किन्नौरः जिला किन्नौर के दुर्गम क्षेत्र छितकुल गांव में सर्दियों में 5 से 6 फीट बर्फबारी होती है. ऐसे में इस क्षेत्र के लोगों को सर्दियों में तो कई बार 3 महीने तक बिना बिजली के रहना पड़ता है. इस क्षेत्र में जहां इंसान 3 महीने तक अंधेरे में रहने को मजबूर होता है वहीं पशुओं को भी कई बार चारे की कमी से भूखे रहने पर मजबूर होना पड़ता है.
छितकुल गांव के भूतपूर्व उपप्रधान दी जानकारी
छितकुल गांव के भूतपूर्व उपप्रधान अरविंद नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर का छितकुल गांव इंडिया-चाइना बॉर्डर के साथ लगता क्षेत्र है. जहां सर्दियों में बिजली गुल होने के बाद लोगों को अंधेरे में रहना पड़ता है. ऐसे में उन्होंने बीते वर्ष जिला प्रशासन से छितकुल गांव के विभिन्न क्षेत्रों में सोलर लाइट लगाने की मांग की थी.
पशुओं के चारे की आ रही समस्या
इसके अलावा सर्दियों में पशुओं को चारे की भारी समस्या भी रहती है क्योंकि बीते वर्ष छितकुल गांव मे बारिश नहीं होने से घास नहीं उगी थी. ऐसे में पशुओं के चारे के लिए भी प्रशासन से सहायता मांगी थी, लेकिन छितकुल गांव के लोगों की दोनों मांगें अब तक जिला प्रशासन ने पूरी नहीं की हैं, जिसके चलते इंसान के साथ पशुओं को परेशानियां आ रही हैं.
डीसी किन्नौर ने दिया था मांगो को पूरा करने का आश्वासन
अरविंद नेगी ने कहा कि हालांकि बीते दिनों डीसी किन्नौर हेमराज बैरवा का छितकुल दौरा किया था और उस दौरान भी ग्रामीणों समेत पंचायत प्रतिनिधियों ने छितकुल गांव की इन दोनों समस्याओं से अवगत करवाया था. जिस पर डीसी किन्नौर ने जल्द ही इन दोनों मांगो को पूरा करने का आश्वासन दिया था. उन्होंने प्रशासन से जल्द ही छितकुल गांव में स्ट्रीट लाइटों के साथ पशुचारा की व्यवस्था करने की मांग कि है ताकि कोई परेशानी न हो.
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