कुल्लू : हिमाचल प्रदेश के शीत मरुस्थल जिला लाहौल स्पीति को टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए देशभर में दूसरा स्थान मिला है. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी रजत पदक देकर जिले को सम्मानित किया है.
लाहौल स्पीति को स्वास्थ्य मंत्रालय से मिला रजत पदक
टीबी उन्मूलन पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केलांग अस्पताल में तैनात डाक्टर ने यह सम्मान हासिल किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने साल 2015 से अभी तक के टीबी उन्मूलन डाटा को आधार बनाते हुए दमन दीव के दीव जिले के बाद हिमाचल के लाहौल-स्पीति को दूसरे पायदान पर रखा है. सर्वे के मुताबिक साल 2015 से अब तक लाहौल-स्पीति में टीबी मरीजों की संख्या में 40 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है. दीव में यह आंकड़ा 80 फीसदी तक नीचे आया है. लाहौल-स्पीति में फिलहाल टीबी के 16 सक्रिय केस हैं, इनका उपचार चल रहा है.
राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड मिलना हिमाचल के लिए गर्व की बात
हालांकि, लाहौल-स्पीति के स्पीति उपमंडल में हैपेटाइटस के सबसे अधिक मामले दर्ज हुए थे, लेकिन टीबी उन्मूलन के सर्वे के नतीजों ने बड़ी राहत दी है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बर्फबारी के बीच घाटी के दुर्गम गांवों में पैदल चलकर हर घर में दस्तक दी. टीम ने हर घर के संदेहास्पद व्यक्ति की टेस्टिंग भी की. उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पलजोर ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड मिलना लाहौल-स्पीति ही नहीं पूरे हिमाचल के लिए गर्व की बात है.
टीम और विभाग की मेहनत रंग लाई
जिला टीबी उन्मूलन अधिकारी डॉ. जगदीश ने कहा कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को कामयाब बनाने के लिए टीम के साथ विभाग ने खूब मेहनत की है. तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा और उपायुक्त पंकज राय ने स्वास्थ्य विभाग को बधाई दी है.
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