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हिमाचल को सूखाग्रस्त राज्य घोषित कर किसानों को दी जाए राहत राशि: भारतीय मजदूर संघ

भारतीय किसान संघ के बैनर तले एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल से मिला. इस दौरान ज्ञापन प्रेषित कर केंद्र और प्रदेश सरकार से हिमाचल के किसानों को राहत देने की मांग उठाई.

भारतीय मजदूर संघ मंडी
भारतीय मजदूर संघ मंडी
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Published : Mar 30, 2021, 6:49 PM IST

मंडी: सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक बारिश और बर्फबारी कम होने से प्रदेश में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. बारिश कम होने का सीधा असर अब रबी की फसलों पर दिखाई दे रहा है, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. भारतीय किसान संघ के बैनर तले एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल से मिला. इस दौरान ज्ञापन प्रेषित कर केंद्र और प्रदेश सरकार से हिमाचल के किसानों को राहत देने की मांग उठाई.

वीडियो.

किसानों को राहत देने की मांग

भारतीय किसान संघ उपाध्यक्ष रोशन लाल सैनी का कहना है कि बारिश ना होने से उनकी गेहूं की फसल नष्ट हो चुकी है. किसानों ने गेहूं की फसल को चारे के रूप में काटना शुरू कर दिया है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि हिमाचल प्रदेश को सूखाग्रस्त राज्य घोषित किया जाए और रबी फसलों के नुकसान की राहत राशि किसानों को प्रति बीघा जमीन के हिसाब से सीधे उनके बैंक खाते में दी जाए.

रबी की फसलें नष्ट होने की कगार पर

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में अधिकतर कृषि एवं बागवानी वर्षा पर आधारित होती है. इस साल अन्य वर्षों की अपेक्षा बारिश 50 प्रतिशत कम हुई है, जिस कारण सूबे में रबी की फसलें नष्ट होने की कगार पर है.

पढ़ें: चश्मे का शौकीन बंदर पहुंचा पिंजरे के अंदर!

पढ़ें: पार्टी से निकाले जाने पर पूर्व बीजेपी कार्यकर्ता का पोस्टर बना चर्चा का विषय, पूछा मेरा क्या कसूर

मंडी: सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक बारिश और बर्फबारी कम होने से प्रदेश में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. बारिश कम होने का सीधा असर अब रबी की फसलों पर दिखाई दे रहा है, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. भारतीय किसान संघ के बैनर तले एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल से मिला. इस दौरान ज्ञापन प्रेषित कर केंद्र और प्रदेश सरकार से हिमाचल के किसानों को राहत देने की मांग उठाई.

वीडियो.

किसानों को राहत देने की मांग

भारतीय किसान संघ उपाध्यक्ष रोशन लाल सैनी का कहना है कि बारिश ना होने से उनकी गेहूं की फसल नष्ट हो चुकी है. किसानों ने गेहूं की फसल को चारे के रूप में काटना शुरू कर दिया है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि हिमाचल प्रदेश को सूखाग्रस्त राज्य घोषित किया जाए और रबी फसलों के नुकसान की राहत राशि किसानों को प्रति बीघा जमीन के हिसाब से सीधे उनके बैंक खाते में दी जाए.

रबी की फसलें नष्ट होने की कगार पर

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में अधिकतर कृषि एवं बागवानी वर्षा पर आधारित होती है. इस साल अन्य वर्षों की अपेक्षा बारिश 50 प्रतिशत कम हुई है, जिस कारण सूबे में रबी की फसलें नष्ट होने की कगार पर है.

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