मंडी: लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार सीएम जयराम ठाकुर की जनसभा में पहुंचे सदर के विधायक अनिल शर्मा को भरी सभा में जमकर खरी-खोटी सुननी पड़ी. अनिल शर्मा ने मंच से अपना संबोधन देकर कुछ बात कही और बात इतनी दूर तक चली गई कि भाजपा नेताओं ने पिछले 60 वर्षों का हिसाब-किताब मंच पर मौजूद अनिल शर्मा के सामने रख दिया.
सीएम जयराम ठाकुर मंडी में करोड़ों की योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास करने आए थे. इसके बाद सेरी मंच पर विशाल जनसभा रखी गई थी, जिसमें सदर के विधायक अनिल शर्मा को भी आमंत्रित किया गया था.अनिल शर्मा को बाकायदा मंच से बोलने का मौका दिया गया. अपने संबोधन में अनिल शर्मा ने कहा कि आजकल कोई अधिकारी या कर्मचारी उनके पास नहीं आता और वह अपने निजी कार्यों में व्यस्त रहते हैं. उन्होंने सीएम से दो वर्षों का समय मांगा और शहर में चल रहे विकास कार्यों में अपना सहयोग देने की बात कही.
इसके बाद बारी आई सांसद रामस्वरूप शर्मा के संबोधन की. उन्होंने अनिल शर्मा को खरी-खोटी सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि जो एकता से बाहर चले जाते हैं वो बहाने लगाने लगते हैं कि उनके पास कोई अधिकारी नहीं आता. उन्होंने कहा आज मंडल के अध्यक्ष से लेकर बूथ अध्यक्ष तक के पास अधिकारी और कर्मचारी जा रहे हैं क्योंकि ये जयराम ठाकुर की सरकार है. इसके बाद जब आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का संबोधन शुरू हुआ तो उन्होंने शर्मा परिवार का 60 वर्षों का हिसाब निकालकर सामने रख दिया.
महेंद्र सिंह ठाकुर ने मंच पर बैठे अनिल शर्मा और उनके परिवार को खरी-खोटी सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा कि दो वर्ष मांगने वाले पहले 60 वर्षों का हिसाब दें कि उन्होंने मंडी के लिए क्या किया. जब सीएम बनने की बारी आ रही थी तो परिवार हमीरपुर की तरफ देख रहा था. उन्होंने दादा-पोते को मौसम वैज्ञानिक करार देते हुए कहा कि ये पहले ही भांप लेते हैं कि हवा किस तरफ चल रही है और उस तरफ अपना रूख कर लेते हैं.
सभा के अंत में जब सीएम जयराम ठाकुर के संबोधन की बारी आई तो उन्होंने ने भी पूरे विवाद पर चुटकी ली. जयराम ठाकुर ने कहा कि सदर विधायक ने जो बात कही वो दूर तक चली गई और पुरानी यादें ताजा हो गई. उन्होंने सरकार की योजना का जिक्र करते हुए तंज कसा कि आज पुरानी राहों से फिर यादें ताजा हो गई. वहीं, उन्होंने ये सलाह भी दी कि राजनीति में इस प्रकार की बातों का बुरा नहीं मानना चाहिए.
बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में सदर विधायक अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था. पंडित सुखराम और आश्रय शर्मा कांग्रेस में शामिल हो गए थे जबकि चुनाव के बीच में अनिल शर्मा ने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि अभी तक अनिल शर्मा भाजपा के ही विधायक हैं और चुनाव के बाद आज वह पहली बार सीएम की जनसभा में गए थे, जहां उन्हें काफी जलालत झेलनी पड़ी.