कुल्लू: बंजार बस हादसे के बाद भी निजी बस के चालक और परिचालक पैसे के चक्कर में यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. बता दें कि रामपुर से जाओ को जा रही बस ओवरलोड सवारियां से भरी हुई थी. इसमें 42 सीटों थी लेकिन सवारियां 70 से 80 थीं इतना ही नहीं बस की छत पर भी सवारी बैठी हुई थी. ओवरलोडिंग का एक बड़ा कारण सरकारी बसों के चालक व परिचालकों की मनमानी भी है. लोगों का कहना है कि एचआरटीसी चालक बस को अपनी मन मर्जी के स्टॉप पर रोकते हैं जिससे सवारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. चालक पैसे कमाने के लालच में निजी बस में क्षमता से अधिक सवारियों को भर देते हैं.
हैरानी की बात यह है कि अभी बंजार हादसे को एक माह भी नहीं हुआ कि ओवरलोडिंग दस्तूर जारी है. बंजार के बेयोठ मोड़ पर हुए बस हादसे ने कई घरों के चिराग बुझा दिए थे. सड़कों की दयनीय हालत और ओवरलोडिंग बस हादसों का एक मुख्य कारण है लेकिन फिर भी सरकार और प्रशासन यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करती है.
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ओवरलोडिंग पर पूर्ण प्रतिबंध होने के बाद भी बसों में ओवरलोडिंग का दौर जारी है. ऐसे में परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी कड़े सवाल उठते हैं.