मंडी: हिमाचल प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में शिक्षा का क्या स्तर है और कितने लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना चाह रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार ने शून्य दाखिला होने वाले स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है. पूर्व सीएम के गृह जिला मंडी की बात की जाए तो यहां पर भी प्रदेश सरकार ने ऐसे 51 प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है. जिनमें किसी भी कक्षा में एक भी एडमिशन नहीं हुआ है.
जिला मंडी में 39 प्राइमरी व 12 मिडिल स्कूलों को बंद करने की अधिसूचना भी जारी कर दी है. इनमें सबसे ज्यादा 7 मिडिल स्कूल जिले के सराज शिक्षा खंड में और सबसे ज्यादा प्राइमरी स्कूल 10 धर्मपुर में ही बंद किए गए हैं. वहीं, सराज में पांच और सदर में केवल एक स्कूल को बंद किया है. प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक मंडी अमरनाथ राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं जिनमें एक भी बच्चे का एडमिशन नहीं हुआ है.
प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक मंडी अमरनाथ राणा ने बताया कि विभाग व सरकार के दिशा निर्देशों के बाद इन स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है. वहीं, उन्होंने बताया कि अभी तो इन स्कूलों को बंद कर दिया गया है, लेकिन भविष्य में जरूरत के हिसाब से व सरकार के दिशा निर्देशों पर इन्हें बहाल भी किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि मंडी जिले के विभिन्न शिक्षा खंडों में वर्तमान में 1736 प्राइमरी, 313 मिडिल व 329 सीनियर सेकेंडरी स्कूल संचालित हैं.
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