मंडी/करसोग: हिमाचल में रिकॉर्डतोड़ पैदावार ने इस बार विदेशी स्टोन फ्रूट को पछाड़ दिया है. इन दिनों अकेले शिमला ढली मंडी से ही रोजाना 30 टन स्टोन फ्रूट देश की बड़ी मंडियों को भेजा जा रहा है. इसके अतिरिक्त प्रदेश के अन्य मंडियों से भी गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व बंगलुरु की मंडियों में स्टोन फ्रूट पहुंच रहा है.
अच्छी पैदावार होने के कारण हिमाचल आसानी से बाहरी मंडियों की डिमांड को पूरा कर रहा है. जिससे देश की सभी बड़ी मंडियों में विदेशी स्टोन फ़्रूट की मांग बहुत घट गई है. प्रदेश में इन दिनों प्लम, चेरी, आड़ू, खुमानी व बादाम का सीजन पीक पर है. ऐसे में लोकल मांग पूरा होने के साथ बाहरी राज्यों में भी स्टोन फ्रूट की डिमांड पूरी की जारी है.
रिकॉर्ड उत्पादन होने से इस बार सस्ता बिक रहा स्टोन फ्रूट आम उपभोक्ताओं की भी पहुंच में है. करसोग सहित ऊपरी शिमला से बड़ी मात्रा में स्टोन फ्रूट ढली मंडी पहुंच रहा है, जिससे इन दिनों ढली मंडी के ऑक्शन यार्ड में पांव धरने की भी जगह नहीं बची है. स्टोन फ्रूट की बोली लगाने को बाहरी राज्यों से आढ़ती सुबह ही मंडी में पहुंच जाते हैं और ये सिलसिला दोपहर बाद तक चलता रहता है.
शिमला ढली मंडी के वाइस प्रेजिडेंट अमन सूद का कहना है कि इस बार स्टोन फ्रूट की आमद अच्छी है. इससे हम पिछले साल के मुकाबले बाहरी मंडियों मांग को पूरा कर पा रहे हैं. पिछली साल कम पैदावार होने के कारण बड़ी मंडियों को विदेश से स्टोन फ्रूट मंगवाना पड़ा था. इस बार हिमाचल से ही आपूर्ति हो रही है.
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