ETV Bharat / state

अनहोनी के इंतजार में पीडब्ल्यूडी! यहां 6 महीने से नहीं बदली गई ग्रेटिंग, इसी मार्ग से गुजरते हैं बड़े अधिकारी

अनहोनी के इंतज़ार में पीडब्ल्यूडी, छह महीने से नहीं बदली गई ग्रेटिंग, इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं कई बड़े अधिकारी

करसोग में टूटी ग्रेटिंग किसी की भी जान पर भारी पड़ सकती हैं
author img

By

Published : Jul 26, 2019, 8:44 PM IST

मंड़ी: करसोग पर्यटन स्थल तत्तापानी में नालियों के ऊपर लगाई गई ग्रेटिंग जंग खाने के बाद कई जगह से टूट गई है. करसोग पीडब्ल्यूडी की लापरवाही का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है कि विभाग छह महीने से कुछ मीटर की ग्रेटिंग तक नहीं बदल पाया है. ग्रेटिंग की शिकायत कई बार सब डिवीजन चुराग में की जा चुकी है, लेकिन छह माह बीतने पर भी पीडब्ल्यूडी ग्रेटिंग नहीं बदल पाया है. ऐसे में जो ग्रेटिंग जंग खाने के बाद टूट है, यहां किसी का भी पांव नाली में घुसने के कारण कोई भी अनहोनी घटना घट सकती है. यही नहीं इसी टूटी हुई ग्रेटिंग के ऊपर से रोजाना छोटे बड़े वाहन भी गुजरते हैं.

यहीं से होकर आते जाते हैं अधिकारी भी
शिमला करसोग के सेंटर में पड़ने वाले पर्यटन स्थल तत्तापानी से होकर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी भी गुजरते है, हैरानी की बात है कि इस तरफ किसी का भी ध्यान नहीं गया. यहां गर्म पानी के चश्मों सहित कोल डैम के कारण झील बनी है. ऐसे में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक भी आते है. इसके अतिरिक्त करसोग और शिमला की और आने जाने वाली सवारियां भी यहां होटल में खाना खाने के लिए रुकती है. लोग इसी ग्रेटिंग के ऊपर से होकर गुजरते है. ऐसे में विभाग की ये लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है.

लोग पीडब्ल्यूडी पर केस कर सकते हैं केस: अधिवक्ता
अधिवक्ता हेम सिंह ठाकुर का कहना है कि अगर ग्रेटिंग के सड़ने के कारण कोई हादसा होता है तो लोग इस लापरवाही पर पीडब्ल्यूडी के खिलाफ केस दर्ज कर सकते हैं. उनका कहना है कि पब्लिक न्यूसेंस क्रिएट होने पर कोई भी व्यक्ति सीआरपीसी की धारा 133 के तहत संबंधित एसडीएम के पास शिकायत दर्ज करवा सकता है .

अधिकारियों से बात करूंगा: अधिशाषी अभियंता
इस पर करसोग पीडब्ल्यूडी डिवीजन के अधिशाषी अभियंता मान सिंह का कहना है कि मामला ध्यान में आया है, इस बारे में अधिकारियों से बात की जाएगी.

मंड़ी: करसोग पर्यटन स्थल तत्तापानी में नालियों के ऊपर लगाई गई ग्रेटिंग जंग खाने के बाद कई जगह से टूट गई है. करसोग पीडब्ल्यूडी की लापरवाही का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है कि विभाग छह महीने से कुछ मीटर की ग्रेटिंग तक नहीं बदल पाया है. ग्रेटिंग की शिकायत कई बार सब डिवीजन चुराग में की जा चुकी है, लेकिन छह माह बीतने पर भी पीडब्ल्यूडी ग्रेटिंग नहीं बदल पाया है. ऐसे में जो ग्रेटिंग जंग खाने के बाद टूट है, यहां किसी का भी पांव नाली में घुसने के कारण कोई भी अनहोनी घटना घट सकती है. यही नहीं इसी टूटी हुई ग्रेटिंग के ऊपर से रोजाना छोटे बड़े वाहन भी गुजरते हैं.

यहीं से होकर आते जाते हैं अधिकारी भी
शिमला करसोग के सेंटर में पड़ने वाले पर्यटन स्थल तत्तापानी से होकर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी भी गुजरते है, हैरानी की बात है कि इस तरफ किसी का भी ध्यान नहीं गया. यहां गर्म पानी के चश्मों सहित कोल डैम के कारण झील बनी है. ऐसे में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक भी आते है. इसके अतिरिक्त करसोग और शिमला की और आने जाने वाली सवारियां भी यहां होटल में खाना खाने के लिए रुकती है. लोग इसी ग्रेटिंग के ऊपर से होकर गुजरते है. ऐसे में विभाग की ये लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है.

लोग पीडब्ल्यूडी पर केस कर सकते हैं केस: अधिवक्ता
अधिवक्ता हेम सिंह ठाकुर का कहना है कि अगर ग्रेटिंग के सड़ने के कारण कोई हादसा होता है तो लोग इस लापरवाही पर पीडब्ल्यूडी के खिलाफ केस दर्ज कर सकते हैं. उनका कहना है कि पब्लिक न्यूसेंस क्रिएट होने पर कोई भी व्यक्ति सीआरपीसी की धारा 133 के तहत संबंधित एसडीएम के पास शिकायत दर्ज करवा सकता है .

अधिकारियों से बात करूंगा: अधिशाषी अभियंता
इस पर करसोग पीडब्ल्यूडी डिवीजन के अधिशाषी अभियंता मान सिंह का कहना है कि मामला ध्यान में आया है, इस बारे में अधिकारियों से बात की जाएगी.

Intro:ग्रेटिंग जंग खाने के बाद टूट चुकी है, यहां किसी का भी पांव नाली में घुसने के कारण कोई भी अनहोनी घटना घट सकती है। यही नहीं इसी टूटी हुई ग्रेटिंग के ऊपर से रोजाना छोटे बड़े वाहन भी गुजरते हैं।Body:
अनहोनी के इंतज़ार में पीडब्ल्यूडी, यहां छह महीने से नहीं बदली गई ग्रेटिंग इस मार्ग से गुजरते हैं बड़े अधिकारी।
करसोग
करसोग पीडब्ल्यूडी की लापरवाही का इससे बड़ा उदाहरण भला क्या हो सकता है कि विभाग छह महीने से कुछ मीटर की ग्रेटिंग तक नहीं बदल पाया है। पर्यटन स्थल तत्तापानी में नालियों के ऊपर लगाई गई ग्रेटिंग जंग खाने के बाद कई जगह से टूट गई है। जिसकी शिकायत कई बार सब डिवीजन चुराग में कई बार की जा चुकी है, लेकिन छह माह बीतने पर भी पीडब्ल्यूडी ग्रेटिंग नहीं बदल पाया है। ऐसे में जो ग्रेटिंग जंग खाने के बाद टूट चुकी है, यहां किसी का भी पांव नाली में घुसने के कारण कोई भी अनहोनी घटना घट सकती है। यही नहीं इसी टूटी हुई ग्रेटिंग के ऊपर से रोजाना छोटे बड़े वाहन भी गुजरते हैं।


यहीं से होकर आते जाते है अधिकारी भी:
शिमला करसोग के सेंटर में पड़ने वाले पर्यटन स्थल तत्तापानी से होकर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी भी गुजरते है, हैरानी की बात है कि इस तरफ किसी का भी ध्यान नहीं गया। यहां गर्म पानी के कि चश्मों सहित कोल डैम के कारण झील बनी है। ऐसे में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक भी आते है। इसके अतिरिक्त करसोग और शिमला की और आने जाने वाली सवारियां भी यहां होटल में खाना खाने के लिए रुकती है। लोग इसी ग्रेटिंग के ऊपर से होकर गुजरते है। ऐसे में विभाग की ये लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है।

लोग पीडब्ल्यूडी पर केस कर सकते हैं केस: अधिवक्ता
अधिवक्ता हेम सिंह ठाकुर का कहना है कि अगर ग्रेटिंग के सड़ने के कारण कोई हादसा होता है तो लोग इस लापरवाही पर पीडब्ल्यूडी के खिलाफ केस दर्ज कर सकते हैं। उनका कहना है कि वैसे भी पब्लिक न्यूसेंस क्रिएट होने पर कोई भी व्यक्ति सीआरपीसी की धारा 133 के तहत संबंधित एसडीएम के पास शिकायत दर्ज करवाने का भी अधिकार है।

अधिकारियों से बात करूंगा: अधिशाषी अभियंता
करसोग पीडब्ल्यूडी डिवीजन के अधिशाषी अभियंता मान सिंह का कहना है कि मामला ध्यान में आया है, इस बारे में अधिकारियों से बात की जाएगी
Conclusion:करसोग पीडब्ल्यूडी डिवीजन के अधिशाषी अभियंता मान सिंह का कहना है कि मामला ध्यान में आया है, इस बारे में अधिकारियों से बात की जाएगी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.