ETV Bharat / state

अटल टनल में सोनिया गांधी की शिलान्यास पट्टिका लगाने के आदेश पर सियासत, भाजपा-कांग्रेस आमने सामने

author img

By

Published : Dec 14, 2022, 4:54 PM IST

Updated : Dec 14, 2022, 5:12 PM IST

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 5 दिन में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका लगाने के निर्देश दिए हैं. इस मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने आ गई है. कांग्रेस जहां इस फैसले को सही बता रही है तो वहीं, भाजपा इसे गलत करार दे रही है. पढ़ें पूरा मामला...(sonia gandhi shilanyas pattika in atal tunnel)

atal tunnel Rohtang
atal tunnel Rohtang
वीडियो

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में सरकार बदलते ही अटल टनल पर सियासत शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 5 दिन में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका लगाने के निर्देश दिए हैं. वहीं, भाजपा अब सरकार पर गड़े मुर्दे उखाड़ने के आरोप लगा रही है. इस मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने आ गई है. दोनों में आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है. (sonia gandhi shilanyas pattika in atal tunnel) (atal tunnel Rohtang)

सोनिया गांधी ने रखी थी रोहतांग सुरंग परियोजना की नींव: गौरतलब है कि पूर्व भाजपा सरकार ने अटल टनल के बाहर लगी सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका हटा दी थी. इससे नाराज जिला लाहौल-स्पीति कांग्रेस ने केलांग पुलिस को और मनाली कांग्रेस ने मनाली पुलिस को इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया कि 28 जून, 2010 को अटल टनल की आधारशिला रखी गई थी. इस दौरान यूपीए की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी और देश के रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इसका शिलान्यास किया था. उस वक्त इस टनल का नाम रोहतांग टनल था लेकिन उद्घाटन के दिन शिलान्यास की पट्टिका हटा दी गई. सोनिया गांधी ने मनाली के धुंधी में रोहतांग सुरंग परियोजना की नींव रखी थी.

atal tunnel Rohtang
फाइल फोटो.

अब लगेगी सोनिया गांधी की पट्टिका: 10040 फीट की ऊंचाई पर विश्व की सबसे बड़ी अटल टनल का उद्घाटन 3 अक्टूबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किया था. तब टनल के दक्षिण पोर्टल या साइट पर कहीं भी सोनिया के शिलान्यास का पत्थर नहीं था. इसे लेकर कांग्रेस ने कई बार कुल्लू जिला मुख्यालय में भी प्रदर्शन किया था. बहरहाल अब सरकार के आदेश के बाद प्रशासन और बीआरओ ने पट्टिका लगाने में जुट गया है. अब प्रशासन व बीआरओ की टीम ने अटल रोहतांग टनल में जाकर पट्टिका के लिए जगह को चिह्नित किया है. जहां अब सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका को लगाया जाना है.

पीएम मोदी ने रखा था टनल का नाम अटल: लाहौल-स्पीति को पुरे साल संपर्क सुविधा बहाल रखने के दृष्टिगत 9.02 किलोमीटर लंबी इस सुरंग का निर्माण बीआरओ द्वारा किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर उनकी स्मृति में रोहतांग टनल का नामकरण अटल टनल से करने का निर्णय लिया था.

atal tunnel Rohtang
फाइल फोटो.

क्या बोले लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर: वहीं, इस फैसले से खुश लाहौल-स्पीति के नव निर्वाचित विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि पहले इस टनल का नाम अटल टनल रखा गया था. बाद में पीएम मोदी से इसका नाम रोहतांग टनल के नाम से रखने का भी आग्रह किया था जिसके बाद इसका नाम अटल रोहतांग टनल रखा गया. लेकिन दुर्भाग्यवश यहां से शिलान्यास पट्टिका को निकालकर बीआरओ के कार्यालय में रख दिया गया. उन्होंने कहा कि इसे बनाने में गांधी परिवार का काफी योगदान है और शिलान्यास सोनिया गांधी द्वारा किया गया था. अब जब सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बने तो हमने उनसे यह बात की, तो उन्होंने तुरंत फैसला लेते हुए इस शिलान्यास पट्टिका को पांच दिनों में लगाने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा की हम इस तरह की हरकत करने वालों पर एफआईआर की मांग करते है.

क्या बोले पूर्व विधायक मारकंडा: वहीं, इस मामले पर पूर्व विधायक रामलाल मारकंडा ने कहा की बीते कल मुख्यमंत्री द्वारा पट्टिका लगाने के आदेश दिए गए हैं जो की गलत है. 3 जून 2010 को जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लाहौल आए थे तो उन्होंने इसकी बाकायदा घोषणा की थी. जबकि इसी समय उन्होंने टनल का भूमि पूजन भी किया था. लेकिन अब सवाल यह है की एक ही टनल का कितनी बार शिलान्यास होगा और शिलान्यास की दो पट्टिकाएं कैसे लग सकती हैं.

दो दिनों के भीतर लग जाएगी पट्टिका: एसडीएम मनाली सुरेन्द्र ठाकुर ने बताया की बीआरओ और प्रशासन द्वारा टनल के पास तीन स्पॉट चिह्नित किए हैं. इसमें केवल बीआरओ के उच्चाधिकारिओं की अनुमती की जरूरत है. जो आज शाम तक मिल जाएगी और अगले दो दिनों में इस पट्टिका को टनल पर लगा दिया जाएगा.


ये भी पढ़ें: फिर लगेगी अटल टनल में सोनिया गांधी के नाम की आधारशिला पट्टिका!, सुक्खू सरकार BRO के समक्ष उठाएगी मामला

वीडियो

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में सरकार बदलते ही अटल टनल पर सियासत शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 5 दिन में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका लगाने के निर्देश दिए हैं. वहीं, भाजपा अब सरकार पर गड़े मुर्दे उखाड़ने के आरोप लगा रही है. इस मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने आ गई है. दोनों में आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है. (sonia gandhi shilanyas pattika in atal tunnel) (atal tunnel Rohtang)

सोनिया गांधी ने रखी थी रोहतांग सुरंग परियोजना की नींव: गौरतलब है कि पूर्व भाजपा सरकार ने अटल टनल के बाहर लगी सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका हटा दी थी. इससे नाराज जिला लाहौल-स्पीति कांग्रेस ने केलांग पुलिस को और मनाली कांग्रेस ने मनाली पुलिस को इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया कि 28 जून, 2010 को अटल टनल की आधारशिला रखी गई थी. इस दौरान यूपीए की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी और देश के रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इसका शिलान्यास किया था. उस वक्त इस टनल का नाम रोहतांग टनल था लेकिन उद्घाटन के दिन शिलान्यास की पट्टिका हटा दी गई. सोनिया गांधी ने मनाली के धुंधी में रोहतांग सुरंग परियोजना की नींव रखी थी.

atal tunnel Rohtang
फाइल फोटो.

अब लगेगी सोनिया गांधी की पट्टिका: 10040 फीट की ऊंचाई पर विश्व की सबसे बड़ी अटल टनल का उद्घाटन 3 अक्टूबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किया था. तब टनल के दक्षिण पोर्टल या साइट पर कहीं भी सोनिया के शिलान्यास का पत्थर नहीं था. इसे लेकर कांग्रेस ने कई बार कुल्लू जिला मुख्यालय में भी प्रदर्शन किया था. बहरहाल अब सरकार के आदेश के बाद प्रशासन और बीआरओ ने पट्टिका लगाने में जुट गया है. अब प्रशासन व बीआरओ की टीम ने अटल रोहतांग टनल में जाकर पट्टिका के लिए जगह को चिह्नित किया है. जहां अब सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका को लगाया जाना है.

पीएम मोदी ने रखा था टनल का नाम अटल: लाहौल-स्पीति को पुरे साल संपर्क सुविधा बहाल रखने के दृष्टिगत 9.02 किलोमीटर लंबी इस सुरंग का निर्माण बीआरओ द्वारा किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर उनकी स्मृति में रोहतांग टनल का नामकरण अटल टनल से करने का निर्णय लिया था.

atal tunnel Rohtang
फाइल फोटो.

क्या बोले लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर: वहीं, इस फैसले से खुश लाहौल-स्पीति के नव निर्वाचित विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि पहले इस टनल का नाम अटल टनल रखा गया था. बाद में पीएम मोदी से इसका नाम रोहतांग टनल के नाम से रखने का भी आग्रह किया था जिसके बाद इसका नाम अटल रोहतांग टनल रखा गया. लेकिन दुर्भाग्यवश यहां से शिलान्यास पट्टिका को निकालकर बीआरओ के कार्यालय में रख दिया गया. उन्होंने कहा कि इसे बनाने में गांधी परिवार का काफी योगदान है और शिलान्यास सोनिया गांधी द्वारा किया गया था. अब जब सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बने तो हमने उनसे यह बात की, तो उन्होंने तुरंत फैसला लेते हुए इस शिलान्यास पट्टिका को पांच दिनों में लगाने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा की हम इस तरह की हरकत करने वालों पर एफआईआर की मांग करते है.

क्या बोले पूर्व विधायक मारकंडा: वहीं, इस मामले पर पूर्व विधायक रामलाल मारकंडा ने कहा की बीते कल मुख्यमंत्री द्वारा पट्टिका लगाने के आदेश दिए गए हैं जो की गलत है. 3 जून 2010 को जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लाहौल आए थे तो उन्होंने इसकी बाकायदा घोषणा की थी. जबकि इसी समय उन्होंने टनल का भूमि पूजन भी किया था. लेकिन अब सवाल यह है की एक ही टनल का कितनी बार शिलान्यास होगा और शिलान्यास की दो पट्टिकाएं कैसे लग सकती हैं.

दो दिनों के भीतर लग जाएगी पट्टिका: एसडीएम मनाली सुरेन्द्र ठाकुर ने बताया की बीआरओ और प्रशासन द्वारा टनल के पास तीन स्पॉट चिह्नित किए हैं. इसमें केवल बीआरओ के उच्चाधिकारिओं की अनुमती की जरूरत है. जो आज शाम तक मिल जाएगी और अगले दो दिनों में इस पट्टिका को टनल पर लगा दिया जाएगा.


ये भी पढ़ें: फिर लगेगी अटल टनल में सोनिया गांधी के नाम की आधारशिला पट्टिका!, सुक्खू सरकार BRO के समक्ष उठाएगी मामला

Last Updated : Dec 14, 2022, 5:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.