मंडीः हिमाचल में वर्ष 2014 में आए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से शांता कुमार के टिकट काटे जाने का निर्णय हैरान करने वाला है. प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों में कांगड़ा ही केवल एकमात्र सीट थी, जहां भाजपा डेढ़ लाख के अधिक अंतर से जीती थी. इसे मोदी लहर का जादू कहें या फिर राजनीति के क्षेत्र में लंबी पारी खेल चुके शांता कुमार की लोगों पर रही मजबूत पकड़.
उन्होंने ये सीट सबसे अधिक 1,70, 072 मतों के से जीती थी. इसके अलावा अन्य तीनों संसदीय क्षेत्रों से भाजपा के सभी उम्मीदवारों के जीत का अंतर 1 लाख से भी कम का था. कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी शांता कुमार को सबसे अधिक 4,56,163 वोट पड़े थे.
वहीं, कांग्रेस के चंद्र कुमार को 2,86,091 मत प्राप्त हुए थे. ऐसे में रिकॉर्ड मतों के जीत हासिल करने के बाद भी राजनीति के दिग्गज शांता कुमार इस बार लोकसभा के चुनाव से बाहर हैं. भाजपा ने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से इस बार कैबिनेट मंत्री किशन कपूर पर दांव खेला है.
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से इस बार लोकसभा चुनाव में जीत का चौका लगाने के इरादे से उतरे भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर वर्ष 2014 में मोदी लहर के बावजूद 98,403 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे. अनुराग ठाकुर को 4,48,035 मत प्राप्त हुए थे.
वहीं, दूसरे नम्बर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र राणा को 3,49,632 वोट मिले थे. मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा भी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह से सबसे कम 39,856 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे.
रामस्वरूप शर्मा को 3,62,824 मत प्राप्त हुए थे. वहीं, कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को 3,22,968 वोट हासिल हुए थे. शिमला संसदीय क्षेत्र में भी भाजपा उम्मीदवार वीरेंद्र कश्यप को 3,85,973 वोट पड़े थे. उन्होंने कांग्रेस प्रत्यशी मोहन लाल ब्राक्टा को 84,187 मतों से हराया था. ब्राक्टा को कुल 3,01,786 मत मिले थे, हालांकि जीत के बावजूद वीरेंद्र कश्यप को भी इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है.