कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली के साथ लगते रोहतांग दर्रा में दोपहर बाद हिमपात हुआ. इसके साथ ही ऊंची चोटियों पर भी बर्फबारी हुई है, लेकिन निचले इलाकों में दिनभर बादल छाए रहने के बावजूद बारिश नहीं हुई. जिसके चलते एक बार फिर से घाटी के किसान और बागवान मायूस हो गए. जबकि आज सुबह के समय पूरे जिला कुल्लू में मौसम खराब बना रहा. ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि दोपहर बाद यहां पर बारिश व बर्फबारी होगी.
लोगों को आशा थी कि आज बर्फबारी और बारिश होने से घाटी में पड़े सूखे से निजात मिलेगी, लेकिन दोपहर बाद जहां ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ तो वहीं निचले इलाकों में धूप खिल गई. इसके अलावा लाहौल घाटी में भी सारा दिन बादल छाए रहे. वहीं, रोहतांग दर्रे में बर्फबारी होने के चलते पूरी घाटी में ठंडी हवाएं चलती रही. जिसके चलते शाम के समय एक बार फिर से तापमान माइनस में चला गया.
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इसके अलावा लाहौल घाटी में तापमान माइनस होने के चलते चंद्र नदी 50% से अधिक जम चुकी है और घाटी में बहने वाले छोटे नाले भी अब बर्फ में तब्दील हो चुके हैं. लाहौल व मनाली के पर्यटन स्थलों पर बर्फबारी ना होने के चलते यहां पर पर्यटन कारोबारी की भी चिंता बढ़ गई है. वहीं, सूखे के चलते किसान व भगवान भी परेशान हो रहे हैं.
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लाहौल के किसान तेनजिन ठाकुर, राहुल, कृष्ण ठाकुर का कहना है कि लाहौल घाटी के कई नाले माइनस तापमान के चलते जम गए हैं और यहां पर लोगों को पेयजल की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, अभी तक लाहौल घाटी में बर्फबारी नहीं हुई है, लेकिन उसके बाद भी यहां पर तापमान माइनस में चल रहा है.
आने वाले दिनों में अगर बर्फबारी नहीं हुई तो यहां के ग्लेशियर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा और गर्मियों के सीजन में लोगों को पेयजल व सिंचाई के लिए पानी की भी काफी दिक्कत उठानी पड़ेगी.
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