शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अटल टनल रोहतांग को देश की जनता को समर्पित किया. इस टनल के खुलने से अब लाहौल घाटी की परिस्थितियों में बदलाव आएगा.
एक ओर जहां लाहौल के लोगों को आवागमन की सुविधा मिलेगी तो वहीं, लाहौल घाटी में रोजगार व विकास के द्वार भी खुलेंगे. वहीं, इस मौके पर कारगिल वॉर हीरो रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कहा कि सामरिक दृष्टि से यह टनल बहुत महत्वपूण है. उन्होंने कहा कि देशवासियों और भारत-चीन सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए अटल टनल एक बहुत बड़ा उपहार है.
खुशाल ठाकुर ने कहा कि इस टनल के खुलने से लाहौल घाटी के लोगों को पूरा साल आवाजाही की सुविधा मिलेगी. वहीं, श्रीनगर, लेह और कारगिल जाने वाले रास्ते को दुश्मन हमेशा बाधित करता आया है. इससे हमें कारगिल में काफी नुकसान सहना पड़ा था, लेकिन अब टनल के खुलने से लेह व कारगिल का फासला भी कम होगा और समय भी कम लगेगा.
कारगिल वॉर हीरो ने कहा कि रोहतांग में टनल खुलने से लाहौल के लोगों का जीवन काफी आसान हो जाएगा और वहां के लोगों के लिए पूरा साल आवाजाही का रास्ता खुला रहेगा. इससे उनकी फसलें बर्बाद नहीं होंगी और उनकी आर्थिकी भी मजबूत भी होगा.
खुशाल ठाकुर ने कहा कि स्पीति घाटी अभी पूरे 12 महीनों के लिए नहीं खुल पाएगी. वहां के लोगों को कुछ मुश्किलों का सामना करना पडे़गा. उन्होंने कहा कि स्पीति में भी एक दर्रे को पार करना पड़ता है, जिसका नाम कुंजम पास है. उन्होंने कहा कि कुछ हद तक स्पीति के लोगों को फायदा जरूर मिलेगा.
रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कहा कि अटल टनल रोहतांग का उद्घाटन देश की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए बहुत ही अहम कदम है. उन्होंने कहा कि मिलिटरी व सामरिक दृष्टि से इसका बहुत बड़ा महत्व है और खासकर उस वक्त जब भारत और चीन के बीच हालात सामान्य नहीं है.
ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कहा कि चीन ने अप्रैल और मई के महीने में एलएसी पर पूरी से कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन इस टनल के खुल जाने से जिस तरह से हमारा लॉजिस्टिक बिल्ड अप हुआ है वह काबिले तारीफ है. उन्होंने कहा कि टनल खुलने से एलएसी पर हमारे सौनिक, हथियार और गोला-बारूद 3 गुना बढ़ गए है.
कारगिल वॉर हीरो ने कहा कि सिर्फ चीन के लहजे से ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के साथ भी हमारी लाइन ऑफ कंट्रोल के विषय से भी काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि पहले मनाली से लेह के लिए साल के केवल पांच महीने ही आवाजाही हो पाती थी, लेकिन अब मनाली से लेह जाने के लिए समय का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. साल में 8-9 महीने लेह से मनाली और मनाली से लेह आ-जा सकते हैं.
खुशाल ठाकुर ने कहा कि एक अन्य विकल्प के तहत यह टनल मनाली, पदम, दार्चा और केलांग होते हुए लेह जाएगी. उन्होंने कहा कि बीच में एक 4-5 किलोमीटर का दर्रा आता है श्रृंखला दर्रा और अगर बीआरो की ओर से उसे बना दिया जाता है तो साल के 11 महीने मनाली से सीधा लेह जाने के लिए रास्ता खुला रहेगा. सात ही उन्होंने अटल टनल के लिए बीआरओ, निर्माण करने वाली कंपनी और देशवासियों को बधाई दी है.
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