सुंदरनगर: मंडी जिला में पिछले दो महीने से ऊपर का समय बीत जाने के बावजूूूद बारिश की एक बूंद न बरसने के कारण क्षेत्र सूखे की कगार पर पहुंच गया है. इस कारण पिछले दो महीने के सूखे से रबी की बिजाई प्रभावित हुई है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार आगले दस दिन तक बारिश नहीं हुई तो उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित होगा. इसका सबसे अधिक असर जिला मंडी में गेहूं की फसल पर होगा.
मंडी जिला में रबी की फसलों की बिजाई 7 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में की जाती है. विशेषज्ञों की मानें तो हिमाचल में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं, हालांकि अभी सरकार ने सूखा घोषित नहीं किया है. मौसम के मिजाज से क्षेत्र के किसान खासे चिंतित हैं. अभी आने वाले दिनों में मंडी जिला में बारिश के आसार कम है और किसानों के लिए ये उनकी फसल को लेकर एक खतरे की घंटी है.
कृषि विभाग के वैज्ञानिक पंकज सूद ने कहा कि लगभग डेढ़ महीने से मंडी जिला के किसी भी क्षेत्र में बारिश नहीं हुई है और रबी की फसल की बिजाई शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी अगले 10 दिनों तक भी बारिश होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि मंडी जिला में 80 प्रतिशत खेती बारिश पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि मंडी जिला में 7000 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की जाती है.
पंकज सूद ने कहा कि अगले 10 दिनों में बारिश नहीं होती तो गेहूं की फसल का समय निकल जाएगा. गेहूं की फसल पूरी तरह से प्रभावित हो जाएगी और इसकी प्रोडक्शन भी प्रभावित होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बारिश न होने के कारण चने, सरसों और सब्जियों की फसल भी प्रभावित हो सकती है. उन्होंने कहा कि बारिश ना होने पर किसानों को लेट किस्म की फसलों की ओर रुख करना पड़ेगा.
किसान नारायण दास का कहना है कि पिछले लगभग 4 महीने से क्षेत्र में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है. इस कारण क्षेत्र में सूखे जैसे हालात है. उन्होंने कहा कि हाल ही में मक्की और धान की फसल काटकर खेत खाली किए गए हैं, लेकिन अब बारिश ना होने के कारण गेहूं की फसल की बिजाई नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 67 वर्ष की आयु में उन्होंने पहली बार इस तरह का सुखा देखा है. उन्होंने कहा कि अगर बारिश नहीं हुई तो आने वाले समय में परिवार का गुजारा करना भी मुश्किल हो जाएगा.
मंडी जिला के किसान नोखु राम का कहना है कि उन्होंने अपने 73 वर्ष की आयु में इस तरह का का सूखा कभी नहीं देखा है. उन्होंने कहा कि अब सूखा पड़ने के कारण फसलों की बिजाई करने में भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही है.