मंडी: सीटू से जुड़ी मनरेगा और भवन निर्माण मजदूर यूनियन ने लेबर ऑफिस मंडी के बाहर धरना प्रदर्शन किया. अपनी मांगों को लेकर श्रम अधिकारी के माध्यम से श्रम मंत्री विक्रम सिंह को एक ज्ञापन प्रेषित किया. मजदूर यूनियन का कहना है कि राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से पंजीकरण और मजदूरों को मिलने वाले लाभ मंडी लेबर ऑफिस से मजदूरों को नहीं मिल रहे हैं. यूनियन का कहना है कि लेबर ऑफिस में कार्यरत अधिकारी और बोर्ड के कर्मचारी सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं.
मजदूरों को नहीं मिल रही सहायता सामग्री
सीटू जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि लेबर ऑफिस को 5 अप्रैल को नोटिस भी भेजा गया था, लेकिन सुधार नहीं होने पर आज मजबूरी में धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि मनरेगा और निर्माण मजदूरों को मिलने वाली सहायता सामग्री मंडी जिला में लंबे समय से नहीं मिल रही है. मंडी से राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से पंजीकृत 55 हजार मजदूरों में से अधिकांश को यह सामग्री अभी तक भी नहीं मिली है.
बीजेपी की सरकार में नहीं हो रहा है काम
जब से प्रदेश में वर्तमान बीजेपी सरकार बनी है, तब से बोर्ड का काम सुचारू रूप से नहीं हो रहा है. सरकार ने भी अभी तक बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया है. भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मंडी लेबर ऑफिस का पूरा स्टाफ तीन महीने पहले राजनैतिक दबाब के कारण ट्रांसफर कर दिया गया था. इस कारण पिछले तीन महीने से मजदूरों का पंजीकरण कराने का काम रुक गया है. इससे मजदूरों को मिलने वाले लाभ भी रुक गए हैं.
पारदर्शी तरीके से काम नहीं करते कर्मचारी
तीन महीने पहले लगाए गए लेबर ऑफिसर और बोर्ड के कर्मचारी पारदर्शी तरीके से काम नहीं कर रहे हैं. वह मजदूरों के पंजीकरण, नवीनीकरण और उनके लाभ सम्बंधित आवेदन पत्रों को लेने में भी आनाकानी करते हैं. उनकी शिकायत राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के सचिव ने पास भी 9 अप्रैल को दर्ज कराई जा चुकी है और 5 अप्रैल को लेबर ऑफिसर मंडी को भी नोटिस दे दिया गया था. सीटू से सबन्धित यूनियन ने गत वर्ष में पांच हजार से ज्यादा मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलने वाली छात्रवृति के फॉर्म कार्यालय में जमा करवाए हैं, जो अभी तक भी स्वीकृत नहीं हुए हैं.
मांग पूरी नहीं होने पर रोज होगा प्रदर्शन
भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जो पंजीकरण करवाने के लिए फॉर्म गत अक्टूबर महीने में जमा किए गए थे, उनका पंजीकरण अभी तक नहीं हुआ है जबकि नियमानुसार ये 15 दिनों में हुआ करता था. पंजीकरण नंबर लेने के लिए दर्जनों बार लेबर ऑफिसर से मांग की गई लेकिन वह पिछले दो महीनों से उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं. इस कारण कई मजदूरों के बच्चों को शिक्षण छात्रवृति लेने से वंचित होना पड़ा है. सीटू का कहना है कि यदि एक महीने के अंदर उनकी मांगों को नहीं माना जाता तो यूनियन के द्वारा लेबर ऑफिस के बाहर प्रतिदिन धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
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