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मनरेगा की दिहाड़ी 5 रुपये बढ़ाने को मजदूर फेडरेशन ने बताया भद्दा मजाक, जयराम सरकार पर साधा निशाना

हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं निर्माण मजदूर फेडरेशन ने हिमाचल सरकार के मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी मात्र पांच रुपए बढ़ाने को मजदूरों के साथ एक भद्दा मजाक बताया है. फेडरेशन के पदाधिकारियों ने 198 रुपए से बढ़ाकर 203 रुपए करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण और अन्यायपूर्ण बताया है.

मनरेगा सरकाघाट
मनरेगा सरकाघाट
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Published : Mar 22, 2021, 9:49 PM IST

सरकाघाट, मंडी: सीटू से संबंधित हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं निर्माण मजदूर फेडरेशन ने हिमाचल सरकार के मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी मात्र पांच रुपए बढ़ाने को मजदूरों के साथ एक भद्दा मजाक बताया है. फेडरेशन के पदाधिकारियों ने 198 रुपए से बढ़ाकर 203 रुपए करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण और अन्यायपूर्ण बताया है.

फेडरेशन के राज्य महासचिव भूपेंद्र सिंह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मनरेगा मजदूरों के दैनिक वेतन में मात्र 5 रुपए की बढ़ोतरी की घोषणा की है, जो एक प्रकार से मनरेगा मजदूरों के साथ भद्दा मजाक है.

न्यूनतम दिहाड़ी 300 रुपए करने की उठाई मांग

इसकी मजदूर यूनियन कड़ी निंदा करती है और मांग करती है कि मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम दिहाड़ी 300 रुपए दी जाए. भूपेंद्र सिंह ने केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार पर मनरेगा योजना को कमजोर करने का आरोप लगाया है, जो लगातार मनरेगा के बजट में कटौती कर रही है. इसके कारण मजदूरों को 100 दिन का काम नहीं मिल रहा है.

भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने ये बढ़ोतरी भी 17 मार्च को शिमला विधानसभा पर मजदूरों की विशाल प्रदर्शन के बाद कि है. जिसका आयोजन सीटू ने किया था और दिहाड़ी बढ़ाने के बारे में मुख्यमंत्री को मांगपत्र दिया था और चर्चा भी की थी.

पढ़ें: हिमाचल में BJP के सभी निगम और बोर्ड के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के कार्यों की होगी समीक्षा: अविनाश राय खन्ना

पढ़ें: आंसुओं के बीच गांव में अफसर बिटिया का स्वागत, सरकारी स्कूल में पढ़कर बिना कोचिंग के बनी HAS

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फेडरेशन के राज्य महासचिव भूपेंद्र सिंह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मनरेगा मजदूरों के दैनिक वेतन में मात्र 5 रुपए की बढ़ोतरी की घोषणा की है, जो एक प्रकार से मनरेगा मजदूरों के साथ भद्दा मजाक है.

न्यूनतम दिहाड़ी 300 रुपए करने की उठाई मांग

इसकी मजदूर यूनियन कड़ी निंदा करती है और मांग करती है कि मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम दिहाड़ी 300 रुपए दी जाए. भूपेंद्र सिंह ने केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार पर मनरेगा योजना को कमजोर करने का आरोप लगाया है, जो लगातार मनरेगा के बजट में कटौती कर रही है. इसके कारण मजदूरों को 100 दिन का काम नहीं मिल रहा है.

भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने ये बढ़ोतरी भी 17 मार्च को शिमला विधानसभा पर मजदूरों की विशाल प्रदर्शन के बाद कि है. जिसका आयोजन सीटू ने किया था और दिहाड़ी बढ़ाने के बारे में मुख्यमंत्री को मांगपत्र दिया था और चर्चा भी की थी.

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