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सशक्त महिलाएं ही कर सकती हैं मजबूत राष्ट्र का निर्माण, जानें महिला आयोग की अध्यक्ष ने क्या कहा

डेजी ठाकुर ने कहा कि वर्षों पूर्व तक महिलाओं की स्थिति काफी दयनीय रही है, लेकिन आज महिलाएं पढ़-लिख कर अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं, उनके सामाजिक व आर्थिक जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है.

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Published : Jul 25, 2019, 7:17 PM IST

महिला जागरूकता शिविर का आयोजन

कुल्लू: जिला के देवसदन में महिला जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डेजी ठाकुर ने बतौर मुख्यतिथि शिरकत की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बेटियां समाज का अभिन्न अंग है. इनकी अनदेखी और दूसरे दर्जे की नागरिक मानने की प्रवृति से कोई भी समाज उन्नति नहीं कर सकता. उन्होने कहा कि समाज को बेटियों के प्रति सोच में बदलाव लाने की आज भी आवश्यकता है.

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डेजी ठाकुर ने कहा कि वर्षों पूर्व तक महिलाओं की स्थिति काफी दयनीय रही है, लेकिन आज महिलाएं पढ़-लिख कर अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं, उनके सामाजिक व आर्थिक जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भी बेटियों के साथ अनेक अप्रिय घटनाएं हो रही हैं, जिनका कड़ा विरोध किया जाना चाहिए.

अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं के प्रति हिंसा करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाना चाहिए और सभी को एकजुट होकर ऐसे असामाजिक तत्वों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में सहयोग करना चाहिए.

इस अवसर पर महिला आयोग की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए डेजी ठाकुर ने बताया कि लगभग डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में आयोग ने महिला उत्पीड़न के 200 से अधिक मामले निपटाए हैं. उन्होंने बताया कि आयोग बहुत ही सरल प्रक्रिया के माध्यम से इस तरह के मामलों को निपटाता है. उन्होंने कहा कि महिला जागरूकता और सशक्तिकरण के लिए भी आयोग प्रदेशभर में निरंतर कार्यक्रम आयोजित करता रहता है.

ये भी पढ़े: ऊना में एसिड टैंक फटने से मजदूर की झुलसने से मौत, पुलिस जांच में जुटी

कुल्लू: जिला के देवसदन में महिला जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डेजी ठाकुर ने बतौर मुख्यतिथि शिरकत की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बेटियां समाज का अभिन्न अंग है. इनकी अनदेखी और दूसरे दर्जे की नागरिक मानने की प्रवृति से कोई भी समाज उन्नति नहीं कर सकता. उन्होने कहा कि समाज को बेटियों के प्रति सोच में बदलाव लाने की आज भी आवश्यकता है.

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डेजी ठाकुर ने कहा कि वर्षों पूर्व तक महिलाओं की स्थिति काफी दयनीय रही है, लेकिन आज महिलाएं पढ़-लिख कर अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं, उनके सामाजिक व आर्थिक जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भी बेटियों के साथ अनेक अप्रिय घटनाएं हो रही हैं, जिनका कड़ा विरोध किया जाना चाहिए.

अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं के प्रति हिंसा करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाना चाहिए और सभी को एकजुट होकर ऐसे असामाजिक तत्वों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में सहयोग करना चाहिए.

इस अवसर पर महिला आयोग की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए डेजी ठाकुर ने बताया कि लगभग डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में आयोग ने महिला उत्पीड़न के 200 से अधिक मामले निपटाए हैं. उन्होंने बताया कि आयोग बहुत ही सरल प्रक्रिया के माध्यम से इस तरह के मामलों को निपटाता है. उन्होंने कहा कि महिला जागरूकता और सशक्तिकरण के लिए भी आयोग प्रदेशभर में निरंतर कार्यक्रम आयोजित करता रहता है.

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Intro:कुल्लू
बेटियों के प्रति सोच बदल कर देखें, समाज में आएगा परिवर्तन
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डेजी ठाकुर ने की अपीलBody:
जागरूकता शिविर में महिलाओं को दी महत्वपूर्ण जानकारियां

बेटियां समाज का अभिन्न अंग है और इनकी अनदेखी अथवा दूसरे दर्जे की नागरिक मानने की प्रवृति से कोई भी समाज उन्नति नहीं कर सकता। बेटियां दो-दो परिवारों की चिंता करती हैं। समाज को बेटियों के प्रति सोच में बदलाव लाने की आज भी आवश्यकता है। यह उद्गार हि.प्र. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डेजी ठाकुर ने आज कुल्लू के देवसदन में महिला जागरूकता शिविर में व्यक्त किए।
डेजी ठाकुर ने कहा कि वर्षों पूर्व तक महिलाओं की स्थिति काफी दयनीय रही है, लेकिन आज जब महिलाएं पढ़-लिख कर अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं, उनके सामाजिक व आर्थिक जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। जिन घर-परिवारों में बेटियों को बेटों के समान परवरिश की जा रही है, वहां बेटियों ने अपना मुकाम स्वयं स्थापित किया है। आज समाज के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। उन्होंने चिंता जाहिर की कि 21वीं सदी में भी बेटियों के साथ अनेक अप्रिय घटनाएं हो रही हैं, जिनका कड़ा विरोध किया जाना चाहिए।
अध्यक्ष ने कहा कि हमारे देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए अनेक कानून बनाए गए हैं। महिलाओं के प्रति हिंसा करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाना चाहिए और सभी को एकजुट होकर ऐसे असामाजिक तत्वों को सलाखों के पीछे पहंुचाने मंे सहयोग करना चाहिए।
इस अवसर पर महिला आयोग की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए डेजी ठाकुर ने बताया कि लगभग डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में आयोग ने महिला उत्पीड़न के 200 से अधिक मामले निपटाए हैं। उन्होंने बताया कि आयोग बहुत ही सरल प्रक्रिया के माध्यम से इस तरह के मामलों को निपटाता है। आयोग दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला देता है तथा इससे धन और समय की काफी बचत होती है। अध्यक्ष ने बताया कि महिला उत्पीड़न की शिकायत के बाद आयोग कई मामलों का स्वतः संज्ञान भी लेता हैं तथा महिलाओं से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को सुझाव देता है। Conclusion:उन्होंने कहा कि महिला जागरूकता और सशक्तिकरण के लिए भी आयोग प्रदेश भर में निरंतर कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। महिला शक्तिकरण और जागरूकता को बल देने के लिए ब्लाॅक और पंचायत स्तर तक कार्यक्रम आयोजित करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य में अगर ज्यादा मामले आते हैं तो आयोग कुल्लू में भी अदालत लगाने पर विचार करेगा।
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