कुल्लू: जिला कुल्लू में भी लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में पंचायतें भी अब अपने स्तर पर ग्रामीण इलाकों को सैनिटाइज करने में जुटी हैं, ताकि ग्रामीण इलाकों को कोरोना संक्रमण से मुक्त रखा जा सके.
वहीं, अब पंचायतों में सैनिटाइजेशन के लिए पंचायत प्रतिनिधियों को बीडीओ कार्यालय से अनुमति लेनी होगी. जिला कुल्लू के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिए कई समाजसेवी संगठन के लोग भी मैदान में उतर चुके हैं.
बीडीओ कार्यालय से अनुमति लेनी होगी
वहीं, फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी कोरोना से बचाव के सामग्री बांटने के लिए लोग आगे आ रहे हैं. जिसमें मास्क, पीपीई किट सहित अन्य सुरक्षा उपकरण शामिल हैं. ऐसे में पंचायत प्रतिनिधि भी अपने-अपने इलाकों में सोडियम हाइपोक्लोराइट स्प्रे कर सैनिटाइजेशन अभियान चला रही है, लेकिन अब पंचायतों को सैनिटाइजेशन करने के लिए उन्हें बीडीओ कार्यालय से अनुमति लेनी होगी.
बीडीओ कार्यालय कुल्लू के द्वारा इस बारे पंचायत प्रतिनिधियों को भी पत्र जारी किया गया है. पंचायत के प्रतिनिधियों को अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित रासायनिक यौगिक का छिड़काव ही करना होगा. पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा जहां कोरोना संक्रमण के मामले बिल्कुल नहीं है. उस जगह पर भी बार-बार सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया को किया जा रहा है.
सोडियम हाइपोक्लोराइट की अधिक मात्रा लोगों के लिए खतरनाक
ऐसे में सोडियम हाइपोक्लोराइट की अधिक मात्रा आम जनता के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकती है और इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए बीडीओ कुल्लू के द्वारा इसके लिए एक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.
बीडीओ कुल्लू जयवंती ठाकुर का कहना है कि कोई भी सैनिटाइजर स्प्रे अधिक मात्रा में प्रयोग में लाने पर घातक साबित हो सकती है और इसे डायरिया जैसी बीमारियों के फैलने का भी खतरा बना रहता है. इसलिए अनावश्यक स्प्रे पर रोक लगा दी गई है और पंचायत प्रतिनिधियों को सैनिटाइजेशन का काम करने से पहले बीडीओ कार्यालय से अनुमति भी लेनी होगी.
गौर है कि जिला प्रशासन के द्वारा भीड़भाड़ वाले इलाकों, वैक्सीनेशन सेंटर और बाजारों में सैनिटाइजेशन के लिए निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन जिला के कुछ ग्रामीण इलाकों में बार-बार सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है. जो आम जनता की सेहत के लिए खतरनाक है.
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