कुल्लू: लगघाटी के काईसधार-थाच ट्रैकिंग रूट को हेरिटेज ट्रैकिंग रूट घोषित करने की मांग एक बार फिर जार पकड़ने लगी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि लग घाटी में कई अनछुए पर्यटन स्थल अभी भी विकास की राह देख रहे हैं. इस पर्यटन स्थलों को विकसित करने की मांग लगघाटी पर्यावरणीय पर्यटन विकास समिति ने सरकार से उठाई है.
लगघाटी पर्यावरणीय पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष प्रताप ठाकुर ने खलाड़ानाला में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि कुल्लू की लगघाटी में अनेकों पर्यटन स्थल आज भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित नहीं हुए हैं और सरकार की नजर-ए-इनायत को तरस रहे हैं. जिला में एक ओर जहां पर्यटन नगरी मनाली, मणिकर्ण, सोलंगनाला सहित जिला के अन्य कई पर्यटन स्थलों में सैलानियों का खूब तांता लगा रहता है और इससे पर्यटन व्यवसाय को भी हर साल पंख लग रहे हैं.
अध्यक्ष ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि घाटी में अंग्रेजों के समय सवा सौ साल पुराना काईसधार-थाच ट्रैकिंग रूट को हेरिटेज ट्रैकिंग रूट घोषित किया जाए. उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग रूट पर कड़ौण स्थित डाक बंगला और थाच में अनेकों हटों को विकसित करने की आवश्यकता है. प्रदेश सरकार की ओर से घाटी के अन्य पर्यटन स्थलों को विकसित करने की पहल पर देश-विदेश के सैलानीरमणीय स्थलों और सुंदर वादियों का दीदार करने के लिए स्थलों पर पहुंचेंगे और यहां बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार के अवसर प्रदान होंगे.
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