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'हिमाचल प्रदेश को सूखाग्रस्त राज्य घोषित करे प्रदेश सरकार, गेहूं और जौ की फसल बर्बाद'

भारतीय किसान संघ के ब्लॉक अध्यक्ष केके ठाकुर की अगुवाई में एक प्रतिनधिमंडल ने एसडीएम सरकाघाट के माध्यम से प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन भेजा है. इस ज्ञापन में कहा गया है कि इस बार सितंबर से लेकर अब तक बारिश नहीं हुई है. इसके चलते पानी का स्तर बहुत अधिक गिर चुका है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश को सूखा ग्रस्त राज्य घोषित किया जाए और रबी की बर्बाद फसलों से प्रभावित हुए किसानों को राहत रााशि सीधे उनको खातों में दी जाए.

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Published : Mar 30, 2021, 5:19 PM IST

सरकाघाट/मंडी: हिमाचल प्रदेश को सूखा ग्रस्त राज्य घोषित किया जाए और रबी की बर्बाद फसलों से प्रभावित हुए किसानों को राहत रााशि सीधे उनको खातों में दी जाए. इन मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ के ब्लॉक अध्यक्ष केके ठाकुर की अगुवाई में एक प्रतिनधिमंडल ने एसडीएम सरकाघाट के माध्यम से प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन भेजा है.

इस ज्ञापन में कहा गया है कि इस बार सितंबर से लेकर अब तक बारिश नहीं हुई है. इसके चलते पानी का स्तर बहुत अधिक गिर चुका है. फसलों के सिंचित नहीं होने के चलते रबी की फसलें 80 प्रतिशत से अधिक बर्बाद हो चुकी हैं. जिन क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा नहीं है, वहां पर तो सौ प्रतिशत ही फसलें तबाह हो चुकी हैं. ऐसे में किसानों के द्वारा फसलों की बुबाई, बीज, खाद पर किया गया खर्च भी नहीं निकल रहा है.

'बर्फबारी नहीं होने के कारण पूरे प्रदेश में ही सूखा पड़ा हुआ है'

गेहूं, जौ, चना सहित पशुओं के लिए चारे को लेकर लगाई गई फसलें भी बर्बाद हो चुकी हैं. हालात यह हैं कि अब खेतों में जो फसल सूख गई है उस फसल को पशुओं के लिए चारे के रूप में काटा जा रहा है. कहा गया है कि बारिश और बर्फबारी नहीं होने के कारण पूरे प्रदेश में ही सूखा पड़ा हुआ है. इसलिए सरकार को इस प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करते हुए किसानों की आर्थिक मदद करनी चाहिए.

इस ज्ञापन की प्रतियां केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, प्रदेश के बागबान मंत्री महेंद्र सिंह और कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर को सौंपी गई हैं. प्रतिनधिमंडल में कल्पना ठाकुर, ज्ञान चंद और प्रताप ठाकुर, तारा चंद आदि मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें- 2022 तक हर व्यक्ति के पास होगा अपना घर: सतपाल सिंह सत्ती

सरकाघाट/मंडी: हिमाचल प्रदेश को सूखा ग्रस्त राज्य घोषित किया जाए और रबी की बर्बाद फसलों से प्रभावित हुए किसानों को राहत रााशि सीधे उनको खातों में दी जाए. इन मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ के ब्लॉक अध्यक्ष केके ठाकुर की अगुवाई में एक प्रतिनधिमंडल ने एसडीएम सरकाघाट के माध्यम से प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन भेजा है.

इस ज्ञापन में कहा गया है कि इस बार सितंबर से लेकर अब तक बारिश नहीं हुई है. इसके चलते पानी का स्तर बहुत अधिक गिर चुका है. फसलों के सिंचित नहीं होने के चलते रबी की फसलें 80 प्रतिशत से अधिक बर्बाद हो चुकी हैं. जिन क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा नहीं है, वहां पर तो सौ प्रतिशत ही फसलें तबाह हो चुकी हैं. ऐसे में किसानों के द्वारा फसलों की बुबाई, बीज, खाद पर किया गया खर्च भी नहीं निकल रहा है.

'बर्फबारी नहीं होने के कारण पूरे प्रदेश में ही सूखा पड़ा हुआ है'

गेहूं, जौ, चना सहित पशुओं के लिए चारे को लेकर लगाई गई फसलें भी बर्बाद हो चुकी हैं. हालात यह हैं कि अब खेतों में जो फसल सूख गई है उस फसल को पशुओं के लिए चारे के रूप में काटा जा रहा है. कहा गया है कि बारिश और बर्फबारी नहीं होने के कारण पूरे प्रदेश में ही सूखा पड़ा हुआ है. इसलिए सरकार को इस प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करते हुए किसानों की आर्थिक मदद करनी चाहिए.

इस ज्ञापन की प्रतियां केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, प्रदेश के बागबान मंत्री महेंद्र सिंह और कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर को सौंपी गई हैं. प्रतिनधिमंडल में कल्पना ठाकुर, ज्ञान चंद और प्रताप ठाकुर, तारा चंद आदि मौजूद रहे.

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