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अटल टनल: PM बोले, अब लोग मनाली में सिड्डू और केलांग में खा सकेंगे चिलड़ा

सोलंग नाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अटल टनल रोहतांग के बनने से अब लोग कम समय में मनाली से केलांग पहुंच सकेंगे. उन्होंने कहा कि लोग मनाली में घी सिड्डू खाने के बाद दोपहर में चिलड़ा केलांग में खा पाएंगे.

PM Modi
पीएम नरेंद्र मोदी
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Published : Oct 3, 2020, 5:46 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली के सोलंग नाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अटल टनल रोहतांग के बनने से अब लोग कम समय में मनाली से केलांग पहुंच सकेंगे. उन्होंने कहा कि लोग मनाली में घी सिड्डू खाने के बाद दोपहर में चिलड़ा केलांग में खा पाएंगे.

1997 में सोलंग नाला में पैराग्लाडिंग की यादों को ताजा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरी पैराग्लाडिंग किट उठाकर पहाड़ी पर जाने पर दम उखड़ जाता था. अटल बिहारी वाजपेयी जब एक बार आए तो पैराग्लाडिंग से फूलों की बारिश की गई थी. अटल बिहारी वायपेयी ने कहा था कि बहुत साहसी हो.

पीएम मोदी ने प्रदेशवासियों को अटल टनल रोहतांग के लोकार्पण की बधाई दी. साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी के प्रीणी गांव और उनकी कविता मनाली मत जाइयो, राजा के राज में'...का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अटल टनल रोहतांग ने यहां के लोगों को बोझमुक्त कर दिया है. देश अब धीरे धीरे अनलॉक हो रहा है. इससे प्रदेश में पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ेंगी.

गौर रहे कि अटल टनल में आवाजाही से लाहौल स्पीति में उत्पादित माल के क्रय-विक्रय की गतिविधियां शुरू होंगी, जिससे यहां के लोगों की आर्थिकी मजबूत होगी. लाहौल-स्पीति में करीब पांच हजार बीघा भूमि पर आलू, मटर, गोभी और लिली के फूलों की खेती की जा रही है.

साथ ही जौ का उत्पादन किन्नौर और लाहौल-स्पीति में अधिक होता है. हिमाचल में जौ के कुल उत्पादन का 70 प्रतिशत लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिला में उत्पादित होता है. लाहौल में दो हजार बीघा में सेब के बगीचे हैं. यह घाटी स्वयं में अपार सौंदर्य समेटे हुए हैं. ऐसे में हर मौसम में यह सुरंग कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.

वहीं, पर्यटक अक्सर कुल्लू व मनाली से लाहौल-स्पीति के केलांग की घाटियों में भी जाते हैं, जहां धार्मिक स्थल है. वहां जाने में 5-6 घंटे लगते थे. पर्यटक अब कम समय में वहां पहुंच सकते हैं. विशेष रूप से फल और सब्जी विक्रेताओं को इस टनल से बहुत फायदा होगा.

लाहौल-स्पीति में उत्तम किस्म की सब्जियों की खेती होती है, जिसकी पड़ोसी राज्य पंजाब व हरियाणा में अच्छी खासी मांग रहती है. इसके अलावा यहां कई प्रकार की जड़ी-बुटियां भी पैदा होती है.

ये भी पढ़ें: लाहौली बोली में पीएम मोदी ने जीता लोगों का दिल, कहा: अब लाहौल में आएगा नया दौर

कुल्लू: जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली के सोलंग नाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अटल टनल रोहतांग के बनने से अब लोग कम समय में मनाली से केलांग पहुंच सकेंगे. उन्होंने कहा कि लोग मनाली में घी सिड्डू खाने के बाद दोपहर में चिलड़ा केलांग में खा पाएंगे.

1997 में सोलंग नाला में पैराग्लाडिंग की यादों को ताजा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरी पैराग्लाडिंग किट उठाकर पहाड़ी पर जाने पर दम उखड़ जाता था. अटल बिहारी वाजपेयी जब एक बार आए तो पैराग्लाडिंग से फूलों की बारिश की गई थी. अटल बिहारी वायपेयी ने कहा था कि बहुत साहसी हो.

पीएम मोदी ने प्रदेशवासियों को अटल टनल रोहतांग के लोकार्पण की बधाई दी. साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी के प्रीणी गांव और उनकी कविता मनाली मत जाइयो, राजा के राज में'...का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अटल टनल रोहतांग ने यहां के लोगों को बोझमुक्त कर दिया है. देश अब धीरे धीरे अनलॉक हो रहा है. इससे प्रदेश में पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ेंगी.

गौर रहे कि अटल टनल में आवाजाही से लाहौल स्पीति में उत्पादित माल के क्रय-विक्रय की गतिविधियां शुरू होंगी, जिससे यहां के लोगों की आर्थिकी मजबूत होगी. लाहौल-स्पीति में करीब पांच हजार बीघा भूमि पर आलू, मटर, गोभी और लिली के फूलों की खेती की जा रही है.

साथ ही जौ का उत्पादन किन्नौर और लाहौल-स्पीति में अधिक होता है. हिमाचल में जौ के कुल उत्पादन का 70 प्रतिशत लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिला में उत्पादित होता है. लाहौल में दो हजार बीघा में सेब के बगीचे हैं. यह घाटी स्वयं में अपार सौंदर्य समेटे हुए हैं. ऐसे में हर मौसम में यह सुरंग कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.

वहीं, पर्यटक अक्सर कुल्लू व मनाली से लाहौल-स्पीति के केलांग की घाटियों में भी जाते हैं, जहां धार्मिक स्थल है. वहां जाने में 5-6 घंटे लगते थे. पर्यटक अब कम समय में वहां पहुंच सकते हैं. विशेष रूप से फल और सब्जी विक्रेताओं को इस टनल से बहुत फायदा होगा.

लाहौल-स्पीति में उत्तम किस्म की सब्जियों की खेती होती है, जिसकी पड़ोसी राज्य पंजाब व हरियाणा में अच्छी खासी मांग रहती है. इसके अलावा यहां कई प्रकार की जड़ी-बुटियां भी पैदा होती है.

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