कुल्लू: चंडीगढ़ के मनीमाजरा के कलाग्राम में इन दिनों हिमाचल सरस मेले का आयोजन हो रहा है. यह आयोजन हिमाचल सरकार के सौजन्य से आयोजित हो रहा है. इस सरस मेले में लोग इन दिनों कुल्लवी व्यंजन सिड्डू के चटकारे लग रहे हैं. चंडीगढ़ सहित बाहर से आने बाले पर्यटक कुल्लवी सीड्डू का आनंद ले रहे हैं. लिहाजा कुल्लवी लोकल पारंपरिक पुरातन व्यंजन अब चंडीगढ़ में भी छा गया है. इस सरस मेले में सिड्डू का स्टॉल, नग्गर खंड के जय जगती स्वयं सहायता समूह ने लगाया है.
स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को आजीविका का अवसर: गौर रहे कि हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कलाग्राम चंडीगढ़ में हिमाचल सरस मेले का आयोजन किया जा रहा है. सरस मेले में प्रदेश के सभी 12 जिलों से स्वयं सहायता समूह सदस्य भाग ले रहे हैं. यह एक राष्ट्रव्यापी मेला है, जिसमें अन्य राज्यों के सदस्य भी भाग ले रहे हैं. इस मेले का मुख्य आकर्षण हाथ से बनी हस्तशिल्प और हथकरघे की वस्तुओं के स्टॉल हैं. इसके अलावा फूड स्टॉल जिनमें पारंपरिक व्यंजन परोसे जा रहे हैं. इस मेले का मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को आजीविका का अवसर प्रदान करना है. इस अवसर पर सिड्डू स्टाल की संचालक मीरा आचार्य ने बताया कि यहां पर हिमाचल के सभी स्वयं सहायता समूह सराहनीय कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्य में सभी को बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए.
क्या है पारंपरिक व्यंजन सिड्डू: हिमाचल में सिड्डू को नाश्ते में, तीज त्योहारों, मेहमानों के लिए या फिर किसी खास मौके पर बड़े चाव से बनाया और खाया जाता है. सिड्डू हिमाचल के ऊपरी इलाकों में बनाए जाने वाला खास पारंपरिक व्यंजन है. जो तीज-त्योहार, मेलों और उत्सव में बनाया जाता है. सिड्डू को खमीर और आटे के मिश्रण से बनाया जाता है. इसके अलावा इसमें दाल, अखरोट व अन्य ड्राई फ्रूट्स का भी इस्तेमाल होता है. जिनका इस्तेमाल सिड्डू को भरने यानी स्टफिंग के लिए किया जाता है. इसे एक खास किस्म की टमाटर, धनिया व पुदीने की चटनी के साथ परोसा जाता है. इसके अलावा इसे देसी घी के साथ भी खाया जाता है.
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