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सीधी पहाड़ी से नीचे उतरा बिजली महादेव का रथ, लाव-लश्कर से शुरू हुआ विरशु मेला

जिला में बैशाखी, संक्रांति आरंभ होते ही कई गांवों में विरशु मेले का आगाज हो गया है.

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Published : Apr 15, 2019, 8:21 AM IST

पहाड़ी से नीचे उतरते देवता बिजली महादेव

कुल्लू: जिला में बैशाखी, संक्रांति आरंभ होते ही कई गांवों में विरशु मेले का आगाज हो गया है. इसी कड़ी में जिला के आराध्य देवता बिजली महादेव लाव-लश्कर के साथ सीधी पहाड़ी से नीचे उतरकर जिया गांव पहुंचे.

पहाड़ी में सीधी उतराई होने के कारण यहां पर चलना भी मुश्किल होता है, इसलिए देवता को रस्सी के सहारे जिया गांव तक लाया गया. जिया पहुंचने पर देवता ने खेतों में छुपे हुए बच्चों को भी ढूंढ निकाला. इस दौरान देवता के साथ सैकड़ों हारियान भी मौजूद रहे.

देवता बिजली महादेव ने नीचे उतरने से पहले गांव की ही दर्जन महिलाओं के साथ वाद्य यंत्रों की थाप पर लालड़ी नृत्य किया. इसके बाद ग्रामीणों ने देवता को विदाई दी और भ्रैंण गांव के पास एक सीधी पहाड़ी से देवता के रथ को उतारा.

सीधी पहाड़ी से नीचे उतरा बिजली महादेव का रथ

देवता बिजली महादेव के कारदार अमरनाथ नेगी ने कहा कि सीधी पहाड़ी से देवता बिजली के जिया गांव में उतरने का नजारा बहुत रोमाचंक होता है, क्योंकि बिजली महादेव का रथ अन्य देवताओं से बड़ा माना जाता है. उन्होंने बताया कि रथ की सुरक्षा के लिए इसमें रस्सा बांधा जाता है, क्योंकि यहां चलना मुश्किल होता है.

कुल्लू: जिला में बैशाखी, संक्रांति आरंभ होते ही कई गांवों में विरशु मेले का आगाज हो गया है. इसी कड़ी में जिला के आराध्य देवता बिजली महादेव लाव-लश्कर के साथ सीधी पहाड़ी से नीचे उतरकर जिया गांव पहुंचे.

पहाड़ी में सीधी उतराई होने के कारण यहां पर चलना भी मुश्किल होता है, इसलिए देवता को रस्सी के सहारे जिया गांव तक लाया गया. जिया पहुंचने पर देवता ने खेतों में छुपे हुए बच्चों को भी ढूंढ निकाला. इस दौरान देवता के साथ सैकड़ों हारियान भी मौजूद रहे.

देवता बिजली महादेव ने नीचे उतरने से पहले गांव की ही दर्जन महिलाओं के साथ वाद्य यंत्रों की थाप पर लालड़ी नृत्य किया. इसके बाद ग्रामीणों ने देवता को विदाई दी और भ्रैंण गांव के पास एक सीधी पहाड़ी से देवता के रथ को उतारा.

सीधी पहाड़ी से नीचे उतरा बिजली महादेव का रथ

देवता बिजली महादेव के कारदार अमरनाथ नेगी ने कहा कि सीधी पहाड़ी से देवता बिजली के जिया गांव में उतरने का नजारा बहुत रोमाचंक होता है, क्योंकि बिजली महादेव का रथ अन्य देवताओं से बड़ा माना जाता है. उन्होंने बताया कि रथ की सुरक्षा के लिए इसमें रस्सा बांधा जाता है, क्योंकि यहां चलना मुश्किल होता है.

सीधी पहाड़ी से नीचे उतरे देवता बिजली महादेव
कुल्लू
जिला में बैसाख संक्रांति आरंभ होते ही कई गांवों में विरशु मेले का आगाज हो गया है। इसी कड़ी में जिला के आराध्य देवता बिजली महादेव लाव-लश्कर के साथ  सीधी पहाड़ी से नीचे उतरकर जिया गांव पहुंचे। पहाड़ी में सीधी उतराई होने के कारण यहां पर चलना भी मुश्किल होता है। इसलिए देवता को रस्से के सहारे जिया गांव तक लाया गया।
जिया पहुंचने पर देवता ने खेतों में छुपे हुए बच्चों को भी ढूंढ निकाला। इसके बाद महादेव के जयकारों से माहौल शिवमय हो गया। इस दौरान देवता के साथ सैकड़ों हारियान भी मौजूद रहे। इससे पहले पार्वती घाटी के भ्रैंण गांव में विरशु मेले की धूम रही। गांव की दर्जनों महिलाओं ने लालड़ी नृत्य किया। देवता बिजली महादेव ने भी वाद्य यंत्रों की थाप पर महिलाओं संग देव नृत्य किया। इसके बाद देवता को विदाई देने के लिए गांव के सैकड़ों लोग रास्ते तक आए। भ्रैंण गांव के पास एक सीधी पहाड़ी से देवता के रथ को उतारा गया। इस नजारे को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा। इस दौरान ढोल-नगाड़ों व नरसिंगों की मंगल ध्वनि से पहाड़ी गूंज उठी। देवता बिजली महादेव के कारदार अमरनाथ नेगी ने कहा कि सीधी पहाड़ी से देवता बिजली के जिया गांव में उतरने का नजारा बहुत रोमाचंक होता है। बिजली महादेव का रथ अन्य देवताओं से बड़ा माना जाता है। रथ की सुरक्षा के लिए इसमें रस्सा बांधा जाता है। ग्रामीणों ने देवता का फूलमालाओं के साथ स्वागत किया।
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