन पूर्व प्रधान चुनाव की डेट की आगे बढ़ाता है. उनकी मंशा फिर से प्रधान बनने की रही होगी.
पूर्व मंदिर प्रधान पर लगाए आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि कोषाध्यक्ष व प्रधान राशि को अपनी इच्छा से निकालते रहे. उन्होंने कहा कि 8 नबंवर की मीटिंग में जब कमेटी ने हिसाब मांगा तो कुछ स्पष्ट नहीं बता सके. कमेटी ने आय व्यय का ब्योरा सही करने के लिए 7 दिन का समय दिया और इसी बैठक में चुनाव की तिथि 6 दिसंबर निर्धारित कर दी और इसका इश्तहार मंदिर में लगा दिया था .
मामले की जानकारी एसडीएम धर्मपुर को दी गई
प्रधान व कोषाध्यक्ष ने कमेटी को विश्वास में लिए बिना ही सदस्यता शुल्क एक लाख पन्द्रह हजार रुपये खर्च कर दिए. उन्होंने कहा कि निर्धारित तिथि को बहुमत में सदस्य पंहुचे लेकिन प्रधान व कोषाध्यक्ष नहीं पंहुचे. यह चुनाव नियमानुसार कोरम पूरा होने के बाद ही सम्पन्न हुआ, जिसकी सूचना एसडीएम धर्मपुर को दे दी है. अब जो भी आदेश एसडीएम धर्मपुर कमेटी को देंगे उन्हें वह मंजूर होगा.
बता दें कि इस मंदिर को सरकार ने अपने अधीन कर लिया है और इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है, लेकिन अभी तक इसका अधिग्रहण नहीं किया गया है.
कमेटी का किया जाएगा गठन
वहीं, एसडीएम धर्मपुर सुनील वर्मा ने कहा कि उपायुक्त मंडी जल्द ही ट्रस्ट बनाएंग. उसके अनुसार फिर कमेटी का गठन कर दिया जाएगा.