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2014 में दर्ज था सबसे अधिक मतों से जीतने का रिकॉर्ड, इस लोकसभा चुनाव के मैच से हैं बाहर

राजनीति के क्षेत्र में कब कोई जमीन से आसमां छूं जाए और कब जमीन पर आ जाए इसकी भविष्यवाणी करना मुश्किल है. इसका अंदाजा पिछली बार लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखकर लगाया जा सकता है.

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Published : May 12, 2019, 4:19 PM IST

मंडीः हिमाचल में वर्ष 2014 में आए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से शांता कुमार के टिकट काटे जाने का निर्णय हैरान करने वाला है. प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों में कांगड़ा ही केवल एकमात्र सीट थी, जहां भाजपा डेढ़ लाख के अधिक अंतर से जीती थी. इसे मोदी लहर का जादू कहें या फिर राजनीति के क्षेत्र में लंबी पारी खेल चुके शांता कुमार की लोगों पर रही मजबूत पकड़.

BJP candidate for 2014 Lok Sabha election
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उन्होंने ये सीट सबसे अधिक 1,70, 072 मतों के से जीती थी. इसके अलावा अन्य तीनों संसदीय क्षेत्रों से भाजपा के सभी उम्मीदवारों के जीत का अंतर 1 लाख से भी कम का था. कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी शांता कुमार को सबसे अधिक 4,56,163 वोट पड़े थे.

वहीं, कांग्रेस के चंद्र कुमार को 2,86,091 मत प्राप्त हुए थे. ऐसे में रिकॉर्ड मतों के जीत हासिल करने के बाद भी राजनीति के दिग्गज शांता कुमार इस बार लोकसभा के चुनाव से बाहर हैं. भाजपा ने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से इस बार कैबिनेट मंत्री किशन कपूर पर दांव खेला है.

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से इस बार लोकसभा चुनाव में जीत का चौका लगाने के इरादे से उतरे भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर वर्ष 2014 में मोदी लहर के बावजूद 98,403 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे. अनुराग ठाकुर को 4,48,035 मत प्राप्त हुए थे.

वहीं, दूसरे नम्बर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र राणा को 3,49,632 वोट मिले थे. मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा भी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह से सबसे कम 39,856 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे.

रामस्वरूप शर्मा को 3,62,824 मत प्राप्त हुए थे. वहीं, कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को 3,22,968 वोट हासिल हुए थे. शिमला संसदीय क्षेत्र में भी भाजपा उम्मीदवार वीरेंद्र कश्यप को 3,85,973 वोट पड़े थे. उन्होंने कांग्रेस प्रत्यशी मोहन लाल ब्राक्टा को 84,187 मतों से हराया था. ब्राक्टा को कुल 3,01,786 मत मिले थे, हालांकि जीत के बावजूद वीरेंद्र कश्यप को भी इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है.

मंडीः हिमाचल में वर्ष 2014 में आए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से शांता कुमार के टिकट काटे जाने का निर्णय हैरान करने वाला है. प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों में कांगड़ा ही केवल एकमात्र सीट थी, जहां भाजपा डेढ़ लाख के अधिक अंतर से जीती थी. इसे मोदी लहर का जादू कहें या फिर राजनीति के क्षेत्र में लंबी पारी खेल चुके शांता कुमार की लोगों पर रही मजबूत पकड़.

BJP candidate for 2014 Lok Sabha election
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उन्होंने ये सीट सबसे अधिक 1,70, 072 मतों के से जीती थी. इसके अलावा अन्य तीनों संसदीय क्षेत्रों से भाजपा के सभी उम्मीदवारों के जीत का अंतर 1 लाख से भी कम का था. कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी शांता कुमार को सबसे अधिक 4,56,163 वोट पड़े थे.

वहीं, कांग्रेस के चंद्र कुमार को 2,86,091 मत प्राप्त हुए थे. ऐसे में रिकॉर्ड मतों के जीत हासिल करने के बाद भी राजनीति के दिग्गज शांता कुमार इस बार लोकसभा के चुनाव से बाहर हैं. भाजपा ने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से इस बार कैबिनेट मंत्री किशन कपूर पर दांव खेला है.

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से इस बार लोकसभा चुनाव में जीत का चौका लगाने के इरादे से उतरे भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर वर्ष 2014 में मोदी लहर के बावजूद 98,403 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे. अनुराग ठाकुर को 4,48,035 मत प्राप्त हुए थे.

वहीं, दूसरे नम्बर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र राणा को 3,49,632 वोट मिले थे. मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा भी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह से सबसे कम 39,856 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे.

रामस्वरूप शर्मा को 3,62,824 मत प्राप्त हुए थे. वहीं, कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को 3,22,968 वोट हासिल हुए थे. शिमला संसदीय क्षेत्र में भी भाजपा उम्मीदवार वीरेंद्र कश्यप को 3,85,973 वोट पड़े थे. उन्होंने कांग्रेस प्रत्यशी मोहन लाल ब्राक्टा को 84,187 मतों से हराया था. ब्राक्टा को कुल 3,01,786 मत मिले थे, हालांकि जीत के बावजूद वीरेंद्र कश्यप को भी इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है.

विनोद जी, इसे देखें

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From: rashmi raj <rashmiraj.51009@gmail.com>
Date: Sun, May 12, 2019, 1:27 PM
Subject: Poltical news
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 जिसके नाम दर्ज था सबसे अधिक मतों से जीत का रिकॉर्ड, वही इस लोकसभा चुनाव से हुए बाहर
करसोग
राजनीति के क्षेत्र में कब कोई भाग्य की सीढ़ी के सहारे जमीन से आसमां छू जाए और कब जमीन पर आ जाये इसकी भविष्यवाणी करना मुश्किल है। इसका अंदाज़ा पिछली बार लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखकर लगाया जा सकता है। हिमाचल में वर्ष 2014 में आए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से शांता कुमार के टिकट काटे जाने का निर्णय हैरान करने वाला है। प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों में कांगड़ा  ही केवल एकमात्र सीट थी, जहां भाजपा डेढ़ लाख के अधिक मार्जिन से जीती थी। इसे मोदी लहर का जादू कहें इस फिर राजनीति के क्षेत्र में लंबी पारी खेल चुके शांता कुमार की लोगों पर रही मजबूत पकड़ , जिसके दम पर उन्होंने ये सीट सबसे अधिक 1,70, 072 मतों के मार्जिन से जीती थी। इसके अलावा अन्य तीनों संसदीय क्षेत्रों से भाजपा के सभी उम्मीदवारों के जीत का अंतर 1 लाख से भी कम का था। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी शांता कुमार को सबसे अधिक 4,56,163 वोट पड़े थे, वहीं कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे चंद्र कुमार को 2,86,091 मत प्राप्त हुए थे। ऐसे में रिकॉर्ड मतों के जीत हासिल करने के बाद भी राजनीति के दिग्गज शांता कुमार इस बार लोकसभा के चुनाव से बाहर हैं। भाजपा ने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से इस बार केबिनेट मंत्री किशन कपूर पर दाव लगाया है। 
जीत का चौका लगाने उतरे अनुराग जीते थे 98,403 मतों से:
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से इस बार लोकसभा चुनाव में जीत का चौका लगाने के इरादे से उतरे भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर वर्ष 2014 में मोदी लहर के बावजूद 98,403 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे। अनुराग ठाकुर को 4,48,035 मत प्राप्त हुए थे, वहीं दूसरे नम्बर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र राणा को 3,49,632 वोट मिले थे। मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा भी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह से सबसे कम 39,856 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे। रामस्वरूप शर्मा को 3,62,824 मत प्राप्त हुए थे, वहीं कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को 3,22,968 वोट हासिल हुए थे। शिमला संसदीय क्षेत्र में भी भाजपा उम्मीदवार वीरेंद्र कश्यप को 3,85,973 वोट पड़े थे, उन्होंने कांग्रेस प्रत्यशी मोहन लाल ब्राक्टा को 84,187 मतों से हराया था। ब्राक्टा को कुल 3,01,786 मत मिले थे, हालांकि जीत के बावजूद वीरेंद्र कश्यप को भी इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। 
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