मंडी: सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के नेरचौक मेडिकल कॉलेज में ओपीडी प्रभावित होने से हजारो लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में फ्लू, कैंसर और आपात सेवाओं के साथ मात्र कोविड-19 के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. अस्पताल में हर रोज 1000 से अधिक मरीज उपचार करने के लिए पहुंचते थे, लेकिन अब उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के पूर्व उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने इस पर विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज नेरचौक में सामान्य ओपीडी बंद होने से कुल्लू, मंडी, बिलासपुर व इसके साथ लगते जिलों के हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इसकी कीमत विभिन्न जिले के लोगों को चुकानी पड़ रही है. उन्होंने मेडिकल कॉलेज से डेडिकेटेड कोविड-19 सेंटर हटाकर यहां ओपीडी बहाल करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में बंद की गई ओपीडी के कारण लोगों को पीजीआई चंडीगढ़ और अन्य बाहरी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है.
नरेश चौहान ने कहा कि कोविड-19 के मरीजों को आइसोलेशन और वेंटिलेटर की आवश्यकता रहती है. यह व्यवस्था मंडी के जोनल हॉस्पिटल स्थित एमसीएच कम्युनिटी हेल्थ या दूसरे भवन में की जा सकती है. चौहान ने कहा कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 300 प्रशिक्षु डॉक्टर एमबीबीएस की ट्रेनिंग ले रहे हैं और अभी 100 नए एमबीबीएस छात्रों का बैच आना था.
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस अस्पताल में बीएससी नर्सिंग में नर्स भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है. इसके अलावा विभिन्न विभागों में 10 से 20 डॉक्टर और स्टाफ तैनात थे, जो अब घर पर बैठे हुए हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज से कोविड-19 सेंटर को जल्द हटाकर किसी अन्य अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल बनाकर यहां पर ओपीडी बहाल की जाए.