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विंटर सीजन के लिए लाहौल स्पीति पूरी तरह से तैयार, बर्फबारी से पहले प्रशासन ने खाद्य सामग्री और ईंधन भेजा - कांग्रेस विधायक रवि ठाकुर

Lahaul Spiti Ready For Winter Season: विंटर सीजन में बर्फबारी के चलते हिमाचल प्रदेश का लाहौल स्पीति जिले का संपर्क देश से कट जाता है. ऐसे में वहां रहने वाले लोगों के लिए प्रशासन ने समय से पहले ही खाद्य सामग्री और ईंधन सहित अन्य सामग्री की व्यवस्था करना शुरू कर दिया है.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 13, 2023, 8:11 PM IST

Updated : Nov 13, 2023, 8:33 PM IST

लाहौल स्पीति: हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून ने काफी तबाही मचाई है. जिससे निपटने के लिए पूरे प्रदेश में सभी जिला अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. वहीं, विंटर सीजन को लेकर लाहौल घाटी जिला प्रशासन ने मौसम के मिजाज को देखते हुए समय रहते तैयारियां शुरू कर दी है. ठंड के मौसम में भारी बर्फबारी होने से लाहौल स्पीति के कई हिस्से का संपर्क देश-दुनिया का संपर्क कट जाता है. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने समय रहते खाद्य सामग्री के साथ-साथ ईंधन आदि की व्यवस्था करना शुरू कर दिया है.

कांग्रेस विधायक रवि ठाकुर ने कहा इस बार मानसून सीजन में पूरे हिमाचल प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है, जिसके चलते लाहौल स्पीति भी इससे अछूता नहीं रह पाया है. ऐसी घड़ी में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर पूरी स्थिति पर नजर बनाते हुए तत्परता से कार्य किया. प्राकृतिक आपदा के बाद अब प्रदेश में स्थिति कुछ समान्य हो चुका है. आगामी शीत ऋतु के लिए लाहौल स्पीति भी पूरी तरह से तैयार है. जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद है.

उन्होंने कहा कि बर्फबारी के समय यहां पर रोहतांग दर्रा से ऊपर पर्वत श्रृंखलाओं पर काफी ग्लेशियर और हिमखंड होते हैं. यहां पर कई गांव 17000 सीट से भी अधिक ऊंचाई पर बसे हैं. यहां अधिक बर्फबारी के होने चलते यह क्षेत्र से पूरे भारत से कट जाता है. इस बार ही बर्फबारी से पहले वहां पर लोगों के लिए खाद्य पूर्ति से लेकर जरूरी वस्तुओं को पहुंचाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. यहां सड़कों के साथ-साथ पर्यटक स्थलों और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्वत श्रृंखला माला के तहत केंद्र से 200 करोड़ की धनराशि की मांग की गई है. ताकि धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों का विकास किया जा सके.

उन्होंने कहा यहां बौद्ध मठ और अन्य पर्यटक स्थलों पर सैलानियों का जमावड़ा लगा होता है. इसको लेकर ईको टूरिज्म को भी बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार वचनबद्ध है. यहां होमस्टे बनाने को लेकर बल दिया जा रहा है. ताकि आम जनमानस की जीविका चल सके और घूमने आए सैलानियों के लिए विभिन्न क्षेत्रीय व्यंजनों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन कर पर्यटको के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया जा सके.

उन्होंने कहा पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए साहसी खेलों का भी बर्फबारी के दौरान आयोजन किया जाता है. वन विभाग द्वारा सफारी का भी सैलानियों के लिए इंतजाम किया जाता है. पर्यटक अपने टूर पर यहां के हिम तेंदुआ और अन्य वन प्राणियों के दीदार कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: यहां दिवाली के अगले दिन पत्थरबाजी की परंपरा, लहूलुहान होना माना जाता है सौभाग्य !, जाने इसके पीछे की कहानी

लाहौल स्पीति: हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून ने काफी तबाही मचाई है. जिससे निपटने के लिए पूरे प्रदेश में सभी जिला अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. वहीं, विंटर सीजन को लेकर लाहौल घाटी जिला प्रशासन ने मौसम के मिजाज को देखते हुए समय रहते तैयारियां शुरू कर दी है. ठंड के मौसम में भारी बर्फबारी होने से लाहौल स्पीति के कई हिस्से का संपर्क देश-दुनिया का संपर्क कट जाता है. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने समय रहते खाद्य सामग्री के साथ-साथ ईंधन आदि की व्यवस्था करना शुरू कर दिया है.

कांग्रेस विधायक रवि ठाकुर ने कहा इस बार मानसून सीजन में पूरे हिमाचल प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है, जिसके चलते लाहौल स्पीति भी इससे अछूता नहीं रह पाया है. ऐसी घड़ी में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर पूरी स्थिति पर नजर बनाते हुए तत्परता से कार्य किया. प्राकृतिक आपदा के बाद अब प्रदेश में स्थिति कुछ समान्य हो चुका है. आगामी शीत ऋतु के लिए लाहौल स्पीति भी पूरी तरह से तैयार है. जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद है.

उन्होंने कहा कि बर्फबारी के समय यहां पर रोहतांग दर्रा से ऊपर पर्वत श्रृंखलाओं पर काफी ग्लेशियर और हिमखंड होते हैं. यहां पर कई गांव 17000 सीट से भी अधिक ऊंचाई पर बसे हैं. यहां अधिक बर्फबारी के होने चलते यह क्षेत्र से पूरे भारत से कट जाता है. इस बार ही बर्फबारी से पहले वहां पर लोगों के लिए खाद्य पूर्ति से लेकर जरूरी वस्तुओं को पहुंचाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. यहां सड़कों के साथ-साथ पर्यटक स्थलों और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्वत श्रृंखला माला के तहत केंद्र से 200 करोड़ की धनराशि की मांग की गई है. ताकि धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों का विकास किया जा सके.

उन्होंने कहा यहां बौद्ध मठ और अन्य पर्यटक स्थलों पर सैलानियों का जमावड़ा लगा होता है. इसको लेकर ईको टूरिज्म को भी बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार वचनबद्ध है. यहां होमस्टे बनाने को लेकर बल दिया जा रहा है. ताकि आम जनमानस की जीविका चल सके और घूमने आए सैलानियों के लिए विभिन्न क्षेत्रीय व्यंजनों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन कर पर्यटको के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया जा सके.

उन्होंने कहा पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए साहसी खेलों का भी बर्फबारी के दौरान आयोजन किया जाता है. वन विभाग द्वारा सफारी का भी सैलानियों के लिए इंतजाम किया जाता है. पर्यटक अपने टूर पर यहां के हिम तेंदुआ और अन्य वन प्राणियों के दीदार कर सकते हैं.

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Last Updated : Nov 13, 2023, 8:33 PM IST
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