लाहौल-स्पीति: मणिमहेश ट्रेक पर एक बचाव चौकी स्थापित की जाएगी. चौकी बनने से इस ट्रैक से गुजरने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा बढ़ जाएगी.
विकट परिस्थितियों में काम आएगी बचाव चौकी
चार दिनों की यात्रा में कई बार श्रद्धालुओं को विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ता था. कई श्रद्धालु इस ट्रैक पर चोटिल भी हुए हैं. विदेशी ट्रैकर्स का भी यह पसंदीदा ट्रैक है. लाहौल और कुल्लू के श्रद्धालु भी काफी संख्या में इसी ट्रैक से पदयात्रा कर मणिमहेश झील पहुंचते हैं.
पोरी मेले में इसी ट्रैक गुजरता है श्रद्धालुओं का जत्था
यह ट्रैक जून से सितंबर तक ही श्रद्धालुओं और ट्रैकर्स के लिए खुला रहता है. लाहौल निवासियों ने कहा कि त्रिलोकनाथ में मनाए जाने वाले पोरी मेले के समापन पर श्रद्धालुओं का एक बड़ा जत्था इसी ट्रैक से होकर मणिमहेश झील को निकलता है.
श्रद्धालुओं और ट्रैकर्स की सुविधा के लिए बचाव चौकी
लाहौल के जोवरंग से मणिमहेश तक पहुंचने में श्रद्धालुओं को खोलडु पदर, केलिंग बजीर और अल्यास के तीन पड़ाव पार करने पड़ते हैं. उपायुक्त लाहौल-स्पीति पंकज राय ने कहा कि श्रद्धालुओं और ट्रैकर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस सीजन से इस ट्रैक पर बचाव चौकी स्थापित की जाएगी.
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