कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में जिला परिषद कैडर के कर्मचारी अब पंचायती राज विभाग में विलय की मांग को लेकर एक दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं. वहीं, उन्होंने प्रदेश सरकार को भी इस विषय में निर्णय लेने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है. अगर 15 दिनों के भीतर सरकार के द्वारा इस विषय में निर्णय नहीं लिया गया, तो जिला परिषद कैडर कर्मचारी संघ के द्वारा आगामी रणनीति तैयार की जाएगी. सामूहिक अवकाश के चलते ढालपुर में भी जिला परिषद कर्मचारियों के द्वारा प्रदर्शन किया गया.
ढालपुर में कर्मचारियों का सामूहिक अवकाश: इस दौरान जिला परिषद कर्मचारी कैडर के जिला उपाध्यक्ष सुदर्शन ठाकुर ने बताया कि वे साल 1999 से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए लगातार अपनी भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी प्रदेश सरकार के द्वारा उनके लिए कोई स्थायी नीति तैयार नहीं की गई है. सुदर्शन ठाकुर ने कहा कि जब उन्होंने पूर्व में पैन डाउन स्ट्राइक की थी, तो उस दौरान भी कांग्रेस के नेताओं ने उनके साथ मुलाकात की और कहा था कि जैसे ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो उनका पंचायती राज विभाग में विलय किया जाएगा, लेकिन सरकार बनने के बाद उनकी कोई सुध नहीं ली गई है.
सरकार को कर्मचारी का 15 दिन का अल्टीमेटम: जिला परिषद कैडर कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष सुदर्शन ठाकुर ने कहा कि अब इस बारे पूरे प्रदेश में कर्मचारियों ने 1 दिन की सामूहिक अवकाश लिया है और 15 दिन का अल्टीमेटम सरकार को दिया गया है. अगर सरकार के द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वे आगामी कदम उठाएंगे. वहीं, कुल्लू ब्लॉक के अध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि जिला कुल्लू के 235 पंचायतों में यह कर्मचारी काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें छठे वित्त आयोग के तहत कोई लाभ नहीं मिल रहा है. जिसके चलते भी उन्हें हर माह 10 हजार रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में प्रदेश सरकार कर्मचारियों का जल्द से जल्द पंचायती राज विभाग में विलय करे, ताकि कर्मचारियों को अपने भविष्य के लिए चिंता ना करनी पड़े.
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