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बिजली बोर्ड में 30 साल काम करने के बाद भी बुद्धि सिंह को नहीं मिली पदोन्नति, जाएंगे कोर्ट - HPSEBL

जिला मंडी के रहने वाले बुद्धि सिंह ने हिमाचल राज्य विद्युत परिषद निगम प्रबंधन पर भेदभाव और पक्षपात के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में 30 वर्ष की सेवा करने के बाद उन्हें और उनके एक साथी को खाली पद होने के बाद भी पदोन्नति के लाभ से वंचित रखा गया.

बुद्धि सिंह ठाकुर
बुद्धि सिंह ठाकुर
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Published : Mar 10, 2021, 7:57 AM IST

Updated : Mar 10, 2021, 9:46 AM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद कनिष्ठ अभियंता संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने हिमाचल राज्य विद्युत परिषद निगम प्रबंधन पर डिप्लोमा धारक सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता के कोटे की पदोन्नति पर भेदभाव और पक्षपात के आरोप लगाए हैं. मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता में बुद्धि सिंह ठाकुर ने कहा कि 30 वर्ष की सेवा करने के बाद उन्हें और उनके एक साथी को खाली पद होने के बाद भी पदोन्नति के लाभ से वंचित रखा गया.

वीडियो

पदोन्नति का आश्वासन देने के बाद किया रिटायर

हिप्र राज्य विद्युत परिषद कनिष्ठ अभियंता संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर ने कहा कि एक ही पद के लिए पदोन्नति के अलग-अलग मापदंड अपनाए जा रहे हैं. नियमों को जोड़ तोड़ कर लागू किया जाता है और एक ही नियम के तहत पदोन्नति के लिए किसी को सुपात्र बना दिया जाता है. किसी को कुपात्र बना दिया जाता है. पदोन्नति के लिए डीपीसी करने के लिए समय निर्धारण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार के नियमों की लगातार अवहेलना करते हुए. इन्हें विवेकाधीन शक्तियों के आधार पर लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बोर्ड ने उन्हें तीन साल तक पदोन्नति का आश्वासन देने के बाद रिटायर कर दिया.

बुद्धि सिंह ठाकुर
बुद्धि सिंह ठाकुर

राज्य विद्युत परिषद निगम प्रबंधन पर पक्षपात के आरोप

बुद्धि सिंह ठाकुर कहना है कि औद्योगिक क्षेत्रों और उसके आसपास सेवाएं देने वाले अभियंताओं के लिए प्रबंधन के नियम कायदे बदल दिए जाते हैं और बाकी अधिकारियों को उनके न्यायोचित हक से भी वंचित किया जाता है. उन्होंने कहा कि पदोन्नति के मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार के नियमों को ताक पर रखकर अपनाये जा रहे हैं. इस भेदभावपूर्ण और दोहरे मापदंड के खिलाफ वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.

ये भी पढे़ंः- उत्तराखंड के सीएम का इस्तीफा, इस उठापटक का क्या होगा हिमाचल पर असर?

ये भी पढ़ें: सड़क सुविधा का अभाव, 25 किमी पैदल चलकर मरीज को पहुंचाया अस्पताल

मंडी: हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद कनिष्ठ अभियंता संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने हिमाचल राज्य विद्युत परिषद निगम प्रबंधन पर डिप्लोमा धारक सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता के कोटे की पदोन्नति पर भेदभाव और पक्षपात के आरोप लगाए हैं. मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता में बुद्धि सिंह ठाकुर ने कहा कि 30 वर्ष की सेवा करने के बाद उन्हें और उनके एक साथी को खाली पद होने के बाद भी पदोन्नति के लाभ से वंचित रखा गया.

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पदोन्नति का आश्वासन देने के बाद किया रिटायर

हिप्र राज्य विद्युत परिषद कनिष्ठ अभियंता संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर ने कहा कि एक ही पद के लिए पदोन्नति के अलग-अलग मापदंड अपनाए जा रहे हैं. नियमों को जोड़ तोड़ कर लागू किया जाता है और एक ही नियम के तहत पदोन्नति के लिए किसी को सुपात्र बना दिया जाता है. किसी को कुपात्र बना दिया जाता है. पदोन्नति के लिए डीपीसी करने के लिए समय निर्धारण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार के नियमों की लगातार अवहेलना करते हुए. इन्हें विवेकाधीन शक्तियों के आधार पर लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बोर्ड ने उन्हें तीन साल तक पदोन्नति का आश्वासन देने के बाद रिटायर कर दिया.

बुद्धि सिंह ठाकुर
बुद्धि सिंह ठाकुर

राज्य विद्युत परिषद निगम प्रबंधन पर पक्षपात के आरोप

बुद्धि सिंह ठाकुर कहना है कि औद्योगिक क्षेत्रों और उसके आसपास सेवाएं देने वाले अभियंताओं के लिए प्रबंधन के नियम कायदे बदल दिए जाते हैं और बाकी अधिकारियों को उनके न्यायोचित हक से भी वंचित किया जाता है. उन्होंने कहा कि पदोन्नति के मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार के नियमों को ताक पर रखकर अपनाये जा रहे हैं. इस भेदभावपूर्ण और दोहरे मापदंड के खिलाफ वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.

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Last Updated : Mar 10, 2021, 9:46 AM IST

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