कुल्लू: जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में देश का दूसरा सबसे बड़ा फेस्टिवल सोमवार से शुरू हो गया. पर्यटन को बढ़ावा देने, जनजातीय संस्कृति को संरक्षित करने, यहां की पारम्परिक खेलों को दर्शाता व समृद्ध संस्कृति को दर्शाता स्नो फेस्टिवल का आगाज कैबिनेट मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने बौद्ध लामाओं के मंत्रोचारण के बीच दीप प्रज्वलित कर किया.
इस अवसर पर उन्होंने जिले के पारंपरिक खेल तीरंदाजी के तीर चलाकर शुभारम्भ किया. साथ ही जिला में लोगों को स्वच्छता वाहन को हरी झंडी देखकर रवाना किया. उन्होंने सड़क सुरक्षा का संदेश देते हुए कि पर बर्फ में वाहनों को कैसे सुरक्षित चलाना है. इसके लिये जिप्सी राइड को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.
लोकनृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया
मारकंडा ने पारंपरिक व्यंजनों के स्टाल का भी शुभारम्भ किया. इस अवसर पर सांस्कृतिक लोकनृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. मंत्री रामलाल मारकंडा ने इस अवसर पर कहा कि अटल टनल के खुल जाने से लाहौल घाटी के लोगों को बर्फ की कैद से छुटकारा मिलने व हिमाचल प्रदेश के सवर्ण जयंती के उपलक्ष्य पर स्नो फेस्टिवल का आगाज हुआ है.
हर साल मनाया जाएगा स्नो फेस्टिवल
बता दें कि ये फेस्टिवल हर साल मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल के माध्यम से समृद्ध ट्राइबल संस्कृति को एक मंच पर लाने व यहां के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जा रहा है और हर वर्ष मनाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि सुविधाओं के अभाव में इस बार सर्दियों में पर्यटक नहीं पहुंच पाए और आने वाले समय में संरचनात्मक ढांचे को विकसित किया जाएगा, ताकि पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
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