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'हिमाचल की जनता चाहती है परिवर्तन, स्कूलों में न तो शिक्षक हैं न ही मजदूरों के पास काम'

दलित शाेषण मुक्ति मंच की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सुभाषिनी अली (Subhashini Ali Election Campaign ) ने पार्टी प्रत्याशी के लिए चुनाव करने के दौरान बीजेपी और कांग्रेस पर अपनी भड़ास निकाली. सुभाषिनी ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का हाल बेहाल है.

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Published : Nov 2, 2022, 6:31 PM IST

Subhashini Ali Election Campaign
Subhashini Ali Election Campaign

कुल्लू: हिमाचल विधानसभा चुनाव में उतरी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की नेता व पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ( Former MP Subhashini Ali) ने जनता से पार्टी प्रत्याशियों के लिए वोट देने की अपील की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने अपने कार्यकाल में स्कूल तो काफी खोल दिए लेकिन उन स्कूलों में शिक्षक है या नहीं उसका कोई ध्यान नहीं रखा गया. प्रदेश में चाहे भाजपा की सरकार रही हो या कांग्रेस की उन्होंने सरकारी स्कूलों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया और प्रदेश में निजी स्कूलों की ओर बढ़ावा दिया.

पढ़ें- जब आमने-सामने हुए बीजेपी-कांग्रेस कार्यकर्ता तो रूक गया जेपी नड्डा का काफिला, तनावपूर्ण हुआ माहौल

बोलीं सुभाषिनी अली- 'शिक्षा का स्तर गिरा': सुभाषिनी अली ने कहा कि निजी स्कूलों को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है. जिला कुल्लू के खराहल घाटी के न्योली गांव में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली ने यह बातें कहीं. कुल्लू के खराहल घाटी के न्योली गांव में माकपा के द्वारा एक चुनावी जनसभा का आयोजन किया गया और प्रत्याशि होतम सोंखला के पक्ष में प्रचार किया गया.

सुभाषिनी अली का बीजेपी और कांग्रेस पर हमला

'शिक्षकों की स्कूलों में घोर कमी': सुभाषिनी अली ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 2 हजार स्कूल हैं, जहां पर मात्र एक शिक्षक है. जबकि ऐसे 5 हजार स्कूल हैं, जहां पर मात्र 2 शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इससे पता चलता है कि शिक्षा के प्रति सरकार कितनी गंभीर रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य की दृष्टि से एम्स तो खोल दिया गया लेकिन चिकित्सक हैं या नहीं, इस ओर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे में पूरे देश में गरीबों व मजदूरों की आवाज को उठाने के लिए माकपा ने लगातार काम लिया और मजदूर विरोधी नीतियों का भी सड़कों पर उतरकर विरोध किया जा रहा है, ताकि देश भर में मरीजों को उनके अधिकार मिल सके.

राकेश सिंघा के सामने सीट बचाने की चुनौती: सीटिंग एमएलए व सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा के सामने इस बार सीट बचाने की चुनौती है. हिमाचल में सीपीआईएम के एक मात्र विधायक राकेश सिंघा के सामने इस बार भाजपा के अजय श्याम हैं. बीजेपी से अजय श्याम काे टिकट मिलने के बाद अब मुकाबला त्रिकोणीय हाे गया है.

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बोलीं सुभाषिनी अली- 'शिक्षा का स्तर गिरा': सुभाषिनी अली ने कहा कि निजी स्कूलों को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है. जिला कुल्लू के खराहल घाटी के न्योली गांव में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली ने यह बातें कहीं. कुल्लू के खराहल घाटी के न्योली गांव में माकपा के द्वारा एक चुनावी जनसभा का आयोजन किया गया और प्रत्याशि होतम सोंखला के पक्ष में प्रचार किया गया.

सुभाषिनी अली का बीजेपी और कांग्रेस पर हमला

'शिक्षकों की स्कूलों में घोर कमी': सुभाषिनी अली ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 2 हजार स्कूल हैं, जहां पर मात्र एक शिक्षक है. जबकि ऐसे 5 हजार स्कूल हैं, जहां पर मात्र 2 शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इससे पता चलता है कि शिक्षा के प्रति सरकार कितनी गंभीर रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य की दृष्टि से एम्स तो खोल दिया गया लेकिन चिकित्सक हैं या नहीं, इस ओर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे में पूरे देश में गरीबों व मजदूरों की आवाज को उठाने के लिए माकपा ने लगातार काम लिया और मजदूर विरोधी नीतियों का भी सड़कों पर उतरकर विरोध किया जा रहा है, ताकि देश भर में मरीजों को उनके अधिकार मिल सके.

राकेश सिंघा के सामने सीट बचाने की चुनौती: सीटिंग एमएलए व सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा के सामने इस बार सीट बचाने की चुनौती है. हिमाचल में सीपीआईएम के एक मात्र विधायक राकेश सिंघा के सामने इस बार भाजपा के अजय श्याम हैं. बीजेपी से अजय श्याम काे टिकट मिलने के बाद अब मुकाबला त्रिकोणीय हाे गया है.

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