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आश्रय शर्मा और आदित्य विक्रम सिंह ने थामा भाजपा का हाथ, कांग्रेस पर लगाए कई आरोप - himachal pradesh election

आदित्य विक्रम सिंह ने मंडी में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की उपस्थिति में भाजपा ज्वाइन कर ली है. आदित्य विक्रम सिंह ने कांग्रेस पार्टी पर कई आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कहती है कि वे युवाओं को मौका देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि वे अब कांग्रेस में दोबारा नहीं जाएंगे. (Aditya Vikram Singh joins BJP)

Aditya Vikram Singh joins BJP
आश्रय शर्मा और आदित्य विक्रम सिंह ने थामा भाजपा का हाथ
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Published : Oct 19, 2022, 9:32 PM IST

मंडी: बीते रोज कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहने वाले आदित्य विक्रम सिंह ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. आदित्य विक्रम सिंह ने मंडी में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश सह प्रभारी देवेंद्र राणा, सदर विधायक अनिल शर्मा और विधायक बंजार सुरेंद्र शौरी की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित अन्य नेताओं ने आदित्य विक्रम सिंह को भाजपा का पटका पहनाया. (Aditya Vikram Singh joins BJP)

भाजपा का दामन थामने के बाद आदित्य विक्रम सिंह ने कांग्रेस पार्टी पर कई आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कहती है कि वे युवाओं को मौका देते हैं. लेकिन कांग्रेस पार्टी का बुजुर्गों से अभी तक भी मोह नहीं छूट रहा है. आदित्य विक्रम सिंह ने कहा कि अंतिम समय तक उन्होंने कांग्रेस पार्टी में बने रहने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उनकी और उनके कार्यकर्ताओं की अनदेखी की. जिसके बाद उन्होंने भाजपा में जाने का फैसला लिया है.

वीडियो.

वहीं, उन्होंने कहा कि बंजार से कांग्रेस ने जिस प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है, उनकी उम्र व उनके बारे में कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वे अब कांग्रेस में दोबारा नहीं जाएंगे और निष्ठावान कार्यकर्ता की तरह भारतीय जनता पार्टी में ही रहकर जन सेवा करेंगे. इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आदित्य विक्रम सिंह को भारतीय जनता पार्टी में पूरा मान सम्मान दिया जाएगा.

बता दें कि आदित्य विक्रम सिंह पूर्व मंत्री स्वर्गीय करण सिंह के पुत्र हैं. आदित्य विक्रम सिंह बंजार से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी भी रह चुके हैं. कांग्रेस पार्टी छोड़ने से पूर्व आदित्य विक्रम सिंह प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव के पद पर कार्यरत थे. वहीं, सराज विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के प्रभारी के रूप में भी काम कर रहे थे. आदित्य विक्रम सिंह ने बंजार विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर दावेदारी पेश की थी. लेकिन कांग्रेस ने वहां पर पूर्व मंत्री खीमी राम शर्मा को प्रत्याशी बनाया है. जिसके चलते आदित्य विक्रम सिंह ने नाराज होकर कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा देकर भाजपा का भगवा ओढ़ लिया है.

वहीं, दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के समक्ष आश्रय शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. बीते रोज विधायक अनिल शर्मा ने मीडिया से रूबरू होते हुए बेटे आश्रय शर्मा के जल्द ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की बात कही थी. गौरतलब है कि प्रदेश में विधानसभा चुनावों के चलते मंडी जिला के सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा के भाजपा में ही बने रहने के बयान के बाद उनके पुत्र आश्रय शर्मा ने भी अपने पिता अनिल शर्मा का साथ देने का ऐलान कर दिया था. कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद बीते दिनों मंडी में प्रेस वार्ता के दौरान आश्रय शर्मा ने कांग्रेस पार्टी पर कई आरोप जड़े थे.

आश्रय शर्मा ने कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनावों में सभी नेताओं ने अपने हाथ खड़े कर दिए. तब उन्होंने राहुल गांधी के कहने पर चुनाव लड़ा था. आश्रय शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उन चुनावों के बाद कांग्रेस का पावर सेंटर प्रदेश में मात्र एक परिवार को देना हाईकमान का सही फैसला नहीं है. वहीं, आश्रय शर्मा शिमला ग्रामीण विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह पर अनदेखी करने के गंभीर आरोप लगा चुके हैं.

ये भी पढ़ें: आदित्य विक्रम सिंह ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, बोले- अब नहीं थामूंगा कांग्रेस का दामन

मंडी: बीते रोज कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहने वाले आदित्य विक्रम सिंह ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. आदित्य विक्रम सिंह ने मंडी में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश सह प्रभारी देवेंद्र राणा, सदर विधायक अनिल शर्मा और विधायक बंजार सुरेंद्र शौरी की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित अन्य नेताओं ने आदित्य विक्रम सिंह को भाजपा का पटका पहनाया. (Aditya Vikram Singh joins BJP)

भाजपा का दामन थामने के बाद आदित्य विक्रम सिंह ने कांग्रेस पार्टी पर कई आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कहती है कि वे युवाओं को मौका देते हैं. लेकिन कांग्रेस पार्टी का बुजुर्गों से अभी तक भी मोह नहीं छूट रहा है. आदित्य विक्रम सिंह ने कहा कि अंतिम समय तक उन्होंने कांग्रेस पार्टी में बने रहने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उनकी और उनके कार्यकर्ताओं की अनदेखी की. जिसके बाद उन्होंने भाजपा में जाने का फैसला लिया है.

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वहीं, उन्होंने कहा कि बंजार से कांग्रेस ने जिस प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है, उनकी उम्र व उनके बारे में कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वे अब कांग्रेस में दोबारा नहीं जाएंगे और निष्ठावान कार्यकर्ता की तरह भारतीय जनता पार्टी में ही रहकर जन सेवा करेंगे. इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आदित्य विक्रम सिंह को भारतीय जनता पार्टी में पूरा मान सम्मान दिया जाएगा.

बता दें कि आदित्य विक्रम सिंह पूर्व मंत्री स्वर्गीय करण सिंह के पुत्र हैं. आदित्य विक्रम सिंह बंजार से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी भी रह चुके हैं. कांग्रेस पार्टी छोड़ने से पूर्व आदित्य विक्रम सिंह प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव के पद पर कार्यरत थे. वहीं, सराज विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के प्रभारी के रूप में भी काम कर रहे थे. आदित्य विक्रम सिंह ने बंजार विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर दावेदारी पेश की थी. लेकिन कांग्रेस ने वहां पर पूर्व मंत्री खीमी राम शर्मा को प्रत्याशी बनाया है. जिसके चलते आदित्य विक्रम सिंह ने नाराज होकर कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा देकर भाजपा का भगवा ओढ़ लिया है.

वहीं, दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के समक्ष आश्रय शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. बीते रोज विधायक अनिल शर्मा ने मीडिया से रूबरू होते हुए बेटे आश्रय शर्मा के जल्द ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की बात कही थी. गौरतलब है कि प्रदेश में विधानसभा चुनावों के चलते मंडी जिला के सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा के भाजपा में ही बने रहने के बयान के बाद उनके पुत्र आश्रय शर्मा ने भी अपने पिता अनिल शर्मा का साथ देने का ऐलान कर दिया था. कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद बीते दिनों मंडी में प्रेस वार्ता के दौरान आश्रय शर्मा ने कांग्रेस पार्टी पर कई आरोप जड़े थे.

आश्रय शर्मा ने कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनावों में सभी नेताओं ने अपने हाथ खड़े कर दिए. तब उन्होंने राहुल गांधी के कहने पर चुनाव लड़ा था. आश्रय शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उन चुनावों के बाद कांग्रेस का पावर सेंटर प्रदेश में मात्र एक परिवार को देना हाईकमान का सही फैसला नहीं है. वहीं, आश्रय शर्मा शिमला ग्रामीण विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह पर अनदेखी करने के गंभीर आरोप लगा चुके हैं.

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