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इन दो पंचायतों ने 25 साधन संपन्न परिवार BPL सूची से बाहर, अपात्र लोग ले रहे थे सुविधाएं - करसोग

फर्जी तरीके से सूची में शामिल हुए नामों को बाहर करने के लिए सरकार ने हर पंचायत में तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की है. जो बीपीएल सूची की समीक्षा करने के बाद अपनी फाइनल रिपोर्ट ग्राम सभा की बैठकों में रख रही है. वर्तमान में करसोग विकासखंड में कुल 4,159 गरीब परिवार है. इसमें 1615 गरीब परिवार अनुसूचित जाति, सामान्य वर्ग के 2516 व अनुसूचित जनजाति के कुल 28 परिवार बीपीएल सूची में शामिल हैं.

दो पंचायतों ने 25 साधन संपन्न परिवार BPL सूची से बाहर
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Published : Jul 18, 2019, 4:44 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 5:42 PM IST

करसोग: जिला की दो पंचायतों में ग्राम सभा ने अपनी ताकत दिखाते हुए एक ही दिन में बीपीएल सूची में शामिल 25 साधन संपन्न परिवारों को बाहर कर दिया. दूसरे चरण में बीपीएल परिवारों की समीक्षा के लिए 14 जुलाई को करसोग की 13 पंचायतों में आयोजित हुई ग्राम सभा की बैठकों की रिपोर्ट के मुताबिक चौरीधार, गवालपुर और मैंडी पंचायतों में ही कोरम पूरा हुआ. जिसमें गवालपुर और चौरीधार पंचायत में कुल 25 परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर करने का प्रस्ताव पारित किया गया.

गवालपुर पंचायत में सबसे अधिक 13 साधन संपन्न परिवार बीपीएल सूची से बाहर किए गए, वहीं चौरीधार पंचायत में 12 परिवारों को बीपीएल सूची से हटाया गया है. इन दोनों ही पंचायतों में इतने ही पात्र परिवारों को हटाए गए नामों के स्थान पर शामिल किया गया है. जिसकी रिपोर्ट बीडीओ ऑफिस को प्राप्त हो गई है. बीपीएल परिवारों की समीक्षा के लिए तीसरे चरण की ग्राम सभा बैठक 21 जुलाई को होगी.

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दो पंचायतों ने 25 साधन संपन्न परिवार BPL सूची से किए बाहर

फर्जी तरीके से सूची में शामिल हुए नामों को बाहर करने के लिए सरकार ने हर पंचायत में तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की है. जो बीपीएल सूची की समीक्षा करने के बाद अपनी फाइनल रिपोर्ट ग्राम सभा की बैठकों में रख रही है. वर्तमान में करसोग विकासखंड में कुल 4,159 गरीब परिवार है. इसमें 1615 गरीब परिवार अनुसूचित जाति, सामान्य वर्ग के 2516 व अनुसूचित जनजाति के कुल 28 परिवार बीपीएल सूची में शामिल हैं.

ये हैं नियम और शर्तें
सरकार ने बीपीएल परिवारों को चयन प्रक्रिया को और कड़ा किया है. इसके मुताबिक बीपीएल परिवार के एक सदस्य को साल में कम से कम 20 दिन मनरेगा में दिहाड़ी पर काम करना जरूरी होगा. इसके अतिरिक्त बीपीएल परिवार के एक पात्र सदस्य ने दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना या फिर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में स्थानीय स्तर पर अपनी भागीदारी की हो. यही नहीं बीपीएल चयन प्रक्रिया के समय लोगों को निर्धारित नियमों को लेकर अब पंचयात में शपथपत्र भी देना होगा. इसमें बताना होगा कि परिवार के पास 2 हेक्टेयर से अधिक असिंचित व 1 हेक्टेयर से ज्यादा सिंचित भूमि नहीं है. इसके अतिरिक्त ये भी जानकारी देनी होगी कि परिवार के पास रहने को पक्का मकान, परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता नहीं है, परिवार की वेतन, पैंशन, भत्ते, मानदेय, मजदूरी व व्यवसाय से मासिक आय 2500 रुपये से अधिक नहीं है. इसके अलावा ये भी दर्शाना होगा कि परिवार का कोई सदस्य सरकारी व गैर सरकारी नौकरी में नियमित या फिर अनुबंध पर कार्य नहीं कर रहा है.

तीन पंचायतों में कोरम हुआ पूरा : बीडीओ
बीडीओ करसोग राजेंद्र टेजटा का कहना है कि ग्राम सभा की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है. दूसरे चरण में तीन पंचायतों में कोरम पूरा हुआ था. इसमे दो पंचायतों में 25 परिवारों को बीपीएल सूची से हटाया गया है और उनकी जगह इतने की पात्र परिवारों के नामों को सूची में डाला गया है.

बीडीओ करसोग राजेंद्र टेजटा का कहना है कि ग्राम सभा की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है. दूसरे चरण में तीन पंचायतों में कोरम पूरा हुआ था. इसमे दो पंचायतों में 25 परिवारों को बीपीएल सूची से हटाया गया है और उनकी जगह इतने की पात्र परिवारों के नामों को सूची में डाला गया है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में मच सकती है केदारनाथ जैसी तबाही! सिस्सू झील का आकार बढ़ने पर वैज्ञानिकों ने किया अलर्ट

करसोग: जिला की दो पंचायतों में ग्राम सभा ने अपनी ताकत दिखाते हुए एक ही दिन में बीपीएल सूची में शामिल 25 साधन संपन्न परिवारों को बाहर कर दिया. दूसरे चरण में बीपीएल परिवारों की समीक्षा के लिए 14 जुलाई को करसोग की 13 पंचायतों में आयोजित हुई ग्राम सभा की बैठकों की रिपोर्ट के मुताबिक चौरीधार, गवालपुर और मैंडी पंचायतों में ही कोरम पूरा हुआ. जिसमें गवालपुर और चौरीधार पंचायत में कुल 25 परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर करने का प्रस्ताव पारित किया गया.

गवालपुर पंचायत में सबसे अधिक 13 साधन संपन्न परिवार बीपीएल सूची से बाहर किए गए, वहीं चौरीधार पंचायत में 12 परिवारों को बीपीएल सूची से हटाया गया है. इन दोनों ही पंचायतों में इतने ही पात्र परिवारों को हटाए गए नामों के स्थान पर शामिल किया गया है. जिसकी रिपोर्ट बीडीओ ऑफिस को प्राप्त हो गई है. बीपीएल परिवारों की समीक्षा के लिए तीसरे चरण की ग्राम सभा बैठक 21 जुलाई को होगी.

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दो पंचायतों ने 25 साधन संपन्न परिवार BPL सूची से किए बाहर

फर्जी तरीके से सूची में शामिल हुए नामों को बाहर करने के लिए सरकार ने हर पंचायत में तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की है. जो बीपीएल सूची की समीक्षा करने के बाद अपनी फाइनल रिपोर्ट ग्राम सभा की बैठकों में रख रही है. वर्तमान में करसोग विकासखंड में कुल 4,159 गरीब परिवार है. इसमें 1615 गरीब परिवार अनुसूचित जाति, सामान्य वर्ग के 2516 व अनुसूचित जनजाति के कुल 28 परिवार बीपीएल सूची में शामिल हैं.

ये हैं नियम और शर्तें
सरकार ने बीपीएल परिवारों को चयन प्रक्रिया को और कड़ा किया है. इसके मुताबिक बीपीएल परिवार के एक सदस्य को साल में कम से कम 20 दिन मनरेगा में दिहाड़ी पर काम करना जरूरी होगा. इसके अतिरिक्त बीपीएल परिवार के एक पात्र सदस्य ने दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना या फिर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में स्थानीय स्तर पर अपनी भागीदारी की हो. यही नहीं बीपीएल चयन प्रक्रिया के समय लोगों को निर्धारित नियमों को लेकर अब पंचयात में शपथपत्र भी देना होगा. इसमें बताना होगा कि परिवार के पास 2 हेक्टेयर से अधिक असिंचित व 1 हेक्टेयर से ज्यादा सिंचित भूमि नहीं है. इसके अतिरिक्त ये भी जानकारी देनी होगी कि परिवार के पास रहने को पक्का मकान, परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता नहीं है, परिवार की वेतन, पैंशन, भत्ते, मानदेय, मजदूरी व व्यवसाय से मासिक आय 2500 रुपये से अधिक नहीं है. इसके अलावा ये भी दर्शाना होगा कि परिवार का कोई सदस्य सरकारी व गैर सरकारी नौकरी में नियमित या फिर अनुबंध पर कार्य नहीं कर रहा है.

तीन पंचायतों में कोरम हुआ पूरा : बीडीओ
बीडीओ करसोग राजेंद्र टेजटा का कहना है कि ग्राम सभा की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है. दूसरे चरण में तीन पंचायतों में कोरम पूरा हुआ था. इसमे दो पंचायतों में 25 परिवारों को बीपीएल सूची से हटाया गया है और उनकी जगह इतने की पात्र परिवारों के नामों को सूची में डाला गया है.

बीडीओ करसोग राजेंद्र टेजटा का कहना है कि ग्राम सभा की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है. दूसरे चरण में तीन पंचायतों में कोरम पूरा हुआ था. इसमे दो पंचायतों में 25 परिवारों को बीपीएल सूची से हटाया गया है और उनकी जगह इतने की पात्र परिवारों के नामों को सूची में डाला गया है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में मच सकती है केदारनाथ जैसी तबाही! सिस्सू झील का आकार बढ़ने पर वैज्ञानिकों ने किया अलर्ट

Intro:करसोग की दो पंचायतों में ग्राम सभा ने अपनी ताकत दिखाते हुए एक ही दिन में बीपीएल सूची में शामिल 25 साधन संपन्न परिवारों को बाहर कर दिया। दूसरे चरण में बीपीएल परिवारों की समीक्षा के लिए 14 जुलाई को करसोग की 13 पंचायतों में आयोजित हुई ग्राम सभा की बैठकों की रिपोर्ट के मुताबिक चौरीधार, गवालपुर और मैंडी पंचायतों में ही कोरम पूरा हुआ। जिसमें गवालपुर और चौरीधार पंचायत में कुल 25 परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर करने का प्रस्ताव पारित किया गयाBody:ग्राम सभा ने दिखाई अपनी ताकत, इन दो पंचायतों ने 25 साधन संपन्न परिवार बीपीएल सूची से किए बाहर।
करसोग
करसोग उपमंडल में कई वर्षों से फर्जी तरीके से बीपीएल सूची में कुंडली मार सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे लोगों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। करसोग की दो पंचायतों में ग्राम सभा ने अपनी ताकत दिखाते हुए एक ही दिन में बीपीएल सूची में शामिल 25 साधन संपन्न परिवारों को बाहर कर दिया। दूसरे चरण में बीपीएल परिवारों की समीक्षा के लिए 14 जुलाई को करसोग की 13 पंचायतों में आयोजित हुई ग्राम सभा की बैठकों की रिपोर्ट के मुताबिक चौरीधार, गवालपुर और मैंडी पंचायतों में ही कोरम पूरा हुआ। जिसमें गवालपुर और चौरीधार पंचायत में कुल 25 परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर करने का प्रस्ताव पारित किया गया। गवालपुर पंचायत में सबसे अधिक 13 साधन संपन्न परिवार बीपीएल सूची से बाहर किए गए, वहीं चौरीधार पंचायत में 12 परिवारों को बीपीएल सूची से हटाया गया है। इन दोनों ही पंचायतों में इतने ही पात्र परिवारों को हटाए गए नामों के स्थान पर शामिल किया गया है। जिसकी रिपोर्ट बीडीओ ऑफिस को प्राप्त हो गई है। बीपीएल परिवारों की समीक्षा के लिए तीसरे चरण की ग्राम सभा बैठक 21 जुलाई को होगी।
फर्जी तरीके से सूची में शामिल हुए नामों को बाहर करने के लिए सरकार ने हर पंचायत में तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की है। जो बीपीएल सूची की समीक्षा करने के बाद अपनी फाइनल रिपोर्ट ग्राम सभा की बैठकों में रख रही है। वर्तमान में करसोग विकासखंड में कुल 4,159 गरीब परिवार है। इसमें 1615 गरीब परिवार अनुसूचित जाति, सामान्य वर्ग के 2516 व अनुसूचित जनजाति के कुल 28 परिवार बीपीएल सूची में शामिल हैं।

ये हैं नियम और शर्तें:
सरकार ने बीपीएल परिवारों को चयन प्रक्रिया को और कड़ा किया है। इसके मुताबिक बीपीएल परिवार के एक सदस्य को साल में कम से कम 20 दिन मनरेगा में दिहाड़ी पर काम करना जरूरी होगा। इसके अतिरिक्त बीपीएल परिवार के एक पात्र सदस्य ने दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना या फिर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में स्थानीय स्तर पर अपनी भागीदारी की हो। यही नहीं बीपीएल चयन प्रक्रिया के समय लोगों को निर्धारित नियमों को लेकर अब पंचयात में शपथपत्र भी देना होगा। इसमें बताना होगा कि परिवार के पास 2 हेक्टेयर से अधिक असिंचित व 1 हेक्टेयर से ज्यादा सिंचित भूमि नहीं है। इसके अतिरिक्त ये भी जानकारी देनी होगी कि परिवार के पास रहने को पक्का मकान, परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता नहीं है, परिवार की वेतन, पैंशन, भत्ते, मानदेय, मजदुरी व व्यवसाय से मासिक आय 2500 रुपये से अधिक नहीं है। इसके अलावा ये भी दर्शाना होगा कि परिवार का कोई सदस्य सरकारी व गैर सरकारी नौकरी में नियमित या फिर अनुबंध पर कार्य नहीं कर रहा है।

तीन पंचायतों में कोरम हुआ पूरा : बीडीओ
बीडीओ करसोग राजेंद्र टेजटा का कहना है कि ग्राम सभा की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। दूसरे चरण में तीन पंचायतों में कोरम पूरा हुआ था। इसमे दो पंचायतों में 25 परिवारों को बीपीएल सूची से हटाया गया है और उनकी जगह इतने की पात्र परिवारों के नामों को सूची में डाला गया है। Conclusion:बीडीओ करसोग राजेंद्र टेजटा का कहना है कि ग्राम सभा की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। दूसरे चरण में तीन पंचायतों में कोरम पूरा हुआ था। इसमे दो पंचायतों में 25 परिवारों को बीपीएल सूची से हटाया गया है और उनकी जगह इतने की पात्र परिवारों के नामों को सूची में डाला गया है।
Last Updated : Jul 18, 2019, 5:42 PM IST
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