कुल्लू: जिले की धार्मिक नगरी मणिकर्ण घाटी के पीणी गांव में अनोखा व अद्भूत नजारा श्रद्धालुओं को तब देखने को मिला, जब देवता के गूर जंगलों में मिलने वाली बिच्छू बूटी के साथ नाचे. इस दौरान यह नजारा देखने के लिए सैकड़ों श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा.
यह नजारा और भी आकर्षक तब बना जब गूरों द्वारा फेंकी जा रही बिच्छू बूटी को आशीर्वाद और शेष के रूप में ग्रहण करने के लिए पीणी गांव पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. जंगलों में मिलने वाली बिच्छू बूटी को आम व्यक्ति पकड़े तो उसी समय व्यक्ति को तेज पीड़ा होती है, लेकिन पीणी में शाउण मेले में देव खेल खेलने वाले गूरों को इसका तनित सा प्रभाव भी नहीं पड़ता है.
यह अलौकिक नजारा पीणी शाउण मेले में सैकड़ों श्रद्धालुओं को देखने के लिए मिला. तलपीणी गांव में माता भागासिद्ध, माता चामुंडा, देवता नारायण, माता कराण और देवता लाहुआ घोंड के सम्मान में शाउण मेला मनाया गया.
मेले में मुख्य आकर्षण का केंद्र सभी देवी-देवताओं के गूरों द्वारा खेली गई देवखेल रहा. वहीं, देवखेल के बाद देवता द्वारा लोगों की समस्याओं का भी समाधान किया गया.