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बर्फ की चादर ओढ़े हैं चंद्रताल झील, प्रकृति के अजूबे के दीदार का ये है परफेक्ट टाइम

झील का घेरा लगभग तीन किलोमीटर है. यहां आने के लिए जून 15 से अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक बेहतर समय माना जाता है. आपको बता दें कि पिछले साल सितंबर माह में हुई अचानक बर्फबारी के कारण यहां हजारों सैलानी फंस गए थे, काफी मशक्कत के बाद पर्यटकों का रेस्क्यू किया गया था.

चंद्रताल झील
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Published : Jun 4, 2019, 5:06 PM IST

कुल्लू: अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर हिमाचल में चंद्रताल झील प्रकृति का एक अनमोल तोहफा है. इन दिनों झील पूरी तरह बर्फ की चादर ओढ़े हुए हैं. लाहौल-स्पीति घाटियों की सीमा पर कुंजम पास के निकट स्थित चंद्र ताल से चंद्र नदी का उद्गम होता है. आगे चलकर भागा नदी से मिलकर चंद्रभागा और जम्मू-कश्मीर में जाकर चेनाब कहलाने लगती है.


हालांकि अभी तक अधाकारिक रूप से चंद्रताल के लिए रास्ता नहीं खुला है, लेकिन इका दुक्का पर्यटक पैदल ट्रैक से यहां पहुंच रहे हैं. सड़क मार्ग से बर्फ हटाने के बाद ही ये पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए बहाल किया जाएगा.

chandartaal lake
चंद्रताल झील
स्पीति घाटी में 14,100 फीट की ऊंचाई पर स्थित ऐतिहासिक चंद्रताल झील का नजारा देखते ही बनता है. मनाली से स्पीति जा रहे हों तो कुंजुम से पहले बातल के बाद सीधा संपर्क मार्ग से चंद्रताल का रुख कर सकते हैं. कुंजुम पहाड़ी के साथ सटी चंद्रताल झील अपने आप में अजूबा है.
chandartaal lake
चंद्रताल झील


झील का घेरा लगभग तीन किलोमीटर है. यहां आने के लिए जून 15 से अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक बेहतर समय माना जाता है. आपको बता दें कि पिछले साल सितंबर माह में हुई अचानक बर्फबारी के कारण यहां हजारों सैलानी फंस गए थे, काफी मशक्कत के बाद पर्यटकों का रेस्क्यू किया गया था.

chandartaal lake
चंद्रताल झील (फाइल)


अभी झील में बर्फ से जमी हुई है. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही यहां से बर्फ पिघल जाएगी, जिसके बाद पर्यटक यहां पहुंच सकेंगे.

ये भी पढ़ेंः ये हैं हिमाचल प्रदेश की मनमोहक झीलें, पढ़ें इनका पूरा इतिहास

कुल्लू: अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर हिमाचल में चंद्रताल झील प्रकृति का एक अनमोल तोहफा है. इन दिनों झील पूरी तरह बर्फ की चादर ओढ़े हुए हैं. लाहौल-स्पीति घाटियों की सीमा पर कुंजम पास के निकट स्थित चंद्र ताल से चंद्र नदी का उद्गम होता है. आगे चलकर भागा नदी से मिलकर चंद्रभागा और जम्मू-कश्मीर में जाकर चेनाब कहलाने लगती है.


हालांकि अभी तक अधाकारिक रूप से चंद्रताल के लिए रास्ता नहीं खुला है, लेकिन इका दुक्का पर्यटक पैदल ट्रैक से यहां पहुंच रहे हैं. सड़क मार्ग से बर्फ हटाने के बाद ही ये पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए बहाल किया जाएगा.

chandartaal lake
चंद्रताल झील
स्पीति घाटी में 14,100 फीट की ऊंचाई पर स्थित ऐतिहासिक चंद्रताल झील का नजारा देखते ही बनता है. मनाली से स्पीति जा रहे हों तो कुंजुम से पहले बातल के बाद सीधा संपर्क मार्ग से चंद्रताल का रुख कर सकते हैं. कुंजुम पहाड़ी के साथ सटी चंद्रताल झील अपने आप में अजूबा है.
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चंद्रताल झील


झील का घेरा लगभग तीन किलोमीटर है. यहां आने के लिए जून 15 से अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक बेहतर समय माना जाता है. आपको बता दें कि पिछले साल सितंबर माह में हुई अचानक बर्फबारी के कारण यहां हजारों सैलानी फंस गए थे, काफी मशक्कत के बाद पर्यटकों का रेस्क्यू किया गया था.

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चंद्रताल झील (फाइल)


अभी झील में बर्फ से जमी हुई है. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही यहां से बर्फ पिघल जाएगी, जिसके बाद पर्यटक यहां पहुंच सकेंगे.

ये भी पढ़ेंः ये हैं हिमाचल प्रदेश की मनमोहक झीलें, पढ़ें इनका पूरा इतिहास

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