कुल्लू: जिला के मुख्यालय ढालपुर में मंगलवार को भगवान रघुनाथ को गुलाल लगाकर बसंत का आगाज किया गया. कुल्लू के ढालपुर में रघुनाथ जी के रथ यात्रा में खूब गुलाल उड़ा. भव्य रथयात्रा में भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. रघुनाथ जी के रथ की डोरी स्पर्श कर पुण्य कमाने के लिए भी सैकड़ों लोगों की होड़ लगी रही. कुल्लू में दोपहर बाद शुरू हुई रथयात्रा के लिए सुबह से तैयारियां चल रही थी. टैक्सी स्टैंड को भव्य रथयात्रा के लिए खाली करवाया गया था और दोपहर बाद रथ मैदान में भीड़ जुटनी शुरू हो गई.
रघुनाथ जी के जयकारों से गूंजा रघुनाथपुर
भारी भीड़ के बीच रघुनाथ जी के जयकारों के मध्य रथ मैदान के लिए प्रस्थान किया. रघुनाथ जी की पालकी रथ मैदान में पहुंचते ही भारी संख्या में लोग वहां पहुंचे. विशेष पूजा अर्चना के बाद रघुनाथ जी की रथयात्रा शुरू हुई. राज परिवार के सदस्यों ने रघुनाथ जी के रथ की परिक्रमा की और उसके बाद रथ आगे बढ़ने लगा. यहां पर राज परिवार के सदस्यों, गुरों, कारदारों और छड़ीबदार राजा महेश्वर की उपस्थित में भगवान रघुनाथ को रथ में बिठाकर पूजा-अर्चना सहित रथ की परिक्रमा की गई. इसके बाद हनुमान बने बैरागी समुदाय के व्यक्ति को रथ के पास लाया गया. यहां पर पूजा के बाद सैकड़ों लोगों ने भगवान श्रीराम के जयकारे लगाते हुए रथ में लगी रस्सियों की से उसे खींचना शुरू किया. इसके बाद रथ को थोड़ी देर बाद रोककर वहां पर भरत मिलाप करवाया गया. यहां पर हनुमान बने बैरागी समुदाय के व्यक्ति को पूजा के बाद रवाना किया गया.
ऐसी है मान्यता
माना जाता है कि जिसे भी हनुमान बना यह व्यक्ति छू लेता है और रंग उसके हाथ में लग जाता है तो वह सौभाग्यशाली माना जाता है. इसके बाद भगवान रघुनाथ का रथ अपने अस्थायी निवास स्थान पर पहुंचा. ढालपुर में रघुनाथ जी के अस्थायी शिविर के पास रथ पहुंचने के बाद वहां भी विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया गया. शांति पाठ के साथ संपन्न हुई पूजा अर्चना के बाद कुछ देर बाद यात्रा लौटी और भगवान रघुनाथ जी अपने देवालय वापस लौट आए.
40 दिन तक मनाए जाने वाले होली उत्सव का आगाज
ढालपुर मैदान कुल्लू में मंगलवार को बसंत पंचमी पर्व पर सैकड़ों लोग श्रीराम व भरत के महामिलन के गवाह बने. इसके बाद कुल्लू जिले में 40 दिन तक मनाए जाने वाले होली उत्सव का आगाज हुआ. इस दौरान ढालपुर में खूब गुलाल उड़ा. भगवान रघुनाथ जी ने अस्थायी शिविर पहुंचकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया. आराध्य देवता भगवान रघुनाथ जी के अस्थायी शिविर को भी सजाया गया था. कुल्लू में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के बाद साल का यह पहला पर्व हुआ. भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्ति के लिए बसंत पंचमी के दिन अधिकतर लोग पीले वस्त्र में ही नजर आए. वहीं, भगवान रघुनाथ जी को भी पीले वस्त्र पहनाए गए.
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