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छोटी काशी में हुए 'उज्जैन के महाकाल' के दर्शन, भोले बाबा का स्वरूप देखने उमड़े श्रद्धालु

छोटी काशी में हुए 'उज्जैन के महाकाल' के दर्शन, भोले बाबा का स्वरूप देखने उमड़े श्रद्धालु

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Published : Feb 11, 2019, 12:55 PM IST

मंडी: छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध मंडी में सोमवार को उज्जैन के महाकाल के दर्शन हुए. बाबा भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग पर चढ़े घृत कंबल में नौवें दिन पूजा अर्चना के साथ उज्जैन के महाकाल के रूप का श्रृंगार किया गया और इस तरह भोले बाबा का नया स्वरूप देखने को मिला.


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पहले दिन त्रयम्बकेश्वर महादेव, दूसरे दिन नीलकंठ महादेव, तीसरे दिन बिलकेश्वर महादेव, चौथे दिन बिजली महादेव, पांचवें दिन गोपेश्वर महादेव और छठे दिन काल भैरव, सातवें दिन नागेश्वर महादेव, आठवें दिन भीमाकाली माता का रूप उकेरा गया. सोमवार को ये उज्जैन के महाकाल में तब्दील किया गया. शिवलिंग में चढ़े घृत कंबल में बाबाओं के रूप को देखने के लिए श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं.

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बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि पूजा अर्चना के साथ बाबा के स्वरूप भक्तों को मंडी में ही देखने को मिल रहे हैं. इस सब की व्यवस्था उनके द्वारा की जा रही है. नागेश्वर महादेव के स्वरूप को दखने के लिए दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा.

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बता दें कि मंदिर में विराजमान स्वयंभू शिवलिंग पर मक्खन चढ़ाने की ये परंपरा मंडी नगर की स्थापना के समय 1527 ई. से चली आ रही है. मंदिर में शिवरात्रि आने से ठीक एक महीने पहले मंदिर में हर रोज श्रद्धालुओं द्वारा मक्खन चढ़ाया शुरू कर दिया जाता है, जो कि महाशिवरात्रि के दिन उतारा जाएगा और महाशिवरात्रि को सुबह चार बजे मक्खन निकालकर शिवलिंग का शिवरात्रि महोत्सव के लिए श्रृंगार किया जाएगा.

मंडी: छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध मंडी में सोमवार को उज्जैन के महाकाल के दर्शन हुए. बाबा भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग पर चढ़े घृत कंबल में नौवें दिन पूजा अर्चना के साथ उज्जैन के महाकाल के रूप का श्रृंगार किया गया और इस तरह भोले बाबा का नया स्वरूप देखने को मिला.


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पहले दिन त्रयम्बकेश्वर महादेव, दूसरे दिन नीलकंठ महादेव, तीसरे दिन बिलकेश्वर महादेव, चौथे दिन बिजली महादेव, पांचवें दिन गोपेश्वर महादेव और छठे दिन काल भैरव, सातवें दिन नागेश्वर महादेव, आठवें दिन भीमाकाली माता का रूप उकेरा गया. सोमवार को ये उज्जैन के महाकाल में तब्दील किया गया. शिवलिंग में चढ़े घृत कंबल में बाबाओं के रूप को देखने के लिए श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं.

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बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि पूजा अर्चना के साथ बाबा के स्वरूप भक्तों को मंडी में ही देखने को मिल रहे हैं. इस सब की व्यवस्था उनके द्वारा की जा रही है. नागेश्वर महादेव के स्वरूप को दखने के लिए दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा.

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बता दें कि मंदिर में विराजमान स्वयंभू शिवलिंग पर मक्खन चढ़ाने की ये परंपरा मंडी नगर की स्थापना के समय 1527 ई. से चली आ रही है. मंदिर में शिवरात्रि आने से ठीक एक महीने पहले मंदिर में हर रोज श्रद्धालुओं द्वारा मक्खन चढ़ाया शुरू कर दिया जाता है, जो कि महाशिवरात्रि के दिन उतारा जाएगा और महाशिवरात्रि को सुबह चार बजे मक्खन निकालकर शिवलिंग का शिवरात्रि महोत्सव के लिए श्रृंगार किया जाएगा.
Intro:मंडी। छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग में करीब 40 किलो का घृत कंबल चढ़ गया है। 40 किलो मक्खन से शिवलिंग करीब डेढ़ फुट ऊंचा हो गया है। जिसके दर्शनों के लिए श्रद्धालु दूर दूर से पहुंच रहे हैं। रविवार को भूतनाथ मंदिर में भीमाकाली माता के दर्शन हुए। दरअसल मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग पर चढ़े घृत कम्बल में आठवें दिन पूजा अर्चना के साथ माता भीमाकाली मंडी के रूप में श्रृंगार किया गया।


Body:तारारात्री को 21 किलो का घृत कंबल चढ़ाया गया था। रोजाना श्रद्धालु मक्खन चढ़ा रहे हैं। जोकि अब 40 किलो हो गया है।अभी और मक्खन चढ़ाए जाने पर शिवलिंग का आकार बढ़ता रहेगा। जिससे मंदिर के मुख्य द्वार से भक्त दर्शन कर पाएंगे। मक्खन लेप पर भोले बाबा के रूपों को उकेरा जा रहा है। ऐसे में श्रद्धालुओं को मंडी में ही देशभर के मठ मंदिरों में स्थित स्वरूपों के दर्शन मंडी में हो रहे हैं। गत शनिवार को गुजरात के नागेश्वर महादेव का रूप उकेरा गया था। जबकि रविवार को माता का स्वरूप मंदिर में देखने को मिला है।


Conclusion:बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि पूजा अर्चना के साथ बाबा के स्वरूप भक्तों को मंडी में ही देखने को मिल रहे हैं। बताया कि इस सब की व्यवस्था उनके द्वारा की जा रही है। बताया कि अब तक करीब 40 किलो मक्खन चढ़ाया गया है।
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