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लाहौल स्पीति के लाल ने बढ़ाया प्रदेश का मान, किसान का बेटा बना भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट

लाहौल स्पीति के छोटे से गांव शूलिंग के रजत चंदल ने पूरे देश में हिमाचल का मान बढ़ाया है. रजत चंदेल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के तौर पर अपनी सेवाएं देंगे. रजत चंदेल की कामयाबी से परिवार में खुशी की लहर है.

rajat chandel of lahaul spiti becomes lieutenant in indian army
रजत चंदेल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट
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Published : Dec 9, 2019, 2:14 PM IST

Updated : Dec 9, 2019, 3:31 PM IST

लाहौल स्पीति: जिला लाहौल स्पीति के खांगसर पंचायत के छोटे से गांव शूलिंग के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रजत चंदल ने पूरे देश में हिमाचल का मान बढ़ाया है. रजत चंदेल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के तौर पर अपनी सेवाएं देंगे. रजत चंदेल की कामयाबी से परिवार में खुशी की लहर है.

रजत के पिता ओमप्रकाश और माता संतोष कुमारी ने कहा कि बेटे की जिद थी कि वह फौज में जाए. पहले एक सिपाही के तौर पर फौज में भर्ती हुए थे. अब अपनी मेहनत और लगन से एसीसी की परीक्षा पास की. रजत की प्राइमरी शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला शूलिंग में हुई. वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सिस्सू में और कुल्लू से जमा दो की परीक्षा पास की.

रजत महज 18 साल की उम्र में 2012 में सेना में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे. दिसंबर 2015 में आर्मी कैडेट कॉलेज एसीसी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की और 2016 में भारतीय सैन्य अकादमी में शामिल हुए. एसीसी प्रशिक्षण में तीन वर्ष और भारतीय सैन्य अकादमी में एक वर्ष ट्रेनिंग पूरी की. 25 साल की उम्र में लेफ्टिनेंट के तौर पर भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट देहरादून से ट्रेनिंग पूरी कर पास आउट हुए.

ये भी पढ़ें: डोहलूनाला में एक व्यक्ति से 46 ग्राम चिट्टा बरामद, NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज

लाहौल स्पीति: जिला लाहौल स्पीति के खांगसर पंचायत के छोटे से गांव शूलिंग के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रजत चंदल ने पूरे देश में हिमाचल का मान बढ़ाया है. रजत चंदेल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के तौर पर अपनी सेवाएं देंगे. रजत चंदेल की कामयाबी से परिवार में खुशी की लहर है.

रजत के पिता ओमप्रकाश और माता संतोष कुमारी ने कहा कि बेटे की जिद थी कि वह फौज में जाए. पहले एक सिपाही के तौर पर फौज में भर्ती हुए थे. अब अपनी मेहनत और लगन से एसीसी की परीक्षा पास की. रजत की प्राइमरी शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला शूलिंग में हुई. वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सिस्सू में और कुल्लू से जमा दो की परीक्षा पास की.

रजत महज 18 साल की उम्र में 2012 में सेना में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे. दिसंबर 2015 में आर्मी कैडेट कॉलेज एसीसी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की और 2016 में भारतीय सैन्य अकादमी में शामिल हुए. एसीसी प्रशिक्षण में तीन वर्ष और भारतीय सैन्य अकादमी में एक वर्ष ट्रेनिंग पूरी की. 25 साल की उम्र में लेफ्टिनेंट के तौर पर भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट देहरादून से ट्रेनिंग पूरी कर पास आउट हुए.

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Intro:भारतीय सैन्य अकादमी में भर्ती हुआ लाहौल स्पीति का जांबाज
लाहौल स्पीति के किसान का बेटा बना भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट Body:

लाहौल स्पीति जिले के चंद्राघाटी के खांगसर पंचायत के छोटे से गांव शूलिंग में किसान परिवार में पले बढ़े रजत चंदेल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं । रजत के कामयाबी से उनका परिवार गदगद है ।

रजत के पिता ओमप्रकाश और माता संतोष कुमारी ने कहा कि बेटे की जिद थी कि वह फौज में जाएं । पहले एक सिपाही के तौर पर भर्ती हुए । मेहनत और लगन से एसीसी की परीक्षा पास की ।

रजत की प्राइमरी शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला शूलिंग में हुई । वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सिस्सू में मैट्रिक की और जिला कुल्लू से जमा दो की परीक्षा पास की । 18 साल की उम्र में 2012 में सेना में बतौर सिपाही भर्ती हुए । दिसंबर 2015 में आर्मी कैडेट कॉलेज एसीसी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की और 2016 में भारतीय सैन्य अकादमी में शामिल हुए । एसीसी प्रशिक्षण में तीन वर्ष और भारतीय सैन्य अकादमी में एक वर्ष ट्रेनिंग पूरी की । Conclusion:




25 साल की उम्र में लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट देहरादून से ट्रेनिंग पूरी कर पास आउट हुए । उधर , रजत के सैन्य अफसर बनने पर चंद्राघाटी में खुशी का माहौल है ।
Last Updated : Dec 9, 2019, 3:31 PM IST
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