मंडी: हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर के अभय भारद्वाज ने इतिहास रचा है. दरअसल,अभय भारद्वाज का चयन न्यूक्लियर एंड एटॉमिक फिजिक्स में रिसर्च के लिए हुआ (Abhay of Joginder Nagar selected for research ) है. पूरे देश से इंटेग्रेटिड-पीएचडी में मात्र 18 छात्र ही चयनित हुए हैं. बता दें यह संस्थान भारत सरकार द्वारा संचालित देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है. TIFR GS में दाखिले के लिए इस वर्ष फरवरी में ही अखिल भारतीय परीक्षा हुई थी.
हजारों छात्रों ने दी थी परीक्षाः इस परीक्षा में देश भर के हजारों छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे, जिसमें मात्र 102 छात्र ही अगले चरण की परीक्षा के लिए क्वालीफाई कर पाये थे. क्वालीफाइड छात्रों को अगली प्रतियोगी परीक्षा के लिए मुंबई स्थित संस्थान में बुलाया गया था. 10 अप्रैल को मुंबई में इन 102 छात्रों की फिर से परीक्षा हुई, जिसमें टॉप 42 को इंटरव्यू के लिए सेलेक्ट किया गया. इस प्रतिष्ठित संस्थान के एक्सपर्ट प्रोफेसरों के पैनल ने 11 अप्रैल को अलग-अलग एक घंटे से भी ज्यादा समय तक इन 42 छात्रों के इंटरव्यू लिए. जिसके बाद 9 मई को फाइनल रिजल्ट घोषित किया गया.
पूरे देश में मात्र 18 छात्रों का चयन: इस प्रतिष्ठित संस्थान में इंटेग्रेटिड एमएससी-पीएचडी में प्रवेश पाने वाले देश भर के 18 छात्रों में अभय भारद्वाज उत्तरी भारत से अकेले छात्र हैं. IIT JAM की अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा में भी अभय भारद्वाज ने टॉप-20 रैंक में जगह बनाते हुए मुंबई, दिल्ली और कानपुर सहित देश की किसी भी प्रतिष्ठित आईआईटी में प्रवेश पाने की पात्रता हासिल कर ली है. बता दें कि बेंगलुरु स्थित देश के एक और प्रतिष्ठित संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सांइसेज में प्रवेश के लिए उन्हें बुलावा भी आ चुका है.
अभय भारद्वाज को हर माह मिलेंगे 21 हजारः अभय भारद्वाज की इस उपलब्धि से न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे उतर भारत का गौरव बढ़ा है. TIFR जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ाई और रिसर्च करने के लिए उन्हें प्रथम वर्ष हर महीने 21 हजार रुपये फेलोशिप के अलावा पुस्तक ग्रांट के तौर पर 25 हजार रुपये वार्षिक भी मिलेंगे. दूसरे वर्ष हर महीने 31 हजार रुपये फेलोशिप मिलेगी और पीएचडी में रजिस्ट्रेशन के बाद हर वर्ष 35 हजार रुपये मासिक फेलोशिप के अलावा लैपटॉप, मोबाइल और स्टेशनरी आदि खरीदने के लिए 40 हजार रुपये की वार्षिक ग्रांट भी मिलेगी.
अभय ने अलग-अलग स्कूलों से की है 12वीं तक की पढ़ाईः अभय भारद्वाज मूलत: मंडी जिले के जोगिन्दर नगर तहसील के रहने वाले हैं. अभय की माता विधु भारद्वाज पिछले कई वर्षों से सरकारी कॉलेज में अंग्रेजी विषय की सहायक प्रोफेसर हैं, जबकि पिता कुशाल भारद्वाज एक समाजसेवी, प्रदेश में सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता और जिला परिषद के निर्वाचित सदस्य हैं. 10+2 तक अभय ने तीन अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाई की और हर स्कूल में पढ़ाई में अव्वल रहा.
10+2 की पढ़ाई करने के बाद अंकों के आधार पर दिल्ली विश्वविद्यालय में भी नॉर्थ कैंपस के कई कॉलेजों (किरोड़ीमल कॉलेज, सेंट स्टीफन कॉलेज, हंस राज कालेज सहित 5 टॉप कॉलेजों) में अभय के पास एडमिशन लेने का विकल्प था. हालांकि अभय ने 96.66 प्रतिशत अंकों के आधार पर दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ी मल कॉलेज में बीएससी फिजिक्स ऑनर्स में दाखिला लिया था.
बीएससी फिजिक्स ऑनर्स के एक सेमेस्टर में अभय ने सभी पांचों पेपर में शत प्रतिशत अंक प्राप्त किये थे, जबकि अंतिम सेमेस्टर में भी अभय ने टॉप किया था. इसके बावजूद अभय ने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमएससी करने के बजाए एक वर्ष ड्रॉप करते हुए घर में ही IIT JAM, TIFR GS और IISc की तैयारी शुरू कर दी और तीनों की ही टॉप रैंकिंग में स्थान बनाया. वहीं, अभय की माता विधु भरद्वाज और पिता कुशाल भारद्वाज ने कहा कि अभय को बचपन से ही फिजिक्स से लगाव था और वह इसमें रिसर्च भी करना चाहता था.
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