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कुल्लू की सांफिया फाउंडेशन को ऑस्ट्रिया में मिला टीम जीरो प्रोजेक्ट अवार्ड, जानें क्या है वजह

कुल्लू जिले में दिव्यांग बच्चों को थेरेपी सुविधा उपलब्ध करवा रही सांफिया फाउंडेशन (Sanfia Foundation Therapy on Wheels) को टीम जीरो प्रोजेक्ट अवार्ड से सम्मानित (UN Zero Project Award) किया गया है. ऑस्ट्रिया में वीरवार को यूनाइटेड नेशन कार्यालय ऑस्ट्रिया (वियना) में यह अवार्ड निदेशक श्रुति मोरे भारद्वाज को प्रदान किया गया. सांफिया फाउंडेशन को (Therapy on Wheels kullu) उनके द्वारा चलाई जा रही थेरेपी ऑन व्हील्स प्रोजेक्ट के लिए यह अवार्ड दिया गया है.

Sanfia Foundation
सांफिया फाउंडेशन
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Published : Feb 25, 2022, 6:06 PM IST

कुल्लू: जिले में आशा बाल विकास केंद्र के नाम से दिव्यांग बच्चों को थेरेपी की सुविधाएं उपलब्ध करवा रही सांफिया फाउंडेशन (Sanfia Foundation Therapy on Wheels) को टीम जीरो प्रोजेक्ट अवार्ड से सम्मानित (UN Zero Project Award) किया गया है. ऑस्ट्रिया में वीरवार रात 11 बजे यूनाइटेड नेशन कार्यालय ऑस्ट्रिया (वियना) में यह अवार्ड निदेशक श्रुति मोरे भारद्वाज को प्रदान किया गया. टीम जीरो प्रोजेक्ट द्वारा इस वर्ष विश्व के 30 देशों में से उन 76 प्रोजेक्टों को जीरो प्रोजेक्ट अवार्ड के लिए चयनित किया गया है, जो किसी न किसी तरह से दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं.

सांफिया फाउंडेशन द्वारा जिला कुल्लू (Therapy on Wheels kullu) के मुख्यालय अखाड़ा बाजार में दिव्यांग बच्चों के लिए थेरेपी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है. संस्था के द्वारा साल 2021 में थेरेपी ऑन व्हील्स एक प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है, जिसके तहत बीते 1 साल से जिला कुल्लू के दिव्यांग बच्चों को घर द्वार पर सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं, जो किसी कारणवश बाल विकास केंद्र में नहीं आ सकते हैं.

Sanfia Foundation
सांफिया फाउंडेशन

सांफिया फाउंडेशन की निदेशक श्रुति मोरे भारद्वाज ने बताया कि जब से लोगों को थेरेपी ऑन व्हील्स प्रोजेक्ट (Therapy on Wheels in Himachal) के बारे में पता चल है, तभी से यह अपनी तकनीकी सुविधाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. उन्होंने कहा कि भारत देश का यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें एक गाड़ी के भीतर ही दिव्यांग जनों को थेरेपी सेवाएं प्रदान की जाती हैं. यह सुविधाएं आमतौर पर किसी केंद्र में ही संभव हो पाती है और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर भी इसकी सराहना कर चुके हैं.

दिव्यांग बच्चों के बांटे 10 मोबाइल फोन: वहीं, कुल्लू के सुल्तानपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में शुक्रवार को शिक्षा विभाग द्वारा चलाए गए समग्र शिक्षा अभियान के तहत दिव्यांग बच्चों को 10 मोबाइल फोन प्रदान किए गए. शिक्षा विभाग के जिला परियोजना अधिकारी डॉ. चांद किशोर ने बताया कि जिला कुल्लू में दिव्यांग बच्चों के लिए 25 मोबाइल फोन आए थे, जो जिला कुल्लू के विभिन्न ब्लॉकों में अब वितरित कर दिए गए हैं, ताकि छात्रों को शिक्षा ग्रहण करने में आसानी हो सके. उन्होंने कहा कि अब आगामी माह में वार्षिक परीक्षा आयोजित होने जा रही है. अगर दिव्यांग बच्चों को वार्षिक परीक्षा के दौरान अतिरिक्त सुविधाएं चाहिए हो, तो वे स्कूल के प्रधानाचार्य से संपर्क करके इसके लिए आवेदन कर सकते हैं.

Mobile phones distributed to handicapped children.
दिव्यांग बच्चों के बांटे मोबाइल फोन.

ये भी पढ़ें: सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश न करें कर्मचारी, नियमानुसार होगी कार्रवाई: जयराम ठाकुर

कुल्लू: जिले में आशा बाल विकास केंद्र के नाम से दिव्यांग बच्चों को थेरेपी की सुविधाएं उपलब्ध करवा रही सांफिया फाउंडेशन (Sanfia Foundation Therapy on Wheels) को टीम जीरो प्रोजेक्ट अवार्ड से सम्मानित (UN Zero Project Award) किया गया है. ऑस्ट्रिया में वीरवार रात 11 बजे यूनाइटेड नेशन कार्यालय ऑस्ट्रिया (वियना) में यह अवार्ड निदेशक श्रुति मोरे भारद्वाज को प्रदान किया गया. टीम जीरो प्रोजेक्ट द्वारा इस वर्ष विश्व के 30 देशों में से उन 76 प्रोजेक्टों को जीरो प्रोजेक्ट अवार्ड के लिए चयनित किया गया है, जो किसी न किसी तरह से दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं.

सांफिया फाउंडेशन द्वारा जिला कुल्लू (Therapy on Wheels kullu) के मुख्यालय अखाड़ा बाजार में दिव्यांग बच्चों के लिए थेरेपी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है. संस्था के द्वारा साल 2021 में थेरेपी ऑन व्हील्स एक प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है, जिसके तहत बीते 1 साल से जिला कुल्लू के दिव्यांग बच्चों को घर द्वार पर सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं, जो किसी कारणवश बाल विकास केंद्र में नहीं आ सकते हैं.

Sanfia Foundation
सांफिया फाउंडेशन

सांफिया फाउंडेशन की निदेशक श्रुति मोरे भारद्वाज ने बताया कि जब से लोगों को थेरेपी ऑन व्हील्स प्रोजेक्ट (Therapy on Wheels in Himachal) के बारे में पता चल है, तभी से यह अपनी तकनीकी सुविधाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. उन्होंने कहा कि भारत देश का यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें एक गाड़ी के भीतर ही दिव्यांग जनों को थेरेपी सेवाएं प्रदान की जाती हैं. यह सुविधाएं आमतौर पर किसी केंद्र में ही संभव हो पाती है और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर भी इसकी सराहना कर चुके हैं.

दिव्यांग बच्चों के बांटे 10 मोबाइल फोन: वहीं, कुल्लू के सुल्तानपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में शुक्रवार को शिक्षा विभाग द्वारा चलाए गए समग्र शिक्षा अभियान के तहत दिव्यांग बच्चों को 10 मोबाइल फोन प्रदान किए गए. शिक्षा विभाग के जिला परियोजना अधिकारी डॉ. चांद किशोर ने बताया कि जिला कुल्लू में दिव्यांग बच्चों के लिए 25 मोबाइल फोन आए थे, जो जिला कुल्लू के विभिन्न ब्लॉकों में अब वितरित कर दिए गए हैं, ताकि छात्रों को शिक्षा ग्रहण करने में आसानी हो सके. उन्होंने कहा कि अब आगामी माह में वार्षिक परीक्षा आयोजित होने जा रही है. अगर दिव्यांग बच्चों को वार्षिक परीक्षा के दौरान अतिरिक्त सुविधाएं चाहिए हो, तो वे स्कूल के प्रधानाचार्य से संपर्क करके इसके लिए आवेदन कर सकते हैं.

Mobile phones distributed to handicapped children.
दिव्यांग बच्चों के बांटे मोबाइल फोन.

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