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श्रम कानूनों की बहाली के लिए सड़कों पर उतरे मजदूर, कहा- मांगें पूरी न होने तक जारी रहेगा आंदोलन

कुल्लू में मजदूरों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. मजदूरों ने केंद्र सरकार से मांग रखी कि चार लेबर कोर्ट को निरस्त किया जाए ताकि मजदूरों को भी अपने हक मिल सकें. इस मामले को लेकर कुल्लू में एक रैली भी निकाली गई.

कुल्लू में मजदूरों का प्रदर्शन
कुल्लू में मजदूरों का प्रदर्शन
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Published : Aug 9, 2021, 3:19 PM IST

कुल्लू: केंद्र की बीजेपी सरकार के द्वारा श्रम कानूनों (Labour laws) को खत्म करने के विरोध में कुल्लू में मजदूर सड़कों पर उतर आए हैं. इस दौरान मजदूरों ने केंद्र सरकार से मांग रखी कि चार लेबर कोर्ट को निरस्त किया जाए ताकि मजदूरों को भी अपने हक मिल सकें. इस मामले को लेकर कुल्लू में एक रैली भी निकाली गई. मजदूरों ने यह रैली ढालपुर से होते हुए डीसी कार्यालय तक निकाली और वहां पर विरोध प्रदर्शन भी किया गया.


सीटू के राज्य सचिव हौतम सोंखला का कहना है कि केंद्र सरकार के द्वारा लागू कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए लगातार किसानों का प्रदर्शन जारी है और अब श्रम कानूनों की बहाली के लिए मजदूर भी सड़कों पर उतर आए हैं. केंद्र सरकार के द्वारा श्रम कानूनों को खत्म करके जो लेबर कोर्ट जारी किए गए हैं उसे पूंजीपतियों (capitalists) का उद्योगपतियों (industrialists) को फायदा मिला है. जबकि मजदूरों का अब निजी कंपनियों (private companies) के द्वारा शोषण किया जा रहा है. सरकार मजदूरों के हितों को लेकर कोई भी कदम नहीं उठा रही है जबकि बड़े बड़े उद्योगों को फायदा देने के लिए ही कानून बनाए जा रहे हैं. ऐसे में अब मजदूरों को सड़कों पर उतरने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है.

वीडियो.


हौतम सोंखला ने कहा कि जब तक सरकार लेबर कोर्ट को खत्म करके श्रम कानूनों को बहाल नहीं करती है और कृषि कानूनों को भी रद्द नहीं करती है. तब तक मजदूर और किसान मिलकर आंदोलन करते रहेंगे.

ये भी पढ़ें- सीएम ने की स्वच्छ हिमाचल-स्वस्थ हिमाचल अभियान की शुरुआत, ये होंगे कार्यक्रम

ये भी पढ़ें: हिमाचल पर 60 हजार करोड़ का कर्ज, फिर भी सचिवालय की मरम्मत पर खर्च कर दिए करोड़ों रुपये

कुल्लू: केंद्र की बीजेपी सरकार के द्वारा श्रम कानूनों (Labour laws) को खत्म करने के विरोध में कुल्लू में मजदूर सड़कों पर उतर आए हैं. इस दौरान मजदूरों ने केंद्र सरकार से मांग रखी कि चार लेबर कोर्ट को निरस्त किया जाए ताकि मजदूरों को भी अपने हक मिल सकें. इस मामले को लेकर कुल्लू में एक रैली भी निकाली गई. मजदूरों ने यह रैली ढालपुर से होते हुए डीसी कार्यालय तक निकाली और वहां पर विरोध प्रदर्शन भी किया गया.


सीटू के राज्य सचिव हौतम सोंखला का कहना है कि केंद्र सरकार के द्वारा लागू कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए लगातार किसानों का प्रदर्शन जारी है और अब श्रम कानूनों की बहाली के लिए मजदूर भी सड़कों पर उतर आए हैं. केंद्र सरकार के द्वारा श्रम कानूनों को खत्म करके जो लेबर कोर्ट जारी किए गए हैं उसे पूंजीपतियों (capitalists) का उद्योगपतियों (industrialists) को फायदा मिला है. जबकि मजदूरों का अब निजी कंपनियों (private companies) के द्वारा शोषण किया जा रहा है. सरकार मजदूरों के हितों को लेकर कोई भी कदम नहीं उठा रही है जबकि बड़े बड़े उद्योगों को फायदा देने के लिए ही कानून बनाए जा रहे हैं. ऐसे में अब मजदूरों को सड़कों पर उतरने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है.

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हौतम सोंखला ने कहा कि जब तक सरकार लेबर कोर्ट को खत्म करके श्रम कानूनों को बहाल नहीं करती है और कृषि कानूनों को भी रद्द नहीं करती है. तब तक मजदूर और किसान मिलकर आंदोलन करते रहेंगे.

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