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कोरोना वैक्सीन को किया जाए पेटेंट मुक्त: स्वदेशी जागरण मंच

कुल्लू में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक नरोत्तम ठाकुर ने कहा कि कोविड के इलाज से सम्बंधित कई दवाओं का स्थानीय उत्पादन हो रहा है, लेकिन समस्या की गंभीरता के कारण बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उपलब्ध मात्रा अत्यधिक अपर्याप्त है. बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए इनकी प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की सुविधा और इनके पेटेंट और व्यापार रहस्य सहित बौद्धिक संपदा अधिकार सम्बन्धी बाधाओं को दूर करने के त्रिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपाय करने होंगे.

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Published : Jun 1, 2021, 3:31 PM IST

कुल्लू: विश्व की अधिकांश जनसंख्या आज कोरोना के संक्रमण के भय से त्रस्त है. इस संक्रमण की चिकित्सा व रोकथाम की औषधियों व टीकों पर बड़ी कंपनियों के पेटेंट के कारण ये सबको सुलभ नहीं हैं. ऐसे में स्वदेशी जागरण मंच के द्वारा इन टीकों और दवाओं को सस्ता व सर्व सुलभ कराने के लिए, भारत के लोगों द्वारा इन टीकों व दवाओं को पेटेंट मुक्त कर इनकी टेक्नोलॉजी के हस्तांतरण के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है.

कुल्लू में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक नरोत्तम ठाकुर ने कहा कि कोविड के इलाज से सम्बंधित कई दवाओं का स्थानीय उत्पादन हो रहा है, लेकिन समस्या की गंभीरता के कारण बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उपलब्ध मात्रा अत्यधिक अपर्याप्त है.

वीडियो.

तत्काल टीकाकरण आवश्यक

इजरायल, अमेरिका, इंग्लैंड आदि जिन 6 देशों की वयस्क जनसंख्या का टीकाकरण हो गया है वहां कोरोना संकट लगभग समाप्त हो गया है. इसलिए भारत सहित विश्व की समग्र वयस्क जनसंख्या (लगभग 600 करोड़) का तत्काल टीकाकरण आवश्यक है.

इसके लिए स्वदेशी जागरण मंच ने कोविड के टीकों व औषधियों को पेटेंट मुक्त कर इनकी टेक्नोलॉजी इनके उत्पादन में सक्षम सभी दवा उत्पादकों को सुलभ कराने की मांग करते हुए सघन जन जागरण अभियान छेड़ा है. इसके अन्तर्गत देश भर में व देश के बाहर भी टीकों व औषधियों की सर्व सुलभता हेतु 'युनिवर्सल एक्सेस टु वेक्सीन्स एण्ड मेडिसिन्स' के नाम से यह अभियान चल रहा है. इसमें आनलाइन हस्ताक्षर अभियान सहित वेबिनार, गोष्ठियों, प्रदर्शन, सम्पर्क प्रचार की प्रक्रिया चल रही है.

लगभग 200 करोड़ खुराक की आवश्यकता

नरोत्तम ठाकुर का कहना है कि भारत में भी कम से कम 70% जनसंख्या के टीकाकरण के लिए लगभग 200 करोड़ खुराक की आवश्यकता है. इस बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए इनकी प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की सुविधा और इनके पेटेंट और व्यापार रहस्य सहित बौद्धिक संपदा अधिकार सम्बन्धी बाधाओं को दूर करने के त्रिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपाय करने होंगे.

सभी व्यक्तियों से सहयोग लिया जा रहा है

वैश्विक सर्वसुलभ वैक्सीन एवं दवाइयां अभियान के अंतर्गत देश और विदेश के विविध समाजिक, संस्कृतिक व सभी प्रकार के संगठनों, शिक्षण संस्थानों, प्रबुद्ध जनों शिक्षाविदों, न्यायाधीशों और सभी व्यक्तियों से सहयोग लिया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि डिजिटल हस्ताक्षर अभियान में अभी तक लगभग 6 लाख लोग इस याचिका पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. ऐसी ही एक दूसरी याचिका पर भी भारत और विश्व के 20 देशों के 1600 से अधिक अति उच्च शिक्षाविदों/प्रबुध नागरिकों ने हस्ताक्षर करते हुए मांग की है.

ये भी पढ़ें- चीन सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को किया चौकस, कहाः चीन सीमा पर तेज कर रहा गतिविधियां

कुल्लू: विश्व की अधिकांश जनसंख्या आज कोरोना के संक्रमण के भय से त्रस्त है. इस संक्रमण की चिकित्सा व रोकथाम की औषधियों व टीकों पर बड़ी कंपनियों के पेटेंट के कारण ये सबको सुलभ नहीं हैं. ऐसे में स्वदेशी जागरण मंच के द्वारा इन टीकों और दवाओं को सस्ता व सर्व सुलभ कराने के लिए, भारत के लोगों द्वारा इन टीकों व दवाओं को पेटेंट मुक्त कर इनकी टेक्नोलॉजी के हस्तांतरण के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है.

कुल्लू में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक नरोत्तम ठाकुर ने कहा कि कोविड के इलाज से सम्बंधित कई दवाओं का स्थानीय उत्पादन हो रहा है, लेकिन समस्या की गंभीरता के कारण बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उपलब्ध मात्रा अत्यधिक अपर्याप्त है.

वीडियो.

तत्काल टीकाकरण आवश्यक

इजरायल, अमेरिका, इंग्लैंड आदि जिन 6 देशों की वयस्क जनसंख्या का टीकाकरण हो गया है वहां कोरोना संकट लगभग समाप्त हो गया है. इसलिए भारत सहित विश्व की समग्र वयस्क जनसंख्या (लगभग 600 करोड़) का तत्काल टीकाकरण आवश्यक है.

इसके लिए स्वदेशी जागरण मंच ने कोविड के टीकों व औषधियों को पेटेंट मुक्त कर इनकी टेक्नोलॉजी इनके उत्पादन में सक्षम सभी दवा उत्पादकों को सुलभ कराने की मांग करते हुए सघन जन जागरण अभियान छेड़ा है. इसके अन्तर्गत देश भर में व देश के बाहर भी टीकों व औषधियों की सर्व सुलभता हेतु 'युनिवर्सल एक्सेस टु वेक्सीन्स एण्ड मेडिसिन्स' के नाम से यह अभियान चल रहा है. इसमें आनलाइन हस्ताक्षर अभियान सहित वेबिनार, गोष्ठियों, प्रदर्शन, सम्पर्क प्रचार की प्रक्रिया चल रही है.

लगभग 200 करोड़ खुराक की आवश्यकता

नरोत्तम ठाकुर का कहना है कि भारत में भी कम से कम 70% जनसंख्या के टीकाकरण के लिए लगभग 200 करोड़ खुराक की आवश्यकता है. इस बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए इनकी प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की सुविधा और इनके पेटेंट और व्यापार रहस्य सहित बौद्धिक संपदा अधिकार सम्बन्धी बाधाओं को दूर करने के त्रिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपाय करने होंगे.

सभी व्यक्तियों से सहयोग लिया जा रहा है

वैश्विक सर्वसुलभ वैक्सीन एवं दवाइयां अभियान के अंतर्गत देश और विदेश के विविध समाजिक, संस्कृतिक व सभी प्रकार के संगठनों, शिक्षण संस्थानों, प्रबुद्ध जनों शिक्षाविदों, न्यायाधीशों और सभी व्यक्तियों से सहयोग लिया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि डिजिटल हस्ताक्षर अभियान में अभी तक लगभग 6 लाख लोग इस याचिका पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. ऐसी ही एक दूसरी याचिका पर भी भारत और विश्व के 20 देशों के 1600 से अधिक अति उच्च शिक्षाविदों/प्रबुध नागरिकों ने हस्ताक्षर करते हुए मांग की है.

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